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    Kanpur School: कानपुर में दांव पर बचपन, जर्जर स्कूल के भवन, छतों से टपकता पानी, कभी गिर सकती इमारत

    By vivek mishra Edited By: Anurag Shukla1
    Updated: Thu, 31 Jul 2025 06:00 AM (IST)

    सरकार भले बच्चों को स्कूल पहुंचाकर उनके स्वर्णिम भविष्य निर्माण का तानाबाना बुन रही पर जिम्मेदारों की निगरानी में छेद ही छेद हैं। नतीजा स्कूलों की दीवारें-छतें जर्जर हैं। जगह-जगह प्लास्टर उखड़ रहा। ऐसे जर्जर भवनों में पढ़ने वाले बच्चे पढ़ाई कम स्वयं के जीवन के जोखिम में पड़ने को लेकर पसोपेश में हैं। पेश हैं दैनिक जागरण के समाचारीय अभियान कितने सुरक्षित हैं स्कूल की पहली किस्त...

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    आर्यनगर स्थित पं. शिव गोविंद मिश्र इंटर कालेज भवन की क्लास रूम की छत से उखड़ा नजर आता प्लास्टर। जागरण

    मालरोड स्थित एवी विद्यालय भवन की जर्जर स्थिति। जागरणustify;">जागरण संवाददाता, कानपुर। आइए, हम आपको ले चलते हैं वहां, जहां आपके नौनिहाल व राष्ट्र के स्वर्णिम भविष्य को लिखने वाली पीढ़ियों को गढ़ा जा रहा है। सबसे पहले जागरण टीम बुधवार सुबह बिल्हौर विकासखंड के गोहलियापुर गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय पहुंची। अंदर घुसते ही बच्चों की आवाजें सुनाई पड़ीं पर जर्जर दीवारें सोचने को मजबूर करती नजर आईं।

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    दो कमरों में कई जगह दीवार का प्लास्टर उखड़ा मिला। छत ऐसी कि हल्की बारिश में ही टपकने लगती, क्योंकि कई जगह सीलन दिखी। मजबूरन बच्चे स्कूल के बरामदे या परिसर में ही बने आंगनबाड़ी केंद्र में बैठकर गुरु से ज्ञान लेते हैं। छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय बने हैं पर सफाईकर्मी नहीं होने से चहुंओर गंदगी से पटे नजर आए। 

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    मालरोड स्थित एलपी विद्यालय भवन की जर्जर स्थिति। जागरण

    ऐसे ही आर्य नगर के पंडित शिव गोविन्द मिश्र इंटर कालेज, माल रोड में मौजूद एलपी इंटर कालेज और एबी विद्यालय की पड़ताल में जर्जर व्यवस्था की दरारें साफ नजर आईं। छतें व दीवारें किसी भी पल गिरने की हालत में हैं। कमरों से खिड़की व दरवाजे गायब मिले तो मुंडेर पर घास उगी मिली। बिजली के उपकरणों, पंखों की  वायरिंग इतनी पुरानी कि किसी भी समय करंट लगने की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता है।

    छात्र-छात्राओं के लिए शौचालय अलग-अलग पर बदहाली ने उन्हें एक सा बना दिया है। अध्यापक बताते हैं, वर्षा के मौसम में छत से पानी टपकने के साथ कई बार प्लास्टर भी टूटकर गिरता है। ऐसे में हर समय हादसे का खतरा है। मजबूरन बच्चे डर के साये में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।

    आंगनबाड़ी केंद्र और बरामदे में बैठाकर पढ़ाई

    बिल्हौर विकासखंड के गोहलियापुर गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय के दो कमरों की छत इतनी जर्जर है कि शिक्षक मजबूरन बच्चों को स्कूल के बरामदे, परिसर में ही बने आंगनबाड़ी केंद्र में बैठाकर शिक्षा देते हैं। छात्र-छात्राओं का मन पढ़ाई के बजाय ऐसी स्थितियों पर अधिक लगा रहता है। अलग-अलग शौचालय तो हैं पर सफाईकर्मी न होने की वजह गंदे रहते हैं। कार्यवाहक प्रधानाध्यापक कल्पना देवी ने बताया कि स्कूल की छात्र संख्या 100 है। छत की मरम्मत के लिए दो बार खंड शिक्षा अधिकारी को शिकायती पत्र दिया गया है। ग्राम प्रधान वीरेंद्र कटियार ने बताया कि वर्ष 1995 में प्राथमिक विद्यालय के भवन का निर्माण हुआ। खंड शिक्षा अधिकारी रवि कुमार सिंह ने बताया कि विद्यालय का नया भवन बनाने के लिए प्रस्ताव भेजा जा चुका है। स्वीकृति मिलते ही निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा।

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    मालरोड स्थित लल्लू प्रसाद इंटर कालेज भवन की खिड़कियों में नजर आता सरिया का जंजाल। जागरण

    110 साल पुराना जर्जर भवन मांग रहा मरम्मत  

    मालरोड स्थित लल्लू प्रसाद इंटर कालेज वर्ष 1915 में शुरू हुआ था। वर्तमान में 12वीं कक्षा तक छात्र संख्या 300 के करीब है। स्कूल की इमारत, प्रयोगशालाएं व खेल मैदान व्यवस्थित नहीं किए जाने के कारण बदहाल हालत में है। बारिश के मौसम में कक्षाओं की छत से पानी टपकता है। कई बार प्लास्टर भी उखड़ चुका है। इसके अलावा कई कमरों से खिड़की व दरवाजे भी गायब हो गए हैं। फर्नीचर खस्ताहाल है। छात्र व छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय बने हुए हैं, लेकिन रोजाना इनकी सफाई नहीं होती है। प्रधानाचार्य देव सिंह गौर ने बताया कि  प्रबंधक लगातार स्कूल की दशा बदलने को लेकर डीआइओएस स्तर पर पत्राचार कर रहे हैं।  

    मरम्मत के लिए बजट पास, पीडब्ल्यूडी ने नहीं शुरू किया काम

    मालरोड में मौजूद एबी विद्यालय इंटर कालेज वर्ष 1903 में स्थापित हुआ था। पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने भी यहीं से 12वीं तक की पढ़ाई की है। वर्तमान में छह से 12वीं तक की छात्र संख्या सिर्फ 60 है। विद्यालय परिसर के एक ब्लाक को जर्जर होने के कारण बंद कर दिया गया है। इसमें बायोलाजी लैब सहित पांच कमरे हैं। स्कूल की इमारत के बाहरी हिस्सा की दीवारों से प्लास्टर तक गायब हो गया है। अध्यापकों ने बताया कि बारिश का पानी कमरों की छतों से टपकता है। प्रधानाचार्य प्रदीप गुप्ता ने बताया कि प्रोजेक्ट अलंकार के तहत 19 लाख से स्कूल में मरम्मत कार्य होना है। शासन स्तर से बजट भी पास हो चुका है। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को मरम्मत का जिम्मा मिला है, लेकिन अब तक कोई काम नहीं हो सका है।

    चार कमरे और सभी जर्जर, मंडराता खतरा

    आर्य नगर में पंडित शिव गोविंद मिश्रा इंटर कालेज की स्थापना 1939 में हुई थी। यहां 60 बच्चे शिक्षा ग्रहण करने आते हैं। लेकिन, स्कूल का भवन जर्जर हालत है। पीने के पानी के लिए हैंडपंप लगा है। स्कूल में तीन शौचालय हैं, लेकिन तीनों जर्जर हालात में है। साथ ही गंदगी फैली रहती है। कमरों के दरवाजे, खिड़कियां, फर्नीचर भी टूटे हैं। प्रधानाचार्य डा. गिरीश मिश्र ने बताया कि प्रोजेक्ट अलंकार के तहत पांच कमरों का कायाकल्प होना है। चार कमरों को अभी तक मरम्मत का इंतजार है। नए सत्र में स्कूलों को संसाधन संपन्न बनाने के लिए प्रबंध समिति उच्चाधिकारियों से वार्ता कर रही है।  

    जिले में राजकीय स्कूलों को कायाकल्प योजना के तहत चमकाया गया है। अनुदानित इंटर कालेजों की स्थिति जरूर खराब है। इसके लिए एडेड माध्यमिक स्कूलों का निरीक्षण किया जाएगा। प्रबंधकों से वार्ता करके समस्याओं के निस्तारण के लिए समाधान तलाशेंगे। प्रयास रहेगा कि राजकीय स्कूलों की तरह एडेड माध्यमिक स्कूलों की तस्वीर भी बदली जा सके।

    डा. संतोष कुमार राय, डीआइओएस