कानपुर का AQI दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा, सांस लेना भी मुश्किल; आने वाले दिनों में और खतरनाक होगी हवा
कानपुर में नवंबर के महीने में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार बिगड़ रहा है, जिससे शहर में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने निर्माण कार्यों पर निगरानी रखने और कूड़ा जलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की अपील की है। डॉक्टरों ने बच्चों, बुजुर्गों और रोगियों को सतर्क रहने की सलाह दी है।

जागरण संवाददाता, कानपुर। नवंबर का महीना बीत रहा है, लेकिन शहर की हवा लगातार बिगड़ती जा रही है। समीर एप पर दर्ज आंकड़े साफ बताते हैं कि एक से 21 नवंबर के दौरान 15 दिन हवा की गुणवत्ता खराब से लेकर बेहद खराब श्रेणी में रही।
यह स्थिति शहर के लिए गंभीर चेतावनी है, क्योंकि ठंड बढ़ने के साथ प्रदूषण का स्तर और ज्यादा चढ़ सकता है। ऐसे प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने निर्माण कार्यों की निगरानी के साथ ही नगर निगम के अधिकारियों से कूड़ा जलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की अपील की है।
नवंबर माह में अभी तक के आंकड़ों के अनुसार आठ नवंबर का दिन इस महीने का सबसे प्रदूषित रहा, इस दिन पीएम 2.5 का स्तर 256 दर्ज किया गया। यह स्तर सीधे तौर पर बेहद खराब श्रेणी को पार कर गंभीर श्रेणी की ओर इशारा करता है।
इसके बाद 12 और 13 नवंबर को भी हवा बेहद खराब रही, जब पीएम 2.5 क्रमशः 204 और 207 दर्ज किया गया। यही नहीं, 10, 11, 14 और 15 नवंबर को भी प्रदूषण का स्तर 170 से 200 के बीच रहा, जो बताता है कि हवा लगातार खराब श्रेणी में बनी है।
हालांकि 18 नवंबर को शहर को हल्की राहत मिली, जब पीएम 10 का स्तर 99 दर्ज किया गया और हवा संतोषजनक श्रेणी में दिखाई दी, लेकिन यह राहत केवल एक दिन की साबित हुई।
19 नवंबर से हवा फिर खराब होने लगी और पीएम 10 125, 20 नवंबर को पीएम 2.5 189 तथा 21 नवंबर को 194 तक पहुंच गया। आंकड़े बताते हैं कि हवा में धूल और धुआं लगातार बढ़ता जा रहा है।शहर में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सक्रिय तीन स्टेशनों में शनिवार को नेहरू नगर का वायु गुणवत्ता सूचकांक 155, किदवई नगर 147 और एनएसआई कल्याणपुर 112
दर्ज किया गया।
ॉतीनों स्थानों पर हवा खराब श्रेणी में रही। मुरारी लाल चेस्ट चिकित्सालय के प्रोफेसर डा.संजय वर्मा ने बताया कि लगातार खराब हवा बच्चों, बुजुर्गों, हृदय और सांस के रोगियों के लिए बेहद खतरा पैदा करती है। खांसी, सीने में जकड़न, आंखों में जलन और सांस फूलने जैसी समस्याएं बढ़ती हैं। ऐसे में सतर्क रहने की जरूरत है।
वहीं क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी अजीत कुमार सुमन ने बताया कि प्रदूषण रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। इसमें सभी विभागों को पत्र भेजकर सहयोग मांगा गया है। ठंड बढ़ने पर धुआं और धुंध जमीन के पास जमने लगता है, जिससे प्रदूषण बढ़ता है।

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