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    अपार्टमेंट होने के बाद भी दे रहे मकान का टैक्स, नगर निगम स्मार्ट सिटी मिशन के तहत ड्रोन से कराएगा सर्वे

    By Abhishek VermaEdited By:
    Updated: Fri, 17 Jun 2022 03:28 PM (IST)

    कानपुर नगर निगम में गृहकर तय करने के लिए अब ड्रोन की मदद से इमारतें ढूंढ़ी जाएंगी। वहीं स्मार्ट सिटी मिशन के तहत और टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही शहर की इमारतों का ड्रोन सर्वे शुरू कराया जाएगा।

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    स्मार्ट सिटी मिशन के तहत ड्रोन सर्वे कराने की तैयारी।

    कानपुर, जागरण संवाददाता। नगर निगम में गृहकर निर्धारण में हो रहे खेल को अब ड्रोन की मदद से पकड़ा जाएगा। इससे आय बढ़ने के साथ ही दस्तावेजों में खेल खेलने वाले कर अधीक्षक और राजस्व निरीक्षक भी उजागर होंगे। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत शहर की इमारतों का ड्रोन सर्वे कराया जाने की तैयारी की जा रही है।

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    स्मार्ट सिटी मिशन की पिछले दिनों हुई बोर्ड बैठक में फैसला लिया गया कि शहर की इमारतों का ड्रोन से निरीक्षण कराया जाएगा। इसके लिए बोर्ड ने प्रस्ताव भी पास कर दिया है। अब जल्द कंपनी फाइनल कराने के लिए टेंडर प्रक्रिया कराके ड्रोन से सर्वे शुरू करा दिया जाएगा।

    नगर निगम ने वर्ष 1987 के बाद वर्ष 2006 में मकानों का भौगोलिक सूचना प्रणाली के तहत सर्वे कराया गया था। इसके बाद अब नगर निगम लखनऊ की एक कंपनी से हर वार्ड का सर्वे करा रहा है। पिछले तीन साल से सर्वे चल रहा है, जो अभी 50 प्रतिशत भी नहीं हो पाया है। अब पूरे शहर पर नजर रखने के लिए स्मार्ट सिटी मिशन के सहयोग से ड्रोन से पूरा नक्शा तैयार कराया जाएगा। इसके आधार पर एक-एक वार्ड में बने मकानों का सर्वे गृहकर के दस्तावेजों से मिलान कराया जाएगा। इसमें पकड़ में आ जाएगा कि कौन सी इमारत मौके पर कितनी बनी है और टैक्स कितना लिया जा रहा है।

    शहर में तीस हजार से ज्यादा अपार्टमेंट खड़े हो गए हैं, लेकिन कागज में कई अभी भी मकान का टैक्स दे रहे हैं। इसके अलावा तमाम आवासीय स्थानों में गेस्ट हाउस, नर्सिंगहोम और शापिंग कांप्लेक्स बन गए हैं, लेकिन टैक्स आवासीय ही दर्ज हो रहा है। नगर आयुक्त शिव शरणप्पा जीएन ने बताया कि ड्रोन के माध्यम से छूट मकानों को भी चिह्नित किया जा सकेगा। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत ड्रोन से शहर का सर्वे कराया जाएगा।

    अभी की स्थिति

    दर्ज मकान - 4.65 लाख

    टैक्स दे रहे - 2.30 अरब रुपये 

    बिल भेजे जा रहे - एसएमएस के माध्यम से

    कुल मोबाइल दर्ज - 2.50 लाख

    छूटे मकान - करीब 50 हजार