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    Kanpur News: डॉक्टरों ने कर दिया कमाल... 32 साल से बिस्तर पर कट रही थी जिंदगी; इस खास थैरेपी से चलने लगा शख्स

    Updated: Wed, 21 Feb 2024 02:26 PM (IST)

    Kanpur News डॉक्टर को धरती का भगवान ऐसे ही नहीं कहते हैं। मेडिकल क्षेत्र में अक्सर चमत्कार की बात देखने या सुनने को मिलती है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के सर्जरी विभाग में हुआ। यहां 32 साल से चलने-फिरने में असमर्थ हमीरपुर के कमलेश अवस्थी के कदमों में डॉक्टरों के प्रयास ने जान फूंक दी। स्टेम सेल थेरेपी से ये कमाल हुआ है।

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    हुआ कमाल...32 साल बाद पांवों ने दिया साथ

    जागरण संवाददाता, कानपुर। डॉक्टर को धरती का भगवान ऐसे ही नहीं कहते हैं। मेडिकल क्षेत्र में अक्सर चमत्कार की बात देखने या सुनने को मिलती है। ऐसा ही कुछ मंगलवार को जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के सर्जरी विभाग में हुआ। यहां 32 साल से चलने-फिरने में असमर्थ हमीरपुर के कमलेश अवस्थी के कदमों में डॉक्टरों के प्रयास ने जान फूंक दी।

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    20 वर्ष की उम्र में बंदूक की गोली से निकले छर्रों से कमलेश का स्पाइनल कार्ड क्षतिग्रस्त हो गया था। इस कारण उसके कमर के नीचे का हिस्सा शरीर का भार उठाने में असमर्थ हो गया। इसे जीएसवीएम के विशेषज्ञों ने स्टेम सेल की मदद से सुधारकर आशा की किरण जगा दी।

    छह माह पहले शुरू हुआ था इलाज

    स्टेम सेल थेरेपी विशेषज्ञ डा. बीएस राजपूत ने बताया कि छह माह पहले 32 वर्षों से बिस्तर पर पड़े मरीज कमलेश का इलाज शुरू हुआ था। इसके बेहतर परिणाम अब मिल रहे हैं और मरीज चलने-फिरने लगा है। उन्होंने बताया कि हमीरपुर के कमलेश के साथ 20 वर्ष की उम्र में घटना हुई थी। छह माह पहले मरीज के स्वजन को जीएसवीएम में स्टेम सेल से गंभीर बीमारियों के इलाज की जानकारी मिली तो उन्होंने संपर्क किया। इसके बाद मरीज को स्टेम सेल की पहली डोज दी गई।

    32 वर्ष से बिस्तर पर रहने वाले कमलेश चल रहे

    इसमें स्टेम सेल की मदद से बोन मैरो सेल को मरीज कमलेश की स्पाइन में ट्रांसप्लांट किया गया। इसके बाद मरीज के शरीर में काफी सुधार आ रहा है। उन्होंने बताया कि मंगलवार को मरीज की ओर से विशेषज्ञों को भेजे गए वीडियो में 32 वर्ष से बिस्तर पर रहने को मजबूर कमलेश स्टिक के सहारे चल रहे हैं। बेहतर परिणाम को ध्यान में रखते हुए जल्द ही शोध पत्र तैयार कर उसे अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित कराया जाएगा।

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