73.4 एकड़ में फैला है निराला नगर रेलवे ग्राउंड, कैसे अस्तित्व में आया यह मैदान
अंग्रेजों ने जमीन अधिगृहीत करके रेलवे को दी थी उस समय हां पर रेलवे कर्मचारियों के लिए कालोनी बनाने का इरादा था लेकिन बाद में योजना परवान नहीं चढ़ी। मैदान को आरएलडीए को दिया जा रहा है ताकि इसपर शॉपिंग माल और फ्लैट विकसित हो सके।

कानपुर, आलोक शर्मा। निराला नगर का रेलवे मैदान सुर्खियों में है। पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैली और अब व्यापारी और वैश्य सम्मेलन को लेकर चर्चा में है। एक बड़े भू-भाग में फैले इस मैदान को देखकर यह जानने की उत्सुकता बढ़ जाती है कि इसकी आधारशिला किसने रखी। आइए आपको बताते हैं कि इतना बड़ा मैदान अस्तित्व में कैसे आया।
शहर में रेलवे का तेजी से विकास हो रहा था। ऐसे में अंग्रेज अफसरों और कर्मचारियों को रहने के लिए स्थान की जरूरत थी। चूंकि गोविंद नगर रेलवे लाइन के किनारे अंग्रेज अधिकारियों के बंगले हुआ करते थे, जिसे देखते हुए तय हुआ कि यहीं आसपास जमीन का अधिग्रहण कर कर्मचारियों के लिए कालोनी विकसित की जाए। इतिहासकार अनूप शुक्ला बताते हैं कि इसका कोई लिखित इतिहास नहीं है लेकिन संदर्भों में कुछ बातें निकलकर आती हैं।
हलुआ खाड़ा और गड़रियनपुरवा गांव की जमीन जिसमें जमीदार और काश्तकार दोनों शामिल थे, उनकी जमीन लेकर रेलवे को दे दी गई। रेलवे के आंकड़ों के मुताबिक यह भू-भाग 73.4 एकड़ में फैला हुआ है जबकि इसके पूर्वी छोर पर 26 एकड़ में रेलवे कर्मचारियों के लिए रेलवे कालोनी बनाई गईं थीं। इस जमीन का एक बहुत बड़ा हिस्सा विदेशी बबूल और झाडिय़ों से घिरा है। विदेशी बबूल भी यहां सोच समझकर लगाया गया था ताकि कोई अतिक्रमण न कर सके।
आरएलडीए को दिया जा रहा मैदान : निराला नगर के रेलवे मैदान में व्यावसायिक गतिविधियों को विस्तार देने के लिए खाली भू-भाग आरएलडीए (रेल लैंड डेवलपमेंट अथारिटी) को दिया जा रहा है। इसकी प्रक्रिया रेलवे बोर्ड से चल रही है। जमीन आरएलडीए को हस्तांतरित हो गई तो भविष्य में यहां शापिंग माल, मार्केट, फ्लैट देखने को मिलेंगे।
विशालता से चर्चा में आया मैदान : निराला नगर का मैदान अपने में विशालता समेटे हुए है। हालांकि यह चर्चा में तब आया जब राजनीतिक कार्यक्रम होने लगे। बड़े से बड़े आयोजन, रैली अथवा जनसभा इसकी विशालता के आगे छोटी दिखने लगी। निराला नगर के मैदान में अभी तक अन्य किसी भी राजनीतिक दल ने कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया है। इस मैदान में कार्यक्रम की शुरुआत भाजपा ने की, भले ही वह सरकारी कार्यक्रम के रूप में होते रहे हों।
सर्कस भी लगते रहे हैं : रेलवे अधिकारी बताते हैं कि यहां पर सामाजिक क्रियाकलाप, प्रशासनिक कार्यक्रम और सर्कस के लिए किराये की दर अलग हैं जबकि राजनीतिक कार्यक्रम, समारोह अथवा अन्य निजी कार्यक्रम के लिए अलग दरें हैं जो अधिक हैं। कार्यक्रम करने के लिए रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग को आवेदन किया जाता है। इसमें कितनी जगह किस समय तक के लिए चाहिए इसका विवरण समेत कार्यक्रम की डिटेल जानकारी देनी होती है। जिसके बाद इंजीनियरिंग विभाग आवेदन को डीआरएम को भेज देते हैं। वहां से किराये की दरें तय होती हैं।
निराला नगर के मैदान में आयोजित बड़े कार्यक्रम
-आठ मार्च 2019 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यहां रैली की थी। निराला नगर के मैदान से उन्होंने लखनऊ मेट्रो का शुभारंभ किया था। इसी दौरान उन्होंने पीएम आवास योजना के तहत लाभार्थियों को आवास की सौगात दी थी।
-23 नवंबर 2021 को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। बूथ सम्मेलन के इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय अध्यक्ष संगठन को मजबूती देने आए थे।
-28 दिसंबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसी मैदान से कानपुर मेट्रो को हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया। मौसम खराब होने के बावजूद हजारों लोगों की भीड़ मौजूद रही।
-8 जनवरी 2022 को इसी मैदान में भाजपा आगाज-2022 का शुभारंभ करने जा रही है। इसमें व्यापारी और वैश्य समुदाय को एकजुट कर सरकार को ऊर्जा और ताकत देने की अपील की जाएगी।
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