Kanpur News: प्रयागराज के लेटे हनुमान जी की तरह बिठूर ब्रह्म खूंटी गंगा में डूबी, क्या हैं इसके संकेत
प्रयागराज में हर साल गंगा जी लेटे हनुमान जी को स्नान कराने आती हैं। इस बार भी गंगा का जल तेजी से प्रयागराज में बढ़ रहा है। इधर कानपुर के बिठूर में भी गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ा और ब्रह्म खूंटी डूब गई। इसके पीछे पुरोहित के मत भी हैं।

iप्रदीप तिवारी, जागरण, बिठूर(कानपुर)। हर साल की तरह प्रयागराज में इस बार भी बांध स्थित लेटे (बड़े) हनुमान मंदिर में प्रभु हनुमान को स्नान कराने पहुंची हैं। ठीक इसी तरह से बिठूर में मां गंगा के जल से ब्रह्म खूंटी डूब गई है। पौराणिक कथाओं के अनुसार ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना के बाद यह खूंटी गाड़ दी थी। इसे धरती का केंद्र बिंदु भी कहा जाता है। पुरोहित का कहना है कि गंगा मां का आगमन यह ईश्वर का एक संकेत हैं।
पहाड़ी और मैदानी इलाकों में हो रही मूसलाधार बारिश के अलावा हरिद्वार और नरौरा से छोड़े जा रहे पानी की वजह से गंगा के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है। गंगा का जलस्तर बढ़ने से मंगलवार रात 10.40 पर बिठूर के ब्रह्मवर्त घाट स्थित ब्रह्मा मंदिर की ब्रह्म खूंटी डूब गई। दोपहर तक मंदिर के नीचे सीढ़ियों तक ही पानी था। अचानक गंगा का पानी बढ़ा तो देर रात दुनिया की केंद्र बिंदु कही जाने वाली ब्रह्मा खूंटी डूब गई।
सुबह पूरी तरह से डूब चुकी ब्रह्म खूंटी और पूजन करते श्रद्धालु। जागरण
अच्छी बारिश का संकेत है इसका डूबना
मंदिर के पुजारी रूपम द्विवेदी ने बताया देर रात देखा गया तो खूंटी डूबी हुई थी। तीर्थ पुरोहित देव कुमार द्विवेदी ने बताया ब्रह्मवर्त खूंटी का डूबना अच्छी बारिश होने का प्रमाण होता है। वैसे अगस्त या सितंबर माह में ब्रह्म खूंटी डूबती थी। लेकिन पिछली बार जुलाई माह में ही खूंटी डूब गई थी।
जानें ब्रह्म खूंटी के बारे में
पौराणिक कथाओं के अनुसार बिठूर में गंगा नदी किनारे स्थित ब्रह्म खूंटी ही संपूर्ण विश्व का केंद्र बिंदु है। इस बात कई मनीषी और विदेशी वैज्ञानिक भी प्रमाणित कर चुके हैं। वहीं मान्यता है कि ब्रह्मा जी ने बिठूर में इसी स्थान पर बैठकर सृष्टि की रचना की थी। उन्होंने इसी स्थान पर 99 यज्ञ किए थे। इससे राजा मनु की उत्पत्ति हुई थी। उनका आधा शरीर पुरुष और आधा स्त्री का था। ब्रह्मा जी ने स्त्री को अलग कर रानी शकुंतला नाम दिया और फिर उन्हें सृष्टि रचना का आदेश दिया। एक किवदंती यह भी है कि यज्ञ खत्म होने के बाद ब्रह्मा जी जाने को हुए तो उनके दाहिने पैर की खड़ाऊं धरती में धंस गई। खड़ाऊं पाताल में चला गया लेकिन अंगूठे और अंगुली के बीच कील धरती के ऊपर रह गई। जाते समय ब्रह्माजी ने कहा कि आने वाले समय में खूंटी विख्यात होगी।
सतर्क भी करती हैं यह खूंटी
खूंटी के डूबने से अच्छी बारिश का संकेत है। लेकिन यह सतर्क भी करती हैं कि गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ेगा जिससे आसपास के इलाके बाढ़ के प्रभाव में आएंगे। वहीं लगातार जलस्तर बढ़ने से ग्वालटोली, नवाबगंज, बिठूर, क्षेत्र के कटरी इलाके के किसानो की समस्या आने वाले दिनों में बढ़ सकती है। कटरी में सब्जी के खेत और अमरूद के बगीचे बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं जिससे कटरी के बनिया पुरवा दुर्गापुरवा, मक्कापुरवा, चैनपुरवा, भगवान दीन पुरवा के लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती है। गंगा की रेती में फसल करने वालो की तरोई, लौकी कद्दू, खीरा की फसल लगभग डूब चुकी है। कटरी क्षेत्र के रहने वाले लोग गंगा बैराज मार्ग पर प्लास्टिक डालकर शरण लेते हैं। कटरी में फसल डूबने से सब्जी भी तेज हो जाती अमरूद और जामुन के पेड़ खराब होने लगते हैं। तहसीलदार ने राजस्व कर्मियों को निर्देशित किया गया है कि कटरी के तटवर्ती इलाके में लोगो को सचेत किया जा रहा है।
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