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    राष्ट्रीय शर्करा संस्थान अब सहकारी चीनी मिल संघ को करेगा प्रशिक्षित, यहां पढ़िए क्या है पूरा प्रोग्राम

    By Abhishek AgnihotriEdited By:
    Updated: Wed, 06 Apr 2022 11:51 AM (IST)

    कानपुर स्थित राष्ट्रीय शर्करा संस्थान में सहकारी चीनी मिल संघ के स्टॉफ के लिए छह विशिष्ट प्रशिक्षण कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की गई है।एनएसआइ निदेशक की गन्ना आयुक्त व संघ के प्रबंध निदेशक के साथ वार्ता में फैसला लिया गया है।

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    एनएसआई में होंगे छह विशिष्ट प्रशिक्षण कार्यक्रम।

    कानपुर, जागरण संवाददाता। उत्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिल संघ लिमिटेड की मिलों के तकनीकी स्टाफ की दक्षता बढ़ाने में अब राष्ट्रीय शर्करा संस्थान (एनएसआइ) के विज्ञानी सहयोग करेंगे। गन्ना आयुक्त और संघ के प्रबंध निदेशक से हुई वार्ता के क्रम में एनएसआइ निदेशक ने कर्मचारियों के लिए छह विशिष्ट प्रशिक्षण कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की है। प्रशिक्षण कार्यक्रम 25 मई से एक जुलाई के बीच संस्थान में आयोजित होंगे।

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    निदेशक प्रो. नरेंद्र मोहन ने बताया कि उप्र सहकारी चीनी मिल संघ लिमिटेड की 24 चीनी मिलें हैं। उनकी क्षमता व उत्पादन निजी क्षेत्र की चीनी मिलों से कम है। इसी वजह से संघ की मिलों में उत्पादन के साथ ही अन्य सह उत्पादों को बढ़ावा देने और एथेनाल व बिजली उत्पादन इकाइयों की स्थापना के लिए ही पिछले माह लखनऊ के बापू भवन में चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव और गन्ना आयुक्त संजय भूसरेड्डी व संघ के प्रबंध निदेशक रमाकांत पांडेय के साथ वार्ता हुई थी।

    संस्थान इन मिलों के विभिन्न श्रेणी के तकनीकी स्टाफ के लिए 2& मई से अल्प अवधि के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करेगा। सोमवार को गन्ना आयुक्त व सहकारी चीनी मिल संघ की ओर से सैद्धांतिक सहमति भी मिल गई है। प्रशिक्षण में 100 से अधिक तकनीकी कर्मचारी प्रतिभाग करेंगे। कार्यक्रम के नोडल अधिकारी शर्करा अभियांत्रिकी के प्रोफेसर डा. स्वेन होंगे।

    यह दिया जाएगा प्रशिक्षण

    -चीनी मिलों की दक्षता बढ़ाने, आधुनिकीकरण करने के लिए नई तकनीकी बताई जाएगी।

    -चीनी मिलों के साथ पावर जनरेशन व एथेनाल इकाइयां लगाने की योजना पर कार्य किया जाएगा।

    -मिलों में कार्यरत तकनीकी स्टाफ के ज्ञान का स्तर बढ़ाने की कोशिश की जाएगी।

    -चीनी, बिजली व एल्कोहल उत्पादन की नई तकनीक के साथ नई मशीनों की जानकारी।

    -गुणवत्ता नियंत्रण, आटोमेशन, केमिकल कंट्रोल व चीनी सह-उत्पादों के उपयोग को बताया जाएगा।