कानपुर के अखिलेश दुबे गिरोह की खौफनाक सच्चाई, दुष्कर्म केस में फंसाने को बिहार और झारखंड से लाते लड़कियां
Kanpur Akhilesh Dubey News कानपुर में एसआइटी की जांच में अखिलेश दुबे गिरोह के कई रहस्य सामने आए। वसूली और जमीन कब्जाने को दबाव बनाने के लिए मुकदमे कराए जाते थे। एसआइटी के पास 54 शिकायतें आईं। अधिकांश मामलों में पीड़िता गायब मिलीं। तीन ऐसी महिलाएं जिन्होंने एक से अधिक मामलों में मुकदमा दर्ज कराया।

जागरण संवाददाता, कानपुर। Kanpur Advocate Akhilesh Dubey: दुष्कर्म का झूठा मुकदमा दर्ज कराकर वसूली के आरोपों में गिरफ्तार अधिवक्ता अखिलेश दुबे और उसके साथी लवी मिश्र गिरोह की खौफनाक सच्चाई सामने आई है। दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराने के लिए गिरोह बिहार और झारखंड के अलावा स्थानीय मलिन बस्तियों से लड़कियों को प्रलोभन देकर झूठे आरोप लगाने के लिए तैयार करता था। इस संबंध में सांसद अशोक रावत की शिकायत के बाद शुरू हुई जांच के दौरान पुलिस को संबंधित प्रकरणों में अधिकांश पीड़ित महिलाएं व लड़कियां गायब मिली हैं। तीन ऐसी महिलाएं भी सामने आई हैं, जिन्होंने एक से अधिक लोगों पर दुष्कर्म का आरोप लगाया है।
मिश्रिख के सांसद अशोक रावत ने पुलिस आयुक्त से मिलकर शिकायत की थी कि कानपुर में ऐसा गिरोह सक्रिय है, जो आम लोगों पर दुष्कर्म जैसे झूठे मामले दर्ज कराकर उनसे वसूली करता है या इसके एवज में जमीन संबंधित विवादों में जबरन समझौते के लिए लोगों को विवश करता है। इस मामले में जांच के लिए पुलिस आयुक्त अखिल कुमार ने डीसीपी क्राइम की अध्यक्षता में तीन मार्च 2025 को एसआइटी का गठन किया था। एसआइटी में शामिल एडीसीपी क्राइम अंजलि विश्वकर्मा ने गुरुवार को मीडिया के सामने एसआइटी से जुड़े तथ्यों को रखा तो गिरोह के कारनामे सामने आए।
एडीसीपी ने बताया कि एसआइटी के सामने कुल 54 मामले जांच के लिए आए थे। दुष्कर्म से जुड़े इन सभी मामलों में जांच शुरू हुई तो सामने आया कि शहर में अखिलेश व इससे जुड़े तमाम छोटे-मोटे गिरोह सक्रिय हैं, जो पुलिस की मिलीभगत से शहर के कारोबारियों, व्यापारियों से वसूली और कमजोर वर्ग के लोगों की जमीन कब्जाने के उद्देश्य से दुष्कर्म के झूठे मुकदमे दर्ज करा रहा था। रवि सतीजा के जिस मामले में अखिलेश व लवी गिरफ्तार हुए, उसमें भी बच्ची के साथ दुष्कर्म का झूठा मुकदमा दर्ज हुआ था। जिस युवती ने अपनी नाबालिग छोटी बहन से दुष्कर्म का आरोप लगाया था, वह जांच में बिहार की रहने वाली पाई गई है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक 54 में दुष्कर्म के आठ ऐसे मामले पाए गए हैं, जिन्हें दर्ज कराने में अखिलेश गिरोह की भूमिका मिली है। इन सभी मामलों की पीड़िताएं लापता हैं। एडीसीपी के मुताबिक ऐसा संज्ञान में आ रहा है कि जो पीड़िताएं सामने आईं हैं उनमें से अधिकांश बिहार और झारखंड की हैं। उस्मानपुर कच्ची बस्ती की कई महिलाएं हैं, जिन्होंने आरोप लगाए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि पूरे मामलों में तीन महिलाएं ऐसी हैं, जिन्होंने एक से ज्यादा दुष्कर्म के मामले दर्ज कराए हैं। इससे साफ लग रहा है कि यह गिरोह का हिस्सा हो सकती हैं। यह भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि मुकदमा लिखाने में कथित पीड़िताओं को डराया या धमकाया तो नहीं जाता था। फिलहाल सभी कथित पीड़ित महिलाओं को नोटिस भेजकर बयान देने के लिए बुलवाया जाएगा।
बचत के लिए अखिलेश ने भी ओढ़ा था मीडिया का चोला
अखिलेश खुद वकील है, लेकिन उसने अपने बचाव के लिए मीडिया के नाम का भी चोला ओढ़ रखा था। अखिलेश एबीसी नाम से एक चैनल संचालित कर रहा है, जिसमें उसके परिवार के लोग भी शामिल है। कई बार तो आम लोगों को डराने धमकाने के लिए वह इस चैनल का भी दुरुपयोग करता था।
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