कानपुर में सांसद और महापौर में नोंकझोंक, विकास कार्यों की बैठक में हुआ हंगामा; डीएम ने कराया शांत
कानपुर में विकास कार्यों को लेकर हुई बैठक में सांसद देवेंद्र सिंह भोले और महापौर प्रमिला पांडेय के बीच तीखी बहस हो गई। सांसद ने नगर निगम के अधिकारियों पर अनदेखी का आरोप लगाया और वित्त आयोग के कार्यों में नाम न लिखने पर नाराजगी जताई। महापौर ने आरोपों को नकारा। जिलाधिकारी के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ।

जागरण संवाददाता, कानपुर। शहर के समग्र विकास की रणनीति पर चर्चा एवं संवाद में अकबरपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद देवेंद्र सिंह भोले और महापौर प्रमिला पांडेय के बीच विवाद हो गया। करीब 10 मिनट तक हंगामा होता रहा।
सांसद का कहना था कि 15वें वित्त आयोग से कराए जाने वाले विकास कार्यों के शिलापटों में उनका नाम तक नहीं लिखाया जाता है। नगर निगम के अफसर फोन तक नहीं उठाते हैं। सवाल दागा कि नगर निगम की जमीन पर टीएचएस कैसे बन गया। इस पर महापौर गुस्से में सभी आरोपों को नकारने लगीं। दोनों के बीच विवाद होने लगा।
जिलाधिकारी ने शांत कराया
महापौर ने एक शिलापट पर सांसद का नाम लिखे जाने का उदाहरण भी रखा, लेकिन तकरार होती रही। बाद में जिलाधिकारी ने दोनों को शांत कराते हुए विधायक राहुल बच्चा सोनकर से ग्रामीण क्षेत्र के विकास पर बात रखने को कहा। उन्होंने अपनी बात शुरू की तो दोनों जनप्रतिनिधि शांत हो गए।
शनिवार को सर्किट हाउस में जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की शहर के समग्र विकास की रणनीति पर चर्चा एवं संवाद हुआ। बैठक में सांसद देवेंद्र सिंह भोले ने कहा कि नगर निगम की सीमा में उनके मतदाता भी है। कुछ विकास कार्यों के प्रस्ताव नगर निगम को दिए थे, लेकिन काम मंजूर नहीं हुए। यह गलत तरीका है। नगर निगम के अफसर मनमानी कर रहे हैं।
15वें वित्त आयोग से होने वाले कार्यों में उनका नाम लिखा जाना चाहिए, यह उनका अधिकार है। मुख्यमंत्री के भी इस बारे में निर्देश हैं। महापौर नाराजगी व्यक्त करते हुए आरोपों को नकारने लगीं। इस पर विवाद होने लगा। सांसद ने कहा कि यह गलत तरीका है। वह अफसरों को बचाने का प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री से इसकी शिकायत की जाएगी। मामला बढ़ता देख जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने दोनों को शांत कराया। इसके बाद फिर बैठक शुरू हुई।
सांसद रमेश अवस्थी ने नगर निगम के अस्पतालों को अवस्थापना निधि से चलवाने की बात कही। इस पर महापौर ने कहा कि बजट नहीं है। सांसद ने पीपीपी माडल पर अस्पताल चलवाने का सुझाव रखा। उन्होंने नगर निगम में अहिल्याबाई होल्कर की प्रतिमा लगवाने का सुझाव भी रखा। बैठक में सर्किट हाउस में बन रहे प्रेसीडेंट हाउस का काम चार करोड़ के बजाय 16 करोड़ पहुंचने पर सवाल उठा। विकास और निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा हेतु प्रत्येक माह के चौथे शनिवार को बैठक आयोजित कराए जाने पर सहमति बनी।
इस प्रकरण में महापौर ने कहा बैठक में कोई विवाद नहीं हुआ, जबकि सांसद ने फोन नहीं उठाया। बैठक के बाद जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों ने हाउस स्थित नवनिर्मित प्रेसिडेंट हाउस का निरीक्षण कर दिशा निर्देश दिए गए। बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष स्वप्निल वरुण, विधायक सुरेंद्र मैथानी, ज्वाइंट सीपी, केस्को एमडी, नगर आयुक्त, मुख्य विकास अधिकारी, एडीएम नगर, वित्त,पीडब्ल्यूडी, एनएचएआई समेत सभी संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
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