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    कानपुर में प्लॉट ठगी मामला, अखिलेश दुबे व निलंबित सीओ ऋषिकांत के तीन साथियों का एनबीडब्ल्यू जारी

    Updated: Fri, 07 Nov 2025 07:47 AM (IST)

    कानपुर में सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर से प्लॉट के नाम पर 51 लाख की ठगी के मामले में तीन आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुआ है। इंस्पेक्टर ने जेसीपी से शिकायत कर मुख्य आरोपी को अधिवक्ता अखिलेश दुबे का साथी बताया है, जिसके बाद जेसीपी ने जांच के आदेश दिए हैं और कुर्की की प्रक्रिया शुरू करने को कहा है।

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    जागरण संवाददाता, कानपुर। प्लाट दिलाने का झांसा देकर किदवई नगर के सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर भगवती प्रसाद मिश्र से 51 लाख रुपये हड़पने के आरोप में दंपती समेत तीन आरोपितों के खिलाफ गैर जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू्) जारी हो गया है। यह आदेश अपर सिविल जज सीनियर डिवीजन 6 की कोर्ट ने दिया है।

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    वहीं, शिकायतकर्ता सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर ने गुरुवार को संयुक्त पुलिस आयुक्त (जेसीपी) से मुलाकात की और आरोप लगाया कि मुख्य आरोपित दिलीप राय बलवानी अधिवक्ता अखिलेश दुबे और निलंबित सीओ ऋषिकांत शुक्ला का साथी है। इस पर जेसीपी ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि आरोपितों पर कुर्की और इनाम घोषित करने की प्रक्रिया भी की जा रही है।

    मूलरूप से प्रयागराज के हंडिया के रहने वाले सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर भगवती प्रसाद मिश्र का एक घर किदवईनगर एन ब्लाक में भी है। वह परिवार के साथ यहीं रहते हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2018 में उरई में तैनाती के दौरान जौनपुर के सिकरारा थानाक्षेत्र के डमरूवा गांव निवासी दिलीप राय बलवानी से उनकी मुलाकात हुई थी। धीरे-धीरे उससे दोस्ती हो गई।

    वर्ष 2021 में दिलीप ने उन्हें किदवई नगर के दो फ्लैट कम दाम पर दिलाने का प्रस्ताव दिया, जिनकी कीमत 1.40 करोड़ थी। हालांकि, उन्हें फ्लैट पसंद नहीं आया तो दिलीप ने उन्हें गोविंद नगर में एक प्लाट दिखाया। दिलीप ने कहा कि 26 लाख रुपये बैंक के माध्यम से और 25 लाख रुपये नकद देने होंगे।

    इस पर उन्होंने दिलीप को 51 लाख रुपये दे दिए, लेकिन प्लाट की रजिस्ट्री नहीं कराई। जब उन्होंने रुपये वापस मांगे तो दिलीप, उसकी पत्नी रीता राय और भाई सुरजीत कुमार बलवानी ने और पैसे मांगे। विरोध करने पर धमकाकर भगा दिया। मामले में पुलिस आयुक्त के आदेश पर 22 जनवरी 2025 को किदवई नगर थाने में तीनों आरोपितों पर मुकदमा दर्ज हुआ था, लेकिन इनकी गिरफ्तारी नहीं हुई।

    इस पर सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर भगवती प्रसाद मिश्रा ने गुरुवार को संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून-व्यवस्था आशुतोष कुमार से मुलाकात की। आरोप लगाया कि दिलीप राय बलवानी जेल में बंद अधिवक्ता अखिलेख दुबे और निलंबित सीओ ऋषिकांत शुक्ला का शागिर्द है। इस पर जेसीपी ने आरोपों की जांच कराने और फरार आरोपितों के खिलाफ कुर्की व इनाम घोषित करने के भी निर्देश दिए।

    दिलीप पर 16 और पत्नी पर दर्ज हैं पांच मुकदमे

    पुलिस के मुताबिक, मुख्य आरोपित दिलीप राय बलवानी के खिलाफ लखनऊ, उरई, जौनपुर, किदवई नगर के थाना क्षेत्रों में 16 मुकदमे दर्ज हैं। वहीं, उसकी पत्नी रीता राय के खिलाफ के खिलाफ भी लखनऊ समेत अन्य जिलों के थानों में पांच मुकदमे हैं।