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    कानपुर चकेरी हवाई अड्डा रहेगा अभेद्य, सीआइएसएफ को सेना करेगी ट्रेंड, बनाएगी बैटल रेडी

    By Ashutosh Mishra Edited By: Anurag Shukla1
    Updated: Tue, 22 Jul 2025 01:57 PM (IST)

    कानपुर चकेरी हवाई अड्डे पर अब आसमान जमीन और जंगल कही से भी हमला नहीं हो सकेगा। हवाई अड्डा अभेद्य होगा। सेना हवाई अड्डे पर तैनात केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) को बैटल रेडी बनाएगा। सुरक्षा खतरों के बीच सीआइएसफ का सेना के साथ मिलकर संयुक्त प्रशिक्षण इसी माह शुरू करने की तैयारी है।

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    चकेरी स्थित कानपुर का हवाई अड्डा। जागरण आर्काइव

    आशुतोष मिश्र, जागरण, कानपुर। अब कानपुर हवाई अड्डे पर हर हमला नेस्तनाबूद होगा। आसमान, जमीन, जंगल कहीं से भी हमला होने पर भी हवाई अड्डा अभेद्य रहेगा। सेना हवाई अड्डे पर तैनात केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) को बैटल रेडी बनाएगी। बदलते सुरक्षा खतरों के बीच सीआइएसफ का सेना के साथ मिलकर संयुक्त प्रशिक्षण इसी माह शुरू करने की तैयारी है।

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    ड्रोन हमला, आतंकी हमला, आमने-सामने आकर हमला करने और तोड़फोड़ जैसी घटनाओं को नेस्तनाबूद करने के लिए सेना सीआइएसएफ को बैटल रेडी बनाएगा। इसके पीछे हवाई अड्डे पर किसी भी आपात स्थिति में तेज और असरदार जवाबी कार्रवाई के लिए जवानों को तैयार करना है। इस प्रशिक्षण के लिए सीआइएसएफ की क्यूक रिएक्शन टीम (क्यूआरटी) के जवानों को चुना जा रहा है। यह अभी भी किसी भी आपात स्थिति में सबसे पहले प्रतिक्रिया देते हैं।

    क्यूआरटी में चयन के लिए उम्र 35 साल से कम होनी चाहिए। एनएसजी मानकों के अनुसार बैटल फिजिकल एफिशिएंसी टेस्ट (बीपीइटी) पास होना अनिवार्य रखा जाता है। क्यूआरटी के सभी जवान पहले ही छह महीने की सघन इन-हाउस ट्रेनिंग पूरी कर चुके हैं। सीआइएसएफ क्राइम ब्रांच इंचार्ज विवेक सिंह भदौरिया ने बताया कि हवाई अड्डे, परमाणु संयंत्र, सरकारी इमारतें और संसद में किसी भी आपात स्थिति में तेज और असरदार कार्रवाई के लिए जवानों को बैटल रेडी बनाया जा रहा है।

    बैटल रेडी बनाना एक बड़ा कदम

    सीआइएसएफ कमांडेंट कुलदीप सिंह राठौर ने बताया कि बदलते सुरक्षा खतरों के बीच अपनी तैयारियों को मजबूत करने के लिए सीआइएसफ ने सेना के साथ मिलकर गहन संयुक्त प्रशिक्षण का फैसला लिया है। सीआइएसएफ को असामान्य और आधुनिक खतरों से निपटने के लिए बैटल रेडी बनाना एक बड़ा कदम है। सीआइएसफ का एक बैच इसी माह से सेना के साथ यह प्रशिक्षण शुरू करेगा।

    प्रशिक्षण में शामिल मुख्य विषय

    • रात में आपरेशन (नाइट आपरेशन)
    • जंगल युद्ध (फारेस्ट वारफेयर)
    • नजदीकी मुकाबला (क्लोज काम्बैट)
    • सहनशक्ति बढ़ाने के अभ्यास (एंड्यूरेंस ट्रेनिंग)

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