Kanpur News: डंपर ने मोपेड सवार किशोर और उसकी भांजी को कुचला, टायरों में फंसे शव 20 मीटर तक रगड़े
कानपुर के घाटमपुर में डंपर चालक की लापरवाही ने दो मासूम बच्चो की जान ले ली। तेज रफ्तार डंपर चालक ने विक्की को टक्कर को मार दी। इससे उसमें बैठे दो मासूम बच्चे गिर गए और डंपर चालक उन्हें कुचलता हुआ निकल गया। इस घटना से स्थानीय लोगों में रोष है।

संवाद सहयोगी, जागरण, घाटमपुर(कानपुर)। कानपुर में दिल को झकझोर देने वाली घटना हुई है। बुधवार शाम एक डंपर ने मोपेड सवार 14 साल के किशोर और उसकी दो साल की भांजी को रौंद दिया। दोनों के शव डंपर के टायरों में फंस गए और करीब 20 मीटर तक सड़क पर रगड़ते चले गए। भयावह हादसे में शवों के चीथड़े उड़ गए। किशोर अपने नाना और भांजी को लेकर मोपेड से गांव जा रहा था। घायल नाना को गंभीर हालत में सीएचसी से कानपुर रेफर किया गया है। पुलिस ने डंपर को कब्जे में लिया है।
फतेहपुर के बकेवर थाना क्षेत्र के गोपालपुर निवासी 68 वर्षीय चंद्रपाल कुशवाहा करीब चार दिन पूर्व रेउना थाना क्षेत्र के मछैला गांव निवासी बेटी गुड्डन पत्नी सियाराम के घर आए थे। बुधवार को गुड्डन का 14 साल का बेटा अरुण मोपेड से नाना चंद्रपाल को लेकर जहांगीराबाद अपनी बहन सोनम पत्नी संदीप के यहां गया था। जहांगीराबाद से वह सोनम की दो साल की बेटी प्रज्ञा को भी साथ ले आया। मछैला लौटते समय घाटमपुर में जनता महाविद्यालय के सामने मोपेड पीछे से आ रहे डंपर की चपेट में आ गई।
टक्कर लगने से मोपेड गिर गई और अरुण और प्रज्ञा सीधे टायरों के नीचे आ गए, जबकि चंद्रपाल का पैर क्षतिग्रस्त हो गया। डंपर दोनों को घसीटता हुआ करीब 20 मीटर तक ले गया। इतनी देर में शवों को चीथड़े उड़ गए। दर्दनाक हादसा देखकर राहगीर ठिठक गए। सूचना पर कोतवाली पुलिस पहुंची। बुजुर्ग चंद्रपाल को अस्पताल पहुंचाने के साथ ही शवों को समेटा गया। डंपर को कब्जे में लिया गया है। मौके पर पहुंचे कस्बा चौकी प्रभारी शैलेंद्र सिंह ने बताया कि स्वजन को सूचना देने के साथ ही शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा है।
मुगल रोड पर बुधवार शाम डंपर के रौंदने से किशोर और उसकी मासूम भांजी की मौत के साथ ही संवेदना की भी मौत हो गई। मानव जीवन के बेहद आधारभूत मूल्यों ने ही दम तोड़ दिया। पुलिस ने हाईवे पर बिखरे बच्चों के शवों के अवशेषों को ऐसे छोड़ दिया, जैसे किसी जानवर के हों। उस पर न मिट्टी डाली गई और न ही उन्हें समेटा गया। नतीजा ये हुआ कि उन अवशेषों पर कौवों और कुत्ते टूट पड़े। हाईवे पर ऐसा नजारा भयावह था।
घाटमपुर में कानपुर-सागर हाईवे और मुगल रोड पर बड़ी संख्या में गुजरने वाले भारी वाहनों के चलते लोग आए दिन अपनों को खो देते हैं। बड़ी संख्या में लोग दिव्यांग हो जाते हैं। दो दिन पूर्व एडीजी ट्रैफिक सत्यनारायण ने हादसों को रोकने के लिए ट्रैफिक पुलिस सहित अन्य विभागों को निर्देश दिए थे। लेकिन, ऐसा लगता है कि स्थानीय पुलिस ने ये उपाय सही से नहीं अपनाए।
घर की इकलौती थी प्रज्ञा, स्वजन बेहाल
दो साल की मासूम प्रज्ञा घर की इकलौती थी। हादसे के बारे में पिता संदीप और मां सोनम को जानकारी हुई तो वे अचेत हो गए। अपनी इकलौती संतान के हादसे में जान गंवाने का दुख बर्दाश्त के बाहर था। संदीप ने बताया कि वह कार चलाकर परिवार पालते हैं। उनका छोटा और खुशहाल परिवार था, लेकिन हादसे में वह भी उजड़ गया।
इकलौता बेटा था अरुण, टूटा गमों का पहाड़
हादसे में जान गंवाने वाला अरुण घर का इकलौता बेटा था। पिता सियाराम बाजारों में सब्जी बेंचते हैं। घर पर मां गुड्डन और दो बहनें सोनम व पूनम हैं। सोनम की शादी हो चुकी है। सियाराम का कहना है कि बेटा मोपेड चला लेता था। इसलिए भरोसा करके उसे बेटी के यहां जाने को कह दिया। मालूम होता कि ऐसा कुछ हो जाएगा तो कभी नहीं भेजता। वहीं, हादसे की सूचना पर सीएचसी पहुंची गुड्डन बेटे और नातिन के शवों के चीथड़े देखकर गिर पड़ीं।
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