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    Akhilesh Dubey Case: 'अखिलेश दुबे के पैर छूते हैं इंस्पेक्टर अशोक दुबे...' मुकदमे के वादी का आडियो प्रचलित

    Kanpur News कानपुर के श्यामनगर में भवन विवाद को लेकर पूर्व पार्षद और दिवंगत पार्षद के बेटे के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। एक ऑडियो वायरल हुआ है जिसमें अखिलेश दुबे का नाम सामने आ रहा है। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।

    By ankur Srivastava Edited By: Anurag Shukla1Updated: Wed, 27 Aug 2025 10:03 PM (IST)
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    आपरेशन महाकाल अभियान- भूमाफिया अधिवक्ता अखिलेश दुबे।

    जागरण संवाददाता, कानपुर। श्याम नगर में भवन के विवाद मे पूर्व पार्षद और कृष्णा नगर के दिवंगत पार्षद के बेटे के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है। आपरेशन महाकाल चलने के दौरान विवाद में अखिलेश दुबे का नाम भी लिया जाने लगा। एक पक्ष ने एक व्यक्ति से फोन पर बातचीत के दौरान पूर्व पार्षद व महिला पर आरोप लगाए और अखिलेश दुबे का कई बार नाम लिया।

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    यही नहीं उसने यह भी कहा कि अखिलेश दुबे के साकेत नगर के इंस्पेक्टर अशोक दुबे पैर छूते हैं। उन्होंने कहा कि मुकदमे में चार्जशीट लगेगी। पैसा खर्च करने पर एक नाम निकल सकता है, लेकिन महिला के बचने की गुंजाइश नहीं है। वहीं, वादी ने भी एडीसीपी क्राइम कार्यालय में पूर्व पार्षद के खिलाफ बुधवार को तहरीर दी है।

    श्याम नगर डी ब्लाक निवासी पूर्व पार्षद राजीव सेतिया और चकेरी के कृष्णा नगर निवासी दिवंगत पार्षद गोपाल गुप्ता के बेटे सूरज गुप्ता के बीच एक भवन को लेकर काफी समय से विवाद चल रहा है। सेतिया का आरोप है कि सूरज खुद को अखिलेश दुबे का सहयोगी बताता है। जिस भवन मैंने एग्रीमेंट कराया है। सूरज उसके बदले में 50 लाख मांग रहा था।

    आरोप है कि उसने कहा कि रुपये दो वरना तुम्हारे भवनको विवादित बना दूंगा। विरोध करने पर उसने अखिलेश दुबे के सहयोग से कई अलग-अलग प्रार्थना पत्र अधिकारियों को दिए। आरोप लगाया कि रंगदारी न देने पर उस भवन को विवादित बनाने के लिए केडीए में फर्जीवाड़ा करने लगे। इसकी जांच के बाद राजीव सेतिया ने स्वरूप नगर थाने में मुकदमा कराया था, पर इसके बाद आरोपित मुझपर पर 28 मार्च को 20 लाख रुपये रंगदारी, मारपीट समेत धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था।

    इस भवन विवाद को लेकर राजीव सेतिया ने मंगलवार को आपरेशन महाकाल के तहत एसआइटी में शामिल एडीसीपी क्राइम अंजलि विश्वकर्मा को तहरीर दी है। इस दौरान सेतिया के प्रकरण से जुड़ा छह मिनट 50 सेकेंड का एक आडियो प्रचलित हुआ, जिसमें सूरज व एक अन्य व्यक्ति की बातचीत है। सूरज ने कहा कि बड़ा कटिंग करता था। अब समझ में आएगा। सब सेटिंग से काम हुआ है। इसको एक फूटी कौड़ी नहीं देंगे। इसका कोई अधिकारी नहीं बनता है।

    कोर्ट के आदेश का पुलिस ने कोई अनुपालन नहीं किया है। ये बड़ी धोखाधड़ी बन रही है। इस दौरान एक विधायक को उनकी जाति से बोलते हुए जिक्र किया। वहीं, बातचीत के दौरान दबाव में आने समेत कई बातें की। इसबीच सूरज ने बात करने वाले व्यक्ति से कहा कहि ये विड्राल कर जाए। मेरा उद्देश्य वह महिला है। वह महिला मुख्य बिंदू है। कोई बड़ी बात नहीं कि वह जेल चली जाए। उस पर धोखाधड़ी, कूटरचित, झूठा साक्ष्य देना समेत आइपीसी की धाराएं लगने की बात कही।

    उसने कहा कि अखिलेश दुबे साकेत नगर ने मुझे बताया है। हम अखिलेश दुबे के पास इंस्पेक्टर अशोक दुबे को लेकर गए थे। अशोक दुबेक पैर छूता है न अखिलेश दुबे के। अशोक दुबे ने कहा था यार चलो भइया के पास। वे बताएंगे तुम्हारा क्या मामला है। हम लोग पूरी फाइल लेकर गए थे। उन्होंने कहा था कि ये मुलजिम बन रही है। सेतिया बच सकता है। अगर आइओ चाहे, लेकिन महिला नहीं बचेगी।

    वहीं, दूसरे पक्ष से सूरज गुप्ता ने भी एडीसीपी क्राइम को राजीव सेतिया के खिलाफ तहरीर दी। आरोप लगाया कि जिस भवन पर विवाद बताया जा रहा है। उसे राजीव सेतिया ने कब्जा कर औने-पौने दाम पर बेचने का प्रयास करने लगा था। मना करने पर धमकी दी। सेतिया ने फर्जी दस्तावेज बना कब्जा किया है। उस पर मुकदमे भी दर्ज हैं। उसने 50 लाख रंगदारी मांगने का झूठा आरोपल गाया है।

    राजीव सेतिया की झगड़ा करते वीडियो भी हैं। इतना ही नहीं पुलिस को रिश्वत देते हुए भी साक्ष्य हैं। वहीं, इंस्पेक्टर अशोक दुबे ने बताया कि उनका इस मामले में कोई लेनादेना नहीं है। कोई मेरे बारे में क्या कह रहा। मुझे नहीं पता। हमें कहीं जाना होगा तो हम सक्षम हैं। दूसरे की जरूरत नहीं है।