कानपुर नगर निगम ने जारी की बकायेदारों की सूची, मंदिर और स्कूल पर लगा दिया हाउस टैक्स
आवासीय भवनों की अपेक्षा व्यावसायिक भवनों पर पांच गुना ज्यादा हाउस टैक्स लगाया जाता है। सरकार के नियमानुसार विद्यालय और मंदिर पर टैक्स नहीं लगाया जा सकता। हाउस टैक्स का बिल मिलने पर मंदिर प्रबंधक ने शिकायत की।

कानपुर, जेएनएन। नगर निगम की ओर से बिना जांच पड़ताल ही भवन स्वामियों को टैक्स भेजा जा रहा है। जोन पांच में मंदिर और स्कूल को हाउस टैक्स का नोटिस भेजा गया है, जबकि दोनों ही प्रतिष्ठान टैक्स मुक्त हैं। वहीं नगर निगम ने टैक्स न जमा करने वाले दक्षिण क्षेत्र के 268 व्यावसायिक भवनों की सूची जारी की है। इसमें दो केस बानगी मात्र हैं.., जिसकी शिकायत की गई है।
केस एक : बर्रा पांच में एक प्राइवेट जूनियर हाईस्कूल चलता है। नगर निगम की ओर से स्कूल को 24,274 रुपये बकाया टैक्स का नोटिस भेजा गया है।
केस दो : गोविंद नगर स्थित रघुनाथ मंदिर को नगर निगम ने 50,460 रुपये का नोटिस भेजा है। मंदिर प्रबंधक चंद्रमोहनी ने पार्षद नवीन पंडित से इसकी शिकायत की है।
कर अधीक्षक सभाजीत सिंह ने बताया कि व्यावसायिक भवन स्वामियों को कई बार नोटिस देकर टैक्स जमा करने के लिए कहा गया था, लेकिन किसी ने जमा नहीं किया। उन्होंने बताया कि आवासीय भवनों की अपेक्षा व्यावसायिक भवनों पर पांच गुना ज्यादा हाउस टैक्स लगाया जाता है। सरकार के नियमानुसार विद्यालय और मंदिर पर टैक्स नहीं लगाया जा सकता। उन्होंने बताया कि अगर किसी का बिल गलत चला गया है तो वह नगर निगम में अपनी शिकायत कर सकता है। जांच के बाद बिल को संशोधित कर दिया जाएगा।
जोन पांच में आते हैं यह इलाके : बर्रा दो, तीन, चार, पांच, छह, सात, आठ, गोविंद नगर, गुजैनी, दबौली, बर्रा विश्वबैंक, रतनलाल नगर, गोविंदनगर, पनकी, निराला नगर, गंगागंज, कौशलपुरी।
- व्यावसायिक भवन स्वामियों को नोटिस देकर एक माह के अंदर टैक्स जमा करने के लिए चेतावनी दी है। समय पर बिल जमा नहीं हुआ तो कुर्की, सील व नीलामी की कार्रवाई की जाएगी। -स्वर्ण सिंह, जोनल अधिकारी जोन पांच
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