दीनू का साथी 50 हजार का इनामी अधिवक्ता अरिदमन गिरफ्तार, नेपाल बार्डर के पास से दबोचा
कानपुर पुलिस के हाथ एक बड़ी कामयाबी लगी है। दीनू का साथी 50 हजार का इनामी अधिवक्ता अरिदमन सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। सर्विलांस की मदद से पुलिस ने उसे नेपाल बार्डर के पास से दबोचा है। उस पर कई थानों में सात से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं।
जागरण संवाददाता, कानपुर। सोनभद्र जेल में बंदी दीनू उपाध्याय के खास साथी 50 हजार के इनामी बार एसोसिएशन के पूर्व मंत्री अरिदमन सिंह को कोतवाली पुलिस ने सर्विलांस की मदद से नेपाल बार्डर से दबोच लिया। वह पिंटू सेंगर हत्यकांड और नवीन मार्केट से जूता व्यापारी का अपहरण कर डकैती व रंगदारी मामले में आरोपित था। उसके खिलाफ विभिन्न थानों में सात से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस टीम उसे लेकर शहर लौट रही है। अरिदमन सिंह के खिलाफ कोतवाली, गोविंद नगर, नौबस्ता समेत थानों में सात से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं।
केशव नगर डब्ल्यू ब्लाक निवासी जूता व्यापारी राकेश अरोड़ा उर्फ लोरी ने दीनू उपाध्याय, धीरज दुबे, उसका भाई नीरज दुबे और अज्ञात आरोपितों पर अपहरण, डकैती, मारपीट, रंगदारी मांग धमकाने समेत धाराओं में कोतवाली थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि 17 सितंबर 2021 की रात आरोपित कार से उनका अपहरण कर मैनावती मार्ग ले गए और फोन, 64 हजार रुपये लूट लिए। इस दौरान उन्हें बेरहमी से पीटा व 10 लाख रुपये रंगदारी मांगी थी।
विवेचना में बार एसोसिएशन के पूर्व मंत्री अरिदमन सिंह, दीपक जादौन, गोपाल सिंह, मनु उपाध्याय, नारायण सिंह भदौरिया, राम खिलावन, संजय उपाध्याय, विकास ठाकुर उर्फ विक्की, अनूप शुक्ला का नाम प्रकाश में आया था। दीनू, अरिदमन पिंटू सेंगर हत्यकांड के भी आरोपित थे। गुरुवार को कोतवाली पुलिस ने श्याम नगर छप्पनभोग चौराहे के पास से नारायण सिंह भदौरिया को गिरफ्तार किया था। उससे पूछताछ में अरिदमन के नेपाल भागने की तैयारी करने का पता चला।
इसके बाद टीम अरिदमन के संपर्क में रहे कई नंबरों को सर्विलांस लगाया तो एक नंबर की लोकेनशन लग गई। रविवार रात टीम लोकेशन ट्रेस करते हुए नेपाल बार्डर तक पहुंच गई और उसे दबोच लिया।टीम उसे वापस लेकर लौट रही है। कोतवाली थाना प्रभारी जगदीश पांडेय ने बताया कि आरोपित से पुलिस पूछताछ कर रही है।
पिंटू सेंगर हत्याकांड में विवेचक ने पहले हटाए थे दीनू, अरिदमन समेत चार आरोपितों के नाम
पिंटू सेंगर की हत्या 20 जून 2020 को उस वक्त कर दी गई थी, जब वह अपने कारोबारी पार्टनर मनोज गुप्ता के साथ चल रहे एक विवाद की पंचायत के लिए सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष चंद्रेश सिंह के घर जा रहे थे। चंद्रेश के घर के ठीक सामने ही दो बाइक पर सवार चार बदमाशों ने उन्हें गोलियों से भून दिया था। मामले में पिंटू के स्वजन ने मनोज गुप्ता, पप्पू स्मार्ट, सऊद अख्तर, सऊद के भाई महफूज अख्तर के अलावा इस पंचायत में मध्यस्थ की भूमिका निभा रहे वकील अरिदमन सिंह व दीनू उपाध्याय पर साजिश के तहत हत्या करने का आरोप लगाया था।
पुलिस ने पप्पू स्मार्ट, भाई तौसीफ उर्फ कुक्कू, कांस्टेबल श्याम सुशील मिश्रा, तनवीर बादशाह, आमिर उर्फ बिच्छू, साफेज सैफी उर्फ सफी हैदर, अहसान बेग, मो. फैसल, अनीस, मो. असलम उर्फ गुलरेज, मो. अयाज उर्फ टायसन, मनोज गुप्ता, वीरेन्द्र पाल समेत 16 लोगों को जेल भेजा था। इसमें तौसीफ की जेल में ही मौत हो चुकी है। एक अक्टूबर को करीब 700 पेज की पूर्व विचेचक ने जो चार्जशीट अदालत में दाखिल की थी, उसमें महफूज अख्तर, बार एसोसिएशन के मंत्री अरिदमन सिंह, उसके अधिवक्ता साथी दीनू उपाध्याय समेत चार के नाम बता हटा दिया था, लेकिन बाद में कोर्ट के आदेश के बाद महफूज अख्तर को आत्म समर्पण करना पड़ा था। इसके बाद फिर विवेचना हुई और हटाए गए लोगों को फिर आरोपित बनाया गया।
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