Kanpur News: बिकरू कांड में घायल हुए पुलिस कर्मियों को नोटिस, लौटाने होंगे साढ़े छह लाख रुपये; वजह हैरान करने वाली
कानपुर में बिकरू कांड में घायल हुए पुलिसकर्मियों को इलाज के लिए दिए गए साढ़े छह लाख रुपये वापस करने का नोटिस मिला है। विभाग ने 15 दिनों के भीतर पैसे वापस करने या वेतन से 20 प्रतिशत मासिक कटौती की चेतावनी दी है। पीड़ित पुलिसकर्मियों ने अपर पुलिस आयुक्त अपराध एवं मुख्यालय से गुहार लगाई है। अधिकारियों ने मामले को उच्च अधिकारियों के सामने रखने का आश्वासन दिया है।

जागरण संवाददाता, कानपुर। बिकरू कांड में घायल हुए पुलिसकर्मियों को इलाज के लिए शासन से मिले साढ़े छह-छह लाख रुपये वापस करने का नोटिस मिला, जिसमे लिखा है कि 15 दिन में रुपये वापस करें वरना प्रति माह वेतन से 20 प्रतिशत कटौती होगी। इस नोटिस के मिलने से पुलिसकर्मी भी हैरान हैं। घायल पुलिस कर्मियों ने अपर पुलिस आयुक्त अपराध एवं मुख्यालय विनोद कुमार सिंह से गुहार लगाई है।
बिकरू गांव में दो जुलाई 2020 की देर रात सीओ देवेन्द्र मिश्रा के नेतृत्व में पुलिस टीम ने कुख्यात विकास दुबे को पकड़ने के लिए दबिश दी थी, जिसमें विकास दुबे ने अपने गुर्गों के साथ मिलकर गोलियों की बौछार कर दी थी।
इसमें सीओ समेत आठ पुलिसकर्मी बलिदान हुए थे। बाद में विकास दुबे समेत उसके छह गुर्गे भी एनकाउंटर में मारे गए थे। वहीं इस बिकरू कांड में एसआइ कौशलेन्द्र प्रताप सिंह, एसआइ सुधाकर पांडेय, एसआइ अजय कश्यप, हेड कांस्टेबल अजय सिंह सेंगर और सिपाही शिवमूरत निषाद घायल हुए थे। घायलों को रीजेंसी हास्पिटल में भर्ती कराया गया था।
वहां से इलाज कराने के बाद सभी अपने नियुक्ति वाले स्थान पर पहुंचकर ड्यूटी करने लगे थे। पुलिस कर्मियों के मुताबिक घायल पुलिस कर्मियों को विभाग की तरफ से साढ़े छह-छह लाख रुपए दिया गया था। जिसे पुलिस कर्मियों ने अपने इलाज समेत खर्च कर लिए थे, लेकिन अब अचानक से मुख्यालय की तरफ से एक नोटिस मिला, जिसमें आदेश दिया गया कि उन्हें मिले रुपये वापस करने हैं।
न करने पर उनके वेतन से 20 प्रतिशत हर माह कटौती की जाएगी। आरोप है कि इससे पहले न कोई पत्राचार हुआ और सूचना दी गई। अब आदेश दे दिया कि 15 दिन के भीतर रुपये वापसी सुनिश्चित करें।
पीड़ित पुकिसकर्मी ने कहा कि उन्होंने कोई जीवन रक्षक निधि नहीं मांगी थी। पता होता तो वे रुपये लेते ही नहीं। मामले में अपर पुलिस आयुक्त विनोद कुमार सिंह ने सभी को आश्वासन दिया है कि वह उनकी बात उच्च अधिकारी के सामने रखेंगे।
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