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    Kanpur News: लखनऊ में एक मौत पर कार्रवाई, कानपुर शहर के खुले नालों में समा चुकी कई जिंदगियां, जिम्मेदार कौन

    By ankur Srivastava Edited By: Anurag Shukla1
    Updated: Tue, 15 Jul 2025 04:23 PM (IST)

    लखनऊ में नाले में गिरने से एक युवक की मौत हो गई। जिम्मेदारों पर कार्रवाई भी हुई। लेकिन कानपुर में ऐसा नहीं है। यहां पर खुले नालों में अब तक कई जिंदगियां समा चुकी हैं। घटनाओं के बाद नगर निगम के जिम्मेदार खानापूर्ति कर जाते हैं। नगर निगम की लापरवाही से खुले नाले तो कहीं पटिया टूटी हैं।

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    बाबूपुरवा में व नौबस्ता जाने वाला खुला नाला। जागरण

    अंकुर श्रीवास्तव, जागरण, कानपुर। लखनऊ में नाले में गिरकर पेंटर की मौत के मामले को मुख्यमंत्री के संज्ञान में लेने के बाद जहां नगर निगम के जेई को निलंबित किया और ठेकेदार पर मुकदमा दर्ज हो गया, लेकिन शहर में अब तक कोई ऐसी कार्रवाई नहीं हुई। यहां भी खुले नाले में कई जिंदगियां समा चुकी हैं, पर जिम्मेदारों पर कोई कार्रवाई नहीं होती। सोमवार को ही दो दिन से लापता युवक का शव गोविंद नगर के नाले में मिला है।

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    जब कभी लोग आक्रोशित ज्यादा होते हैं तो पुलिस और नगर निगम अधिकारी जांच का हवाला देकर मामले को ही ठंडा कर देते हैं और दिवंगत परिवार जांच पूरी होने का इंतजार करता रहता है। अगर लखनऊ की तरह यहां भी नगर निगम के अधिकारी व ठेकेदारों पर कार्रवाई होने लगे तो इस तरह की घटनाएं भी काफी हद तक कम हो जाएंगी।

    नाला सफाई के दौरान तोड़े गए पट्टिया तो कहीं खोले गए चैंबर लोगों के लिए जानलेवा बने हुए हैं। शहर का शायद ही ऐसा कोई मुहल्ला हो, जहां के कई लोग खुले नाले, टूटी पट्टिया या खुले चैंबर के ढक्कन जैसी समस्या से न जूझ रहे हैं। सबसे ज्यादा समस्या वर्षा के दौरान होती है, जब हर सड़क और गलियों में जलभराव होता है तो खुले नाले, टूटी पटिया व चैंबर मुसीबत बनकर आ जाती है।

    पूर्व में भी इस तरह की कई घटनाओं में लोगों की जाने गईं। उसके बावजूद हालात जस के तस ही हैं। गोविंद नगर, दादानगर, बर्रा, खाड़ेपुर योगेन्द्र विहार, दामोदर नगर, बाबूपुरवा, नौबस्ता, यशोदा नगर, पनकी, रावतुपर, कल्याणपुर, ग्वालटोली, चकेरी गांधीग्राम समेत के दर्जनों क्षेत्रों के कई नाले खुले हैं। खुले नाले में गिरने में सात लोगों की मौत हो चुकी है।

    जनता बोली

    वैसे ही शहर में सड़कों की दुर्दशा है। उस पर खुले नाले तो जानलेवा बन गए हैं। पूर्व में गई लोगों की मौत के बाद भी जिम्मेदार अनजान बने रहते हैं।

    - ममता वर्मा स्टूडेंट, बीएड छात्रा, रावतपुर

    नगर निगम के ठेकदार जानबूझकर सफाई के बाद नाले खुले छोड़ देते हैं। कहीं पटिया टूटी मिलती तो कहीं चैंबर खुले दिखते हैं, लेकिन अधिकारी हरबार की तरह जांच करने की बात कहकर मामला टाल देते हैं।-

    विक्रम सिंह राजावात, व्यापारी, कल्याणपुर

    शहरभर में खुले नाले जानलेवा साबित हो रहे है। खासकर बारिश के दौरान जलभराव होने खुले नालों का अंदाजा लगाना भी मुश्किल होता है। ऐसे में हादसे का खतरा हर समय बना रहता है।

    -मोनू यादव, व्यापारी, गोविंदनगर

    आए दिन कोई न कोई खुले नाले की चपेट में आकर जान गवां रहा है, लेकिन इसके बावजूद प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। नालों की सफाई के बाद कई जगह खुला छोड़ दिया गया है, जो हादसे का कारण बने हैं।

    -आकाश अरोरा,व्यापारी गोविंदनगर

    पहले भी नाले में गिरने से मौत की हो चुकी घटनाएं::

    • 15 जून 2025: गीता नगर क्रासिंग के पास खुले नाले में गिरकर टाइल्स ठेकेदार छपेड़ा पुलिया के सलीम मौत हुई।
    • एक मार्च 2025: महाराजपुर में पुलिस को देख भागे जुआरियों में नीरज की नाले में गिरने से मौत हुई। हालांकि परिवार ने डुबोकर हत्या का आरोप लगाया था।
    • 25 जनवरी 2025: जाजमऊ के जेके प्रथम चौराहे के पास फुटपाथ की टूटी स्लैब से नारायण गार्डन निवासी आसिफ की नाले में गिरकर मौत हुई।
    • 18 दिसंबर 2024: खलासी लाइन में घर के बाहर खेल रही पांच वर्षीय रागिनी की सीसामऊ नाले की टूटी फर्श से नीचे गिरकर मौत हो गई।
    • 16 दिसंबर 2023: चकेरी के गांधीग्राम निवासी पंकज श्रीवास्तव की नाले में गिरकर मौत।

    यह है जिम्मेदार

    • नगर निगम के अधिशासी अभियंता जोन एक आरके तिवारी, जोन दो दिवाकर भास्कर, जोन तीन राजेश सिंह, जोन चार नानक चंद्र, जोन पांच कमलेश पटेल और जोन छह आरके सिंह
    • नगर स्वास्थ्य अधिकारी - डा अजय संखवार, डा अमित सिंह गौर व डा चंद्रशेखर
    • जलकल के अधिशासी अभियंता जोन एक राजकुमार, जोन दो जेपी गुप्ता, जोन तीन नवीना खान, जोन चार रमेश चंद्रा, जोन पांच- रामेंद्र पांडेय व जोन छह मोहम्मद शमीम।
    • इनकी जिम्मेदारी है कि कहीं भी नाला या मैनहोल की सफाई के दौरान पटरी या ढक्कन हटाया गया है तो उसको रखा जाए।

    खुले नालों की तरफ बैरीकेड्स लगाने के आदेश दिए है। साथ ही जहां पर नाला व मैनहोल की सफाई के बाद पटरी व ढक्कन हटाया गया है उसको लगाने के आदेश दिए है। जहां पर सफाई केे बाद ढक्कन नहीं लगाया गया तो संबंधित ठेकेदार व अफसर पर कार्रवाई की जाएगी। 10 दिन में व्यवस्था दुरुस्त करने के आदेश दिए है।

    सुधीर कुमार, नगर आयुक्त