कानपुर में डॉक्टर और पैथोलॉजी मैनेजर हुए साइबर ठगी का शिकार, नामी कंपनी का फर्जी एप डाउनलोड कराकर ठगे 5 करोड़
कानपुर में साइबर ठगों ने 2 डॉक्टरों और पैथोलॉजी लैब मैनेजर को निशाना बनाया। उन्होंने एक नामी कंपनी का नकली ऐप डाउनलोड करवाकर पीड़ितों के खातों से 5 करोड़ रुपये निकाल लिए। पीड़ितों ने साइबर अपराध शाखा में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और लोगों को ऑनलाइन धोखाधड़ी से सतर्क रहने की सलाह दे रही है।
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प्रतीकात्मक तस्वीर
जागरण संवाददाता, कानपुर। साइबर ठगों ने शेयर मार्केट में निवेश पर ज्यादा लाभ का लालच देकर दो डॉक्टरों व पैथोलॉजी मैनेजर को अपने जाल में फंसाया और पांच करोड़ रुपये ठग लिए। ठगी की रकम राजस्थान और गुजरात के छह बैंकों में ट्रांसफर हुई है। पीड़ितों ने साइबर क्राइम थाने में मुकदमा दर्ज कराया।
आजाद नगर निवासी डॉक्टर ने बताया कि तीन सितंबर 2025 को वाट्सएप नंबर पर काल आई थी। फोन करने वाले ने खुद को सेबी पंजीकृत शेयर मार्केट का सलाहकार बताया और कहा कि उनकी कंपनी शेयर मार्केट में 10-15 प्रतिशत कम दाम पर शेयर व आइपीओ उपलब्ध कराती है।
उसने उन्हें एक वाट्सएप ग्रुप लंच क्लब एच49 से जोड़ा। उसमें शेयर मार्केटिंग के टिप्स बताए जाते थे। कुछ दिन बाद फिर फोन आया कि वह वेंचुरा ट्रेडिंग एप से शेयर ट्रेडिंग करेंगे तो ज्यादा लाभ मिलेगा। उन्हें एक लिंक भेजा गया। लिंक खोल एप डाउनलोड किया और डेढ़ माह में 3,30,40,000 रुपये निवेश किए। हालांकि 80 लाख उन्हें वापस भी मिले लेकिन 11 नवंबर को बताया गया कि आर अमरनाथ इनसाइडर ट्रेडिंग में गिरफ्तार हुए हैं।
उन पर 100 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है। वेंचुरा एप पर भी 20 प्रतिशत जुर्माना लगा है। उनके ट्रेडिंग खाते फ्रीज होंगे, तब ठगी का अहसास हुआ। ठगों ने उनके लगभग ढाई करोड़ रुपये हड़पे हैं। डॉक्टर के अनुसार इसी तरह से उनकी पैथोलॉजी के टेक्निकल मैनेजर से भी साइबर ठगों ने अक्टूबर 2025 से जाल में फंसा शेयर मार्केट में ट्रेडिंग का झांसा देकर 1,37, 99,000 रुपये की ठगी की गई।
यहीं नहीं उनके परिचित तिलक नगर निवासी डॉक्टर से एक करोड़ रुपये की ठीक इसी तरह से ठगी हुई। तीनों ठगी के मामलों में बैंक खातों की डिटेल निकलवाई जा रही है। एक और बात पता चली कि जब पीड़ितों ने अपने-अपने खातों से ज्यादा रुपये निकाले तो बैंक की तरफ से उनसे बात की गई और अन्य जगह निवेश न करने की सलाह भी दी थी लेकिन वे लोग समझ नहीं सके। ज्यादा लाभ के लालच में ठगी का शिकार हो गए।

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