Kanpur Metro: नौबस्ता तक कब चलेगी कानपुर मेट्रो? आ गया लेटेस्ट अपडेट
कानपुर में गणतंत्र दिवस पर नौबस्ता तक मेट्रो चलाने की योजना है। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने ब्लू प्रिंट तैयार कर लिया है। पहले चरण में आईआईटी से मोतीझील तक मेट्रो चली थी। अब इसे नौबस्ता तक बढ़ाने की तैयारी है। सुरक्षा मानकों का पालन किया जाएगा और कमिश्नर ऑफ मेट्रो रेल सेफ्टी से अनुमति ली जाएगी। इससे दक्षिणी कानपुर के लाखों यात्रियों को सुविधा मिलेगी।

जागरण संवाददाता, कानपुर। वर्ष 2019 से मेट्रो के पहले कारिडोर पर काम कर रहे प्रबंधन ने अब अंतिम 100 दिन का ब्लू प्रिंट तैयार किया है। इसके तहत गणतंत्र दिवस तक नौबस्ता तक मेट्रो ट्रेन चलाने की योजना है। इसका एक कारण यह भी है कि मेट्रो इस रूट को पूरा करने के लिए किसी महत्वपूर्ण दिन के साथ खुद को जोड़ना चाहता था
मेट्रो ने आइआइटी से शहर में निर्माण कार्य शुरू किया था। अब तक आइआइटी से मोतीझील और फिर सेंट्रल स्टेशन तक दो चरण में काम को पूरा कर मेट्रो ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है। 14 स्टेशनों के बीच पहले कारिडोर में ट्रेन चल रही है और नौबस्ता तक संचालन होना बाकी हैं। पहले दौर में नवंबर 2024 तक दोनों कारिडोर को पूरा कर लेने का लक्ष्य बनाया गया था, लेकिन यह समय सीमा आगे बढ़ती चली गई।
अब मेट्रो ने पहले कारिडोर का काम खत्म करने के लिए 100 दिन का ब्लू प्रिंट तैयार किया है। भूमिगत रूट के लिए खोदाई का काम पूरा हो गया है। सभी क्रास ओवर भी तैयार किए जा चुके हैं। स्टेशन भी बन चुके हैं। सेंट्रल मेट्रो स्टेशन से झकरकटी बस अड्डे के बीच सुरंग में सबसे अधिक कार्य होना है। यहां रेल ट्रैक, थर्ड रेल के साथ वायरिंग का काम होना है।
बारादेवी से नौबस्ता के बीच एलिवेटेड रूट पर ट्रैक निर्माण के साथ सिस्टम लगाने का काम चल रहा है। साथ ही सिग्नल, टेलीकाम, इलेक्ट्रिकल सिस्टम को लगाने का कार्य भी किया जा रहा है। इस रूट पर मेट्रो के सामने दिल्ली-हावड़ा रेलवे रूट को पार करना बड़ी चुनौती थी, यह दूरी 70 मीटर की थी, जिसे पूरा कर लिया गया है।
अब सेंट्रल स्टेशन से आगे बढ़कर मेट्रो ट्रेन को झकरकटी, ट्रांसपोर्ट नगर, बारादेवी, किदवई नगर, वसंत विहार, बौद्ध नगर होते हुए नौबस्ता स्टेशन तक पहुंचना है। मेट्रो ने इस रूट पर भूमिगत सुरंग की खोदाई नाना, तात्या, आजाद और विद्यार्थी नाम की टनल बोरिंग मशीन से पूरी की है। ये सभी टनल बोरिंग मशीन क्रांतिकारियों के नाम पर हैं। इसीलिए अब मेट्रो के अधिकारी गणतंत्र दिवस को लक्ष्य मानकर अपने काम में जुट गए हैं।
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