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    Health Tips: इयर बड्स के बाद आप के साथ भी होती ये समस्या, युवाओं में बढ़ रहा हियरिंग लास का खतरा

    By Ankush Kumar Edited By: Anurag Shukla1
    Updated: Mon, 21 Jul 2025 06:25 PM (IST)

    इयर बड्स कान को बीमार कर रही हैं। कानपुर के एलएलआर और उर्सुला अस्पताल की ईएनटी की ओपीडी में हर दिन 50 से ज्यादा केस सामने आ रहे। वर्षा के दिनों में युवाओं में सबसे ज्यादा इयर बड्स कान के संक्रमण का कारण बन रहा और तेजी से हियरिंग लास की समस्या बढ़ रही।

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    ईएनटी ओपीडी में मरीज को देखते डाक्टर। जागरण

    अंकुश शुक्ला, जागरण, कानपुर। वर्षा का मौसम हव में नमी पैदा करता है। जो वातावरण में बैक्टीरिया और वायरल के साथ फंगल के ग्रोथ को बढ़ाती है। यह फंगस, बैक्टीरिया और वायरस ही शरीर में कई प्रकार के संक्रमण का कारण बनता है। जहां शरीर और आंख में छूने से और किसी संक्रमित के प्रयोग किए तौलिया से संक्रमण का खतरा होता है।

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    वहीं, कान में संक्रमण का कारण इयर बड्स बन रहा है। लंबे समय तक इयर बड्स के प्रयोग करने से हियरिंग लास और संक्रमण के मामलों में वृद्धि देखने को मिल रही है। वर्षा के मौसम की शुरुआत से ही ईएनटी की ओपीडी में हर दिन 50 से ज्यादा युवा संक्रमण और हियरिंग लास की समस्या लेकर विशेषज्ञों के पास पहुंच रहे हैं। 

    इयर बड्स के दो से तीन घंटे के प्रयोग से ही अचानक सुनने की क्षमता पर असर पड़ता है। ऐसे मामले ज्यादातर युवा वर्ग में सामने आ रहे हैं। एलएलआर और उर्सुला अस्पताल की ओपीडी में समस्या लेकर पहुंच रहे मरीजों में हियरिंग लास और संक्रमण की हिस्ट्री में इयर बड्स का अधिक प्रयोग कारण बन रहा है।

    इयर बड्स का दो घंटे अधिक प्रयोग करने से कान में संक्रमण होने और सुनने की क्षमता पर असर पड़ सकता है। लंबे समय तक यह आदत बहरेपन का कारण बनती है। यह कान में फंगस, बैक्टीरिया संक्रमण का कारण भी बन रही है।

    जीएसवीएम मेडिकल कालेज के ईएनटी रोग विशेषज्ञ प्रो. हरेंद्र कुमार बताते हैं कि इयर बड्स की सतह पर बैक्टीरिया और फंगस जमा होने से यह कान में पहुंचकर संक्रमण फैलाता है। कान के मैल कान की नली में और गहराई तक ले जाने में भी इयर बड्स का अधिक प्रयोग जिम्मेदार बन रहा है। इस कारण ही कान में जलन की समस्या के मामले युवा वर्ग में ज्यादातर मिल रहे हैं।

    इसके साथ ही हर दूसरे युवा में तेज आवाज में इयर बड्स का उपयोग करने से कान के अंदर की नाजुक बाल कोशिकाएं क्षतिग्रस्त से हियरिंग लास का दोष मिल रहा है। जीएसवीएम मेडिकल कालेज का ईएनटी विभाग अभी तक 100 से ज्यादा ऐसे मरीजों को आकड़े जुटा चुका है, जो इयर बड्स के प्रयोग से कान में संक्रमण और सुनने की क्षमता कम होने का शिकार हुए हैं। जल्द ही विभाग की ओर से ऐसे मामलों पर शोध शुरू किया जाएगा।

    इयर बड्स के ज्यादा प्रयोग से यह खतरा

    • सुनने की क्षमता पर असर।
    • कान के अंदरुनी भाग में संक्रमण।
    • कान में दर्द और जलन।
    • कान में घंटी की आवाज बजना।
    • सिरदर्द और चक्कर।
    • बहरेपन का खतरा।

    ऐसे करें बचाव

    • इयर बड्स का प्रयोग करते समय वाल्यूम 60 प्रतिशत से ज्यादा न हो।
    • एक घंटे से ज्यादा इयर बड्स का प्रयोग खतरनाक।
    • लंबे समय तक प्रयोग में पांच से 10 मिनट का गैप रखें।
    • कानों में टिनाइटस यानी घंटी की आवाज आने पर डाक्टर को दिखाएं।

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