युवाओं में क्यों हो रहा हेयर फाल? जीएसवीएम मेडिकल कालेज के विशेषज्ञ डा. श्वेतांक से जानें इससे बचने के उपाय
जंक फूड और असंतुलित दिनचर्या गंजेपन की ओर ले जा रही है। इससे बचाव के लिए जरूरी है कि दिनचर्या में बदलाव जरूरी है। दैनिक जागरण कार्यालय में हेलो डाक्टर में पाठकों के सवालों का जवाब देने के लिए कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कालेज के त्वचा विभाग के विशेषज्ञ डा.श्वेतांक आए।

जागरण संवाददाता, कानपुर। वर्षा के मौसम में फंगल संक्रमण, बैक्टीरियल संक्रमण के कारण एलर्जी और बाल झड़ने के मरीजों से ओपीडी भरी हुई है। इस मौसम में नमी के कारण हेयर फाल बढ़ जाता है। फंगल के कारण डैंड्रफ की समस्या बढ़ और दाद, खाज, खुजली तथा अन्य त्वचा रोग का खतरा बढ़ जाता है। यह बातें दैनिक जागरण के हेलो डाक्टर में जीएसवीएम मेडिकल कालेज के त्वचा रोग विभाग के विशेषज्ञ डा. श्वेतांक ने पाठकों के सवालों का उत्तर देते हुए कहीं।
उन्होंने कहा कि अगर आप स्मोकिंग करते हैं और जंक और फास्टफूड के शौकीन है तो आपके बाल हार्मोनल असंतुलन के कारण अधिक तेजी से झड़ सकते हैं। यह आपको गंजेपन की ओर ले जाती है। पेश है हेलो डाक्टर में पाठकों से बातचीत के मुख्य अंश...
त्वचा में लाल रंग के दाने और चकत्ते पड़ जाते हैं। इससे कैसे बचाव करें? - जय प्रकाश तिवारी, बर्रा एक।
अगर आपको एक वर्ष से यह समस्या है, तो एक बार त्वचा रोग विभाग में जरूर दिखा लें। यह एक्जिमा का लक्षण है। तो खुजली से शुरू होता है। शुष्क त्वचा होने के कारण ऐसा होता है। आप नहाने के बाद नारियल का तेल लगाएं। साबुन का कम प्रयोग करें। पांच मिनट से ज्यादा पानी में न रहें। खान-पान बेहतर करें और सूती कपड़े पहनें। इस सीजन में चिकनपाक्स की समस्या बढ़ जाती है। भीड़ वाले स्थान पर जाने पर मास्क लगाएं।
शरीर में खुजली के बाद काले रंग के धब्बे पड़ जाते हैं। जो लंबे इलाज के बाद भी नहीं जाते हैं? - उमेश गुप्ता, यशोदा नगर।
आप धब्बे वाले स्थान पर नारियल का तेल लगाते रहे। मानसून के मौसम में त्वचा की नमी के कारण इस प्रकार की समस्या होती है। त्वचा में लालपन के मामले भी बढ़ जाते हैं। काले रंग के धब्बे पड़ने को अनदेखा नहीं करें। एलएलआर के त्वचा रोग विशेषज्ञ को जरूर दिखाएं।
बाल झड़ने की समस्या है। वर्षा के मौसम में यह बढ़ने लगती है? - मीनू शुक्ला, यशाेदा नगर।
बालों के झड़ने में हार्मोनल असंतुलन और फैमिली हिस्ट्री कारण बनते हैं। शरीर में आयरन और प्रोटीन की कमी न होने दें। वजन न बढ़ने दें। बढ़ता हुआ वजन शरीर में हार्मोनल असंतुलन का कारण बनता है। जो बाल झड़ने का जिम्मेदार है। खान-पान में फल, दही, मोटा अनाज और का सेवन करें। डाइट में प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ अधिक खाएं।
मेरा बेटा पुणे में है, जब से वहां गया उसके बाल झड़ने की समस्या बढ़ गई है? - संध्या मिश्रा, न्यू आजाद नगर।
अक्सर पानी में होने वाले बदलाव के कारण ऐसा हो सकता है। खान-पान, तनाव और अन्य कारण भी बाल झ़ड़ने का कारण बन रहा है। दो महीने तक पर्याप्त नींद यानी आठ घंटे सोने की आदत डालें। उसके बाद भी आराम नहीं मिलने पर एलएलआर के त्वचा रोग विभाग में दिखाएं।
वर्षा के मौसम में दाद, खाज और खुजली की समस्या क्यों बढ़ जाती है? - सत्यनारायण, मंगला विहार।
मानसून का मौसम बैक्टीरिया, वायरल और फंगल की ग्रोथ को बढ़ता है। इसलिए इस सीजन में त्वचा से जुड़ी समस्या बढ़ जाती हैं। इसलिए शरीर को सूखा रखें। सूती कपड़े पहनें। शरीर को स्वच्छ रखें। ऐसा करने से आप दाद, खाज की समस्या से बच सकते हैं। पर्याप्त नींद लें और खान-पान का ख्याल रखें। त्वचा संबंधित किसी भी समस्या से खुद से दवाएं कतई नहीं लें।
क्या स्मोकिंग और फास्टफूड की लत से भी बाल झड़ सकते हैं? - आशुतोष कश्यप, बिधनू।
स्मोकिंग करने से शरीर में निकोटीन बढ़ता है। जो रक्त कोशिकाओं को सिकुड़ता है। इस कारण ब्लड सप्लाई बाधित होती है और हेयर फाल की समस्या बढ़ जाती है। इसी प्रकार जंक फूड से शरीर का भार बढ़ता है और हार्मोनल समस्या से बाल झड़ने लगते हैं। जंक फूड और फास्ट फूड में सोडियम की अधिक मात्रा भी तनाव को बढ़ाती है और हेयर फाल बढ़ता है। अगर हर दिन 50 से 100 बाल के करीब हर दिन गिर रहे हैं तो इससे डरें नहीं। अगर बड़ी संख्या में बाल गिर रहे हैं तो एक बार एलएलआर अस्पताल के त्वचा रोग विभाग में दिखा लें।
मेरी बेटी 12 वर्ष की है। उसके पैर और हाथ में दाने होते हैं और अब खुजली हो रही है? - सारिका गुप्ता, यशोदा नगर।
इस प्रकार की समस्या मच्छर और मक्खियों के कारण होते हैं। जिन बच्चों को बचपन से एलर्जी की समस्या होती है। उनमें इस प्रकार की समस्या दिखती है। बचाव के लिए बच्चे को पूरी बांह के कपड़े पहनाएं। घर में साफ-सफाई रखें। इससे परेशान होने की समस्या नहीं है। स्वच्छता का ख्याल रखने से आप बच्चे को रोग मुक्त रख सकते हैं।
बरसात में अधिक बाल झड़ रहे हैं। कैसे बचाव करें? - आध्या गुप्ता, यशाेदा नगर। आकांक्षा शुक्ला, अकबरपुर। प्रमोद तिवारी, लखनपुर।
वातावरण में नमी के कारण बाल की बाहरी लेयर कमजोर होती है। इसलिए इस मौसम में बाल झड़ते हैं। वर्षा में भीगने से बचें। वर्षा के पानी के साथ प्रदूषण भी बाल में जमा होता है। जो बाल झड़ने का कारण बनता है। बालों में कंडीशनर का प्रयोग करें। बदल-बदलकर तेल लगाने से बचें। खान-पान का विशेष ख्याल रखें।
मेरी आंख की फलक और आइ ब्रो के साथ पसीने आने वाले शरीर के भाग में दाद और चकत्ते पड़ते हैं? - आराधना तिवारी, आवास विकास, केशवपुरम।
दाद, खाज का इलाज पूरा कराना चाहिए। एक बार एलएलआर अस्पताल के त्वचा रोग विभाग में दिखा लें। तब तक ढीला और सूती कपड़े पहनें। तौलिया दूसरों की प्रयोग नहीं करें। शरीर को सूखा रखें। खासतौर पर शरीर के उन भाग को जहां पर पसीना बनता है। ऐसे स्थान पर एंटी फंगल पाउडर का प्रयोग करें। साबुन और तेल बदलें नहीं। समस्या बढ़ने पर एक बार त्वचा रोग विशेषज्ञ को दिखाएं।
वर्षा के मौसम में गले में छोटे-छोटे छाले जैसे दाने बन जाते हैं। कैसे बचाव करें? - कृतिका, बर्रा दो।
मानसून में एलर्जी के कारण ऐसा हो सकता है। पसीना के रुकने की समस्या के कारण यह दाने बनते हैं। जो संक्रमण के कारण छाले जैसे प्रतीत होते हैं। गले में अगर ऐसा हो रहा है तो गले में माला और ताबीज न पहनें। ताकि पसीने का ठहराव न हो।
मानसून में इन बीमारियों का रहता खतरा
- फंगल संक्रमण जैसे दाद, खाज, खुजली।
- बाल झड़ना।- मुहासे, घमौरियां।
मानसून में त्वचा रोग से बचाव के लिए करें यह उपाय
- धूम्रपान करने से बचें और तनाव मुक्त रहें।
- फास्टफूड का सेवन कम से कम करें।
- पर्याप्त आठ घंटे की नींद लें।
- कपड़े सूती और ढीले पहनें।
- संतुलित खान-पान की आदत डालें।
- खाने में मौसमी फल, सब्जियों का सेवन करें।
- अधिक तेल और मसालेदार भोजन से बचें।
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