Kanpur news: प्रेमी ने दूसरे से शादी कर लेने पर कर दी थी हत्या, अब हत्यारे को आजीवन कारावास
दरोगा में परीक्षा देने आई युवती का नाले में शव मिला था। मामला 2021 का है। जांच में पता चला था कि हत्या उसका प्रेमी है। प्रेमी ने दूसरे युवक से शादी करने पर उसकी हत्या कर दी थी। कन्नौज छिबरामऊ के गांव रौरी निवासी श्रद्धा से गाजियाबाद में हुई थी। शादी के बाद वह पटियाला में रहते थे।

जागरण संवाददाता, कानपुर। पटियाला से कानपुर पेपर देने आई प्रेमिका की हत्या मामले में चार साल बाद फैसला आ गया। कोर्ट ने हत्यारे प्रेमी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। प्रेमी ने दूसरे से शादी करने पर उसकी हत्या कर दी थी।
अपर जिला जज प्रथम सुदामा प्रसाद की कोर्ट ने युवती की हत्या में युवक को आजीवन कारावास और 33 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। जुर्माने की आधी राशि वादी को दी जाएगी। दूसरे अभियुक्त पर हत्या और शव छिपाने के आरोप अभियोजन साबित नहीं कर सका। इसलिए उसे कोर्ट ने दोषमुक्त करार दिया।
पटियाला निवासी हरजीत सिंह ने सचेंडी थाने में 17 नवंबर 2021 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 12 नवंबर 2021 को उसकी पत्नी श्रद्धा सचेंडी के चकरपुर स्थित आरसीआरडी कन्या महाविद्यालय में उत्तर प्रदेश पुलिस में दारोगा की परीक्षा देने के लिए पटियाला से कानपुर आई थी। वापस न आने पर 15 नवंबर 2021 को सचेंडी थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी।
बाद में पता चला कि पत्नी का पूर्व प्रेमी शाहपुर थाना बिधनू निवासी सुजीत गौतम 12 नवंबर 2021 को आरसीआरडी कालेज चकरपुर में परीक्षा दिलाने के बाद अपने साथ ले गया था। प्रेम प्रसंग में विफल होने के कारण उसकी हत्या कर शव कहीं छिपा दिया है। उसकी पत्नी का शव छिपाने में सूरज ने उसका साथ दिया है।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता प्रदीप कुमार साहू ने बताया कि पति ने कोर्ट में बयान में बताया था कि उसकी शादी 27 मई 2021 को कन्नौज छिबरामऊ के गांव रौरी निवासी श्रद्धा से गाजियाबाद में हुई थी। शादी के बाद वह पटियाला में रहते थे। परीक्षा की तारीख के दिन दोपहर करीब डेढ़ बजे पत्नी ने फोन कर बताया था कि वह पेपर देने जा रही है।
शाम सात बजे के बाद उन्होंने फोन मिलाया तो मोबाइल फोन स्विच आफ बताने लगा। बाद में श्रद्धा का शव सचेंडी के किशनपुर गांव के पास नाले में पड़ा मिला था। कानपुर रेलवे स्टेशन में श्रद्धा को ले जाते हुए उसके पूर्व प्रेमी सुजीत गौतम के सीसी कैमरे के फुटेज बतौर साक्ष्य पेश किए गए थे। अभियोजन की ओर से 11 गवाह कोर्ट में पेश किए गए थे। कोर्ट ने सुजीत को सजा सुनाई जबकि साक्ष्यों के अभाव में सूरज को बरी कर दिया।
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