Kanpur Central: कानपुर की स्पेलिंग में कहीं नहीं आता ‘B’ तो स्टेशन कोड क्यों है CNB? अंग्रेजों से जुड़ा है कारण
उत्तर प्रदेश के बड़े शहरों में शुमार कानपुर में पहले कभी ‘कान्हपुर’ के नाम से जाना जाता था। माना जाता है कि इस शहर को बसाने का श्रेय सचेंडी के राजा हिं ...और पढ़ें

जागरण ऑनलाइन डेस्क। कपड़े और चमड़े के उद्योग के लिए मशहूर कानपुर का इतिहास भारत की प्राचीनता में एक अहम योगदान रखता है। गंगा तट पर बसा शहर जिसे कानपुर के नाम से जाना जाता है, इसके बारे में एक हैरानी की बात यह है कि इसका इसके नाम में प्रयुक्त ‘कान’ शब्द से कोई संबंध नहीं है।

उत्तर प्रदेश के बड़े शहरों में शुमार कानपुर में पहले कभी ‘कान्हपुर’ के नाम से जाना जाता था। माना जाता है कि इस शहर को बसाने का श्रेय सचेंडी के राजा हिंदू सिंह को जाता है। अंग्रेजों के जमाने में इसे कानपोर बना दिया गया, लेकिन बाद में 1857 की क्रांति के बाद फिर से कानपुर हो गया, लेकिन आज भी इसके स्टेशन का कोड CNB है, जो कि अंग्रेजों की ही देन है।
रेलवे ने स्टेशनों को दिया है कोड
रेल सेवा क्षेत्र में विश्व में चौथा स्थान रखने वाली भारतीय रेलवे ने अपने स्टेशनों को एक खास कोड दिया है। यह कोड रेल सेवाओं की आंतरिक उपयोगिता को आसान बनाने के लिए बनाया गया है, जो स्टेशन के अंग्रेजी के नाम में प्रयुक्त अक्षरों पर आधारित होते हैं, जैसे लखनऊ (LUCKNOW) के लिए ‘LKO’ व प्रयागराज (PRAYAGRAJ) के लिए ‘PRYJ’ और दिल्ली (DELHI) के लिए ‘DLI’ कोड दिया गया है।
कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन का कोड CNB क्यों है?
कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन, जिसको अंग्रेजी भाषा में Kanpur Central लिखते हैं, इसका कोड ‘CNB’ क्यों है? KPC या KNR क्यों नहीं? दरअसल, इसका असल कारण काफी रोचक है। कानपुर को ब्रिटिश शासन में कानपोर (CAWNPORE) के नाम से जाना जाता था। आजादी से पहले यहां ब्रिटिश गैरिसन होता थी, जो अंग्रेज सैनिकों की छावनी होती थी, जिसे CAWNPORE NORTH BARRACKS नाम दिया गया था। वर्ष 1855 में देश की चौथी और कानपुर यानी उत्तर (NORTH) क्षेत्र की पहली रेल लाइन कानपोर नार्थ बैरक्स (CNB) से इलाहाबाद (ALD) के बीच बिछाने की शुरुआत की थी। यही कोड बाद में कानपुर सेंट्रल स्टेशन को मिल गया।
.jpg)
देश के सबसे व्यस्त शहरों में शामिल है कानपुर रेलवे स्टेशन
नई दिल्ली से हावड़ा के रूट पर पड़ने वाला कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन देश का तीसरा सबसे व्यस्त स्टेशन है। यहां पर 10 प्लेटफार्म हैं, जिनसे तकरीबन 350 ट्रेनें प्रतिदिन गुजरती हैं। 1930 में कानपुर सेंट्रल स्टेशन की शुरुआत हुई। वर्तमान में यहां से रोजाना लगभग 3 लाख यात्री सफर करते हैं।
.jpg)
कानपुर से चलने वाली ट्रेनों के नाम
- कानपुर सेंट्रल-नई दिल्ली श्रम शक्ति एक्सप्रेस
- कानपुर-नई दिल्ली शताब्दी एक्सप्रेस
- कानपुर सेंट्रल-आनंद विहार टर्मिनल एक्सप्रेस
- कानपुर सेंट्रल-बांद्रा टर्मिनस साप्ताहिक एक्सप्रेस
- कानपुर सेंट्रल-काठगोदाम गरीब रथ एक्सप्रेस
- वाराणसी-लखनऊ चारबाग वरुणा एक्सप्रेस
- प्रयाग घाट-कानपुर इंटरसिटी एक्सप्रेस
- प्रतापगढ़-कानपुर इंटरसिटी एक्सप्रेस
- चित्रकूटधाम (करवी)-कानपुर इंटरसिटी एक्सप्रेस
- कानपुर सेंट्रल-भिवानी जंक्शन कालिंदी एक्सप्रेस
- कानपुर सेंट्रल-वलसाड उद्योग कर्मी एक्सप्रेस
- कानपुर सेंट्रल-जम्मू तवी सुपरफास्ट एक्सप्रेस
- कानपुर सेंट्रल-अमृतसर साप्ताहिक एक्सप्रेस
- कानपुर सेंट्रल-दुर्ग जंक्शन बेतवा एक्सप्रेस
- कानपुर सेंट्रल-बालामऊ स्पेशल एक्सप्रेस।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।