काम नहीं करने वाले अफसरों से कैसे निपटेंगे? कानपुर DM जितेंद्र प्रताप सिंह ने इंटरव्यू में बेबाकी से दिए जवाब
कानपुर में विकास कार्यों को गति देने के लिए 90 दिन की कार्ययोजना बनी है। यातयात सुधार और अतिक्रमण हटाने पर ध्यान दिया जा रहा है। 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर 60 लाख लोगों को जोड़ने का लक्ष्य है जिसके लिए नदियों के किनारे योगाभ्यास होगा। योग को दिनचर्या में शामिल करने पर जोर दिया गया है। पढ़िए कानपुर जिलाधिकारी जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह का इंटरव्यू।

अधूरी विकास परियोजनाओं को पूरा कराने के लिए 90 दिन की कार्ययोजना बनाई है। चौराहों पर यातायात सुधारना प्राथमिकता में है। इसके लिए पुलिस के साथ समन्वय किया जाएगा। वहीं, योग की बात करें तो यग प्राण तत्व है। शारीरिक व मानसिक रूप से सुदृढ़ बनाता है। इसे दिनचर्या का हिस्सा बनाएं।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस-2025 एक पृथ्वी एक स्वास्थ्य के लिए योग थीम पर समग्र कल्याण और पर्यावरण सद्भाव को बढ़ाने वाला होगा। सप्ताह भर इसी को ध्यान में रखकर कार्यक्रम आयोजित होंगे। शहर के विकास और योगाभ्यास पर जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह से दैनिक जागरण संवाददाता शिवा अवस्थी की बातचीत के प्रमुख अंश...
शहर के विकास को लेकर क्या रोडमैप है?
देखिए, पहली प्राथमिकता यातायात सुधारने की है। फिर अतिक्रमण हटाकर शहर को स्वच्छ बनाना है। अधूरी विकास परियोजनाओं को पूरा कराने के लिए 90 दिन की कार्ययोजना बनाकर काम कर रहे हैं। एक-एक योजना का स्थलीय निरीक्षण करना प्राथमिकता है। उसी आधार पर संबंधित विभाग के अफसरों को निर्देश देकर काम में तेजी लाई जा रही है। 50 लाख रुपये से अधिक की परियोजनाओं पर सीधी निगरानी रखकर काम कराया जा रहा है। जल्द ही बदलाव दिखाई पड़ने लगेंगे।
निचले स्तर पर अफसर काम नहीं कर रहे हैं, कैसे निपटेंगे?
विकास परियोजनाओं, शासन की मंशा व प्राथमिकता वाले कार्यों, जनहित से जुड़ी योजनाओं को लेकर लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। विकास कार्यों को लेकर काम को गति देंगे। लापरवाहों को चिह्नित किया जा रहा है। सभी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। जरूरत पर शासन को पत्र लिखकर कार्रवाई कराएंगे।
यातायात अराजकता, अतिक्रमण व मूलभूत सुविधाओं को और सुदृढ़ करने के लिए क्या कर रहे हैं?
चौराहों पर यातायात सुधारना प्राथमिकता में है। इसके लिए पुलिस के साथ समन्वय करके कार्ययोजना बनाई है। जल्द ही बदलाव दिखाई पड़ेगा। अतिक्रमण हटाने के लिए नगर निगम अफसरों को लगाया गया है। मूलभूत सुविधाओं, सड़क, बिजली व पानी की व्यवस्था और सुदृढ़ तरीके से कराएंगे।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को लेकर क्या तैयारी हैं?
योगाभ्यास के लिए 21 जून को प्राचीन सांस्कृतिक पर्यटन स्थल, ऐतिहासिक महत्व के स्थान, प्रमुख नदियों, झीलों, तालाबों, अमृत सरोवरों के किनारों व प्रमुख नैसर्गिक सौंदर्य से परिपूर्ण स्थलों, पर्यटन को बढ़ावा देने की क्षमता वाले मुख्य स्थानों पर कार्यक्रम होंगे।
इससे लोग जागरूक होंगे।सभी सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, आयुष्मान आरोग्य मंदिर, आयुष चिकित्सालयों, सभी पुलिस थाने, पुलिस लाइन, पीएसी बटालियन, एनसीसी, स्काउट गाइड व प्रांतीय रक्षा दल को शामिल किया गया है।
मुख्य आयोजन कहां, कैसे व किस समय पर होगा?
मुख्य आयोजन ग्रीन पार्क स्टेडियम में 21 जून को सुबह छह बजे से सात बजे के मध्य होगा। इससे पहले योग सप्ताह 15 जून से चल रहा है। इसके अंतर्गत विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों, कार्यालयों, पार्कों व सार्वजनिक स्थलों पर योगाभ्यास सत्रों का आयोजन हो रहा है। 21 जून को विशेष रूप से नून नदी के किनारे सभी ग्रामों में योग दिवस का कार्यक्रम होगा। पंचायती राज, ग्राम्य विकास, नगर विकास, समाज कल्याण, बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा व दिव्यांगजन विभाग को जिम्मा सौंपा है। सभी ग्राम पंचायतों व नगर निकायों में उससे पहले स्वच्छता अभियान चलेगा।
नदियों, अमृत सरोवरों के तट पर योग अभ्यास के पीछे क्या मंशा है?
योग के साथ पर्यावरण से जुड़ने की सोच है। धीमी रोशनी हो, हवा पानी न आता हो, वहां लोगों का मन तनाव से ग्रस्त होता है। प्रकृति के पास पहुंचते ही सोच बदलती है। नदियों के तट पर योग अभ्यास के माध्यम से पर्यावरण से जुड़ सकेंगे। प्रकृति से सीधे जुड़ाव होगा। लोग नदियों, अमृत सरोवरों व तालाबों को बचाने की दिशा में कदम बढ़ाएंगे।
योग को अपनी दिनचर्या में क्यों शामिल करें?
हंसते हुए...सरल ढंग से समझिए। कानपुर से लखनऊ या दिल्ली जाना है तो बिना पेट्रोल-डीजल के गाड़ी नहीं चलेगी। वैसे ही योग को शरीर का पेट्रोल-डीजल मान लीजिए। इससे ही जीवन आगे जाएगा। वाहन को ईंधन तो मानव शरीर को योग की आवश्यकता है। पहला सुख निरोगी काया का मूल मंत्र अपनाना होगा। योग केवल शारीरिक ही नहीं, मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी है।
देखिए, जिम केवल शारीरिक फिटनेस देता है, जबकि योग प्राण तत्व से जुड़ा है। जैसे रोज भोजन, नहाना व दांतों को ब्रश करना जरूरी है, वैसे ही हर दिन मानसिक शक्ति के लिए योग आवश्यक है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस ऐसा ही संदेश दुनिया भर को देता है।
क्या आप प्रतिदिन योग करते हैं?
जी हां, प्रतिदिन सुबह सात से आठ बजे तक एक घंटा नियमित योग व व्यायाम के लिए देते हैं। जिम, प्राणायाम से लेकर साइकिलिंग पैदल चलना दिनचर्या में शामिल है।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर कितने लोगों को जोड़ने का लक्ष्य है?
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर शहर से गांवों तक 60 लाख लोगों को जोड़ने का लक्ष्य है। इसके लिए विभागों, सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से जागरूकता ला रहे हैं।
केवल दिवस विशेष पर ही योग की चर्चा क्यों शुरू होती है?
यह सही सवाल है। अब वर्ष भर योग अभ्यास को लेकर जागरूकता की कार्ययोजना बना रहे हैं। आयुष्मान केंद्रों के जरिये साल भर योगाभ्यास के कार्यक्रम चलाएंगे। स्कूलों, कार्यालयों को जोड़ने का काम करेंगे।
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