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    Kanpur News: एम्स की तरह कानपुर जीएसवीएम में सुविधा, शरीर में जहां की सर्जरी सिर्फ उसी हिस्से पर एनेस्थीसिया

    By Ankush Kumar Edited By: Anurag Shukla1
    Updated: Mon, 04 Aug 2025 09:02 PM (IST)

    एम्स की तरह कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कालेज के चिकित्सकों ने बड़ी सफलता हासिल की है। अब शरीर के किसी भी अंग के आपरेशन के लिए पूरे शरीर को एनेस्थीसिया देने की जरूरत नहीं है। अब सिर्फ उसी अंग में एनेस्थीसिया देकर आपरेशन किया जा सकता है। मरीजों का आपरेशन करके जीएसवीएम के चिकित्सकों ने सफलता हासिल की।

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    सफल सर्जरी के बाद मरीज के साथ प्राचार्य प्रो. संजय काला और डा. अपूर्व अग्रवाल। जीएसवीएम

    जागरण संवाददाता, कानपुर। जीएसवीएम मेडिकल कालेज के निश्चेतना (एनेस्थीसिया) विभाग के विशेषज्ञों ने सर्जरी के दौरान बिना पूरे शरीर को बेहोश किए सर्जरी की ओर कदम बढ़ा दिए हैं। अब सेगमेंटल स्पाइनल निश्चेतना विधि से शरीर के जिस भाग की सर्जरी होनी है, सिर्फ उसे ही सुन्न करके सफलतापूर्वक 14 सर्जरी की जा चुकी है।

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    एम्स की तरह अब जीएसवीएम मेडिकल कालेज में भी शरीर के जिस भाग की सर्जरी होगी, उसे ही सुन्न करके सर्जरी की जा रही है। ऐसा करने से सर्जरी के दौरान होने वाले खतरों को कम किया जा सकेगा और मरीज के पैरालाइसिस होने का खतरा भी नहीं रहेगा। चिकित्सकों का दावा है कि प्रदेश में पहली बार कैंसर की सर्जरी मरीज के सर्जरी वाले भाग को ही सुन्न करके की गई।

    जीएसवीएम मेडिकल कालेज के प्राचार्य प्रो. संजय काला ने बताया कि कालेज के एनेस्थीसिया विभाग के चिकित्सकों ने सर्जरी को नई दिशा देने की ओर कदम बढ़ा दिए हैं। सेग्मेंटल स्पाइनल निश्चेतना विधि से विभागाध्यक्ष डा. अपूर्व अग्रवाल और डा. नेहा मिश्रा की टीम ने 48 वर्षीय अमेठी निवासी ऊषा देवी के स्तन कैंसर और 20 वर्षीय निखिल के स्तन की गांठ की सर्जरी सिर्फ उस भाग को ही सुन्न करके अपनी देखरेख में कराई।

    प्राचार्य ने बताया कि एनेस्थीसिया विभाग के डा. अपूर्व, डा. नेहा और भावना की देखरेख में स्तन कैंसर से ग्रसित महिला को बिना बेहोशी दिए सिर्फ रीढ़ की हड्डी के ऊपरी भाग थोरेसिक स्पाइन को विशेष दवाई के जरिये सुन्न किया। जिससे मरीज आपरेशन के दौरान पूरी तरह से होश में रहीं और सर्जन ने सफलतापूर्वक सर्जरी की। इस विधि से सर्जरी के बाद मरीज खुद आपरेशन थियेटर से चलकर पोस्ट आपरेटिव वार्ड तक पैदल चलकर गई।

    उन्होंने बताया कि इसी प्रकार कानपुर देहात निवासी 20 वर्षीय निखिल मिश्रा के स्तन की गांठ की सर्जरी डा. प्रेम शंकर और उनकी टीम ने सिर्फ स्तन और कांख के भाग को सुन्न करके सफलतापूर्वक की।

    सेगमेंटल स्पाइनल निश्चेतना विधि के लाभ

    • इस प्रकार की सर्जरी में कम रक्तस्राव होता है।
    • जिस भाग की सर्जरी होती है, सिर्फ उसे ही सुन्न किया जाता है।
    • मांसपेशियों को आराम मिलता है और दर्द से राहत मिलती है।
    • रिकवरी बहुत तेज और अस्पताल से जल्द छुट्टी मिलती है।
    • मरीज ओटी में भी होश में रहता है।
    • सर्जरी के दौरान और बाद में कम दवा की आवश्यकता रहती है।
    • दर्द निवारक दवाओं का प्रयोग बहुत कम होता है।