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    कानपुर में कोडीन युक्त कफ सीरप की अवैध खरीद पर एजेंसी संचालक के खिलाफ FIR, STF ने जारी किया लुकआउट नोटिस

    Updated: Sat, 13 Dec 2025 02:00 AM (IST)

    कोडीन युक्त कफ सीरप और नशीली दवाओं की अवैध खरीद–बिक्री की जांच में नए मामले सामने आ रहे हैं। ताज़ा मामले में कैनाल रोड स्थित प्रेमा मेडिकल एजें ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, कानपुर। कोडीन युक्त कफ सीरप और नशीली दवाओं की अवैध खरीद-बिक्री के मामले जांच बढ़ने के साथ ही लगातार सामने आ रहे हैं। अब कैनाल रोड स्थित प्रेमा मेडिकल एजेंसी के संचालक वेद प्रकाश शिवहरे के खिलाफ कोडीन युक्त कफ सीरप की अवैध खरीद में मुकदमा दर्ज किया गया है।

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    वेद प्रकाश ने इसी मामले में आरोपित मेसर्स अग्रवाल ब्रदर्स से कफ सीरप समेत अन्य दवाएं खरीदी थीं। औषधि लाइसेंस की आड़ में उसने एनडीपीएस श्रेणी से संबंधित दवाओं का विक्रय ऐसी फर्मों को करना दिखाया था, जो संचालित ही नहीं थी। इस पर औषधि निरीक्षक ओमपाल सिंह की तहरीर पर कलक्टरगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है।

    बता दें कि कोडीन कफ सीरप की खरीद व बिक्री के दस्तावेज न मिलने पर अब तक कलक्टरगंज में चार व अन्य थानों में 13 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। जिन मुकदमों में एनडीपीएस की धारा नहीं लगी थी, उसमें अब इसे बढ़ा दिया गया है। फिलहाल, एसटीएफ और पुलिस की टीमें मेसर्स अग्रवाल ब्रदर्स के संचालक समेत अन्य आरोपितों की तलाश में जुटी हैं। आरोपित देश से बाहर न जा सकें, इसके लिए लुक आउट नोटिस जारी किया गया है।

    खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के निरीक्षक ने क्या बताया?

    खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के निरीक्षक ओमपाल सिंह ने बताया कि किदवई नगर निवासी वेद प्रकाश शिवहरे की नयागंज कैनाल रोड पर मेसर्स प्रेमा मेडिकल एजेंसी है। कोडीन युक्त कफ सीरप मामले में 11 जुलाई 2025 को बिरहाना रोड स्थित मेसर्स अग्रवाल ब्रदर्स में निरीक्षण किया गया था।

    जांच में पता चला कि प्रेमा मेडिकल एजेंसी ने अग्रवाल ब्रदर्स से स्पास्मो-प्राक्सीवान प्लस कैप्सूल, अल्ट्रा किंग टेबलेट, विनस्पास्मो फोर्ट कैप्सूल (ट्रामाडाल युक्त), विन्सेरेक्स सीरप, विनकाफ टी सीरप (कोडीन युक्त) और एल्प्राजोलम युक्त दवाएं खरीदी थीं। इस पर 17 अक्टूबर को अग्रवाल ब्रदर्स से खरीदी और बेची गई दवाइयों की इनवाइस, बैंक अकाउंट नंबर, नाम-पते के साथ भुगतान का विवरण 10 दिन के भीतर प्रस्तुत करने को कहा गया था।

    वहीं, वेद प्रकाश शिवहरे ने 11 नवंबर को अग्रवाल ब्रदर्स से खरीदी गईं दवाओं के विक्रय अभिलेख प्रस्तुत किए। सत्यापन के लिए अभिलेख में दर्शाए गए 37 प्रतिष्ठानों को पत्र भेजा गया। इसमें पांच प्रतिष्ठानों ने जवाब भेजे। शेष ने कोई जवाब ही नहीं भेजा। डाक विभाग से पता चला कि वे फर्में अपने पते पर संचालित ही नहीं हो रही हैं। इससे पुष्टि हो गई कि वेद प्रकाश औषधि लाइसेंस की आड़ में एनडीपीएस श्रेणी से संबंधित दवाओं का विक्रय ऐसी फर्मों को कर रहे थे, जो संचालित ही नहीं थीं। इस पर औषधि निरीक्षक ने वेद प्रकाश शिवहरे के खिलाफ कलक्टरगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।

    सभी आरोपित फरार, तलाश तेज

    थाना प्रभारी ललित प्रताप सिंह ने बताया कि उनके थाने में अब तक चार मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। एक मुकदमे में विनोद अग्रवाल, दूसरे मुकदमे में उसके बेटे शिवम अग्रवाल और साझेदार अनमोल गुप्ता का नाम शामिल है। इसी तरह, कोपरगंज की फर्म के संचालक अभिषेक और उसकी पत्नी मंजू के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। आरोपित दंपती के किदवई नगर स्थित फ्लैट में पुलिस ने दबिश भी दी थी।

    अब उसका एक घर उरई के रामकुंड, नया पटेल नगर में पता चला है। पुलिस जल्द ही वहां भी आरोपितों की तलाश में जाएगी। अब चौथा मुदकमा वेद प्रकाश शिवहरे के खिलाफ लिखा गया है। इस सभी मुकदमों में एनडीपीएस की धारा जोड़ी गई है। सभी आरोपित भागे हुए हैं, जिनकी तलाश की जा रही है।

    कोडीन कफ सिरप और नशीली दवाएं अवैध तरीकों से खरीदने व बेचने वालों पर मुकदमे हुए हैं। वे सभी भागे हुए हैं। उनकी तलाश में टीमें लगी हैं।
    -आशुतोष कुमार, संयुक्त पुलिस आयुक्त, कानून एवं व्यवस्था