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    JEE Advanced Topper 2022: कनिष्क को इंजीनियर बनकर आइएएस बनने की चाहत, पढ़ें कानपुर के टॉपरों का खास इंटरव्यू

    JEE Advanced Topper 2022 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में दाखिले के लिए होने वाली जेईई एडवांस के परिणाम में कानपुर के 500 से ज्यादा विद्यार्थियों ने सफलता पाई है। आइआइटी कानपुर जोन में पहला स्थान बनाने वाले कनिष्क शर्मा आइएएस बनने की चाहत रखते हैं।

    By Abhishek AgnihotriEdited By: Updated: Mon, 12 Sep 2022 04:46 PM (IST)
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    जेईई एडवांस में कानपुर के टापरों से बातचीत।

    कानपुर, जागरण संवाददाता। JEE Advanced Topper 2022: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में दाखिले के लिए होने वाली संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) एडवांस का परिणाम और आल इंडिया रैंकिंग में जगह बनाने वाले बेहद उत्साहित हैं। आइए जानते हैं कि 

    आइआइटी कानपुर जोन में पहला स्थान लाने वाले जालौन उरई के कनिष्क शर्मा की सफलता का क्या राज है तो कानपुर में सिटी टॉपर प्रबकीरत सिंह की आगे की क्या प्लानिंग है। पढ़िए शहर के टॉपरों की जुबानी उनकी सफलता की कहानी...। 

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    इंजीनियर के बाद आइएएस बनना चाहते हैं उरई के कनिष्क

    जालौन जनपद के उरई में रामनगर निवासी कनिष्क शर्मा ने जेईई एंडवांस में 58वीं रैंक हासिल की है, जबकि आइआइटी कानपुर जोन में उन्हें पहला स्थान मिला है। कनिष्क ने बताया कि 12 से 14 घंटे की नियमित पढ़ाई से उन्हें यह सफलता मिली है। इसका श्रेय वह अपने माता-पिता व गुरुजनों को देते हैं। वह अच्छा इंजीनियर बनने के बाद आइएएस बनना चाहते हैं। कनिष्क ने हाईस्कूल में 93 प्रतिशत अंक और सीबीसीएसई बोर्ड से इंटरमीडिएट में 99.02 प्रतिशत और जेईई मेन में शत प्रतिशत अंक हासिल किए थे। पिता राजेश कहते हैं कि बेटे ने अनुशासन के मंत्र से कामयाबी हासिल की है।

    मेहनत करने से जरूर मिली है सफलता

    पहले ही प्रयास में जेईई मेन में 446वीं और जेईई एडवांस में 678 रैंक हासिल करके सिटी टॉपर बने गोविंद नगर निवासी प्रबकीरत सिंह कहते हैं कि परीक्षा से घबराना नहीं चाहिए। जेईई की मेन और एडवांस परीक्षा से पहले पुराने प्रश्नपत्रों को समयबद्ध रूप से जरूर हल करें। इससे आत्मविश्वास बढ़ेगा और निराशा का भाव नहीं आएगा। उनके पिता हरप्रीत सिंह मेडिकल स्टोर संचालक और मां अमित कौर खालसा इंटर कालेज में शिक्षिका हैं।

    चिंटल्स स्कूल से 12वीं की परीक्षा उन्होंने 99.75 प्रतिशत अंकों से पास की और पूरे देश में पहला स्थान पाया था। प्रबकीरत कहते हैं कि रोजाना सात से आठ घंटे की पढ़ाई जरूर करें। परीक्षा के दौरान यह समय और बढ़ा दें। इंटरनेट मीडिया से दूरी बनाएं। उन्होंने बताया कि परिवार ने काफी सहयोग दिया। अगर पढ़ाई के कारण किसी कार्यक्रम में नहीं जाता था तो मम्मी-पापा भी उस कार्यक्रम में नहीं जाते थे। उन्होंने बताया कि उन्हें 360 में से 183 अंक मिले।

    पिता ओएफसी में क्राफ्टमैन, बेटा बनेगा आइआइटी से इंजीनियर

    कल्याणपुर आवास विकास तीन निवासी शिवांश कांडपाल ने पहले प्रयास में जेईई एडवांस में 701वीं रैंक हासिल की है। शिवांश के पिता सुरेश चंद्र कांडपाल ओएफसी में मास्टर क्राफ्टमैन हैं और मां विद्या गृहणी हैं। शिवांश ने 12वीं की परीक्षा केंद्रीय विद्यालय नंबर एक अर्मापुर से 95.80 प्रतिशत अंकों से पास की थी। उन्होंने बताया कि भाई स्वप्निल ने आइआइआइटी मणिपुर से कंप्यूटर साइंस से बीटेक किया था। भाई ने ही क्रम से नोट्स बनाने और प्रश्नपत्रों को समयबद्ध रूप से हल करने के गुर सिखाए। पूरे दिन में करीब 10 घंटे तक पढ़ाई की। अब आइआइटी दिल्ली या आइआइटी बीएचयू से कंप्यूटर साइंस से बीटेक करके इंजीनियर बनेंगे।

    शिक्षक पिता की मेहनत रंग लाई, मृदुल ने पाई 1530 रैंक

    निराला नगर में दीप सिनेमा के पास रहने वाले निवासी शिक्षक नरेन्द्र राठी के बेटे मृदुल ने पहले ही प्रयास में जेईई एडवांस में 1530 रैंक हासिल करके परिवार का नाम रोशन किया है। मृदुल ने बताया कि पापा ने उन्हें गणित पढ़ाई और अन्य विषयों के लिए कोचिंग में प्रवेश दिलाया। 12वीं की परीक्षा लखनऊ स्थित सूर्या पब्लिक स्कूल से 91.2 प्रतिशत अंकों से पास की है। कानपुर में वह पिता के साथ रहे और जेईई मेन व एडवांस की तैयारी शुरू की। अब आइआइटी मुंबई, दिल्ली, कानपुर या खड़गपुर में प्रवेश लेंगे। कंप्यूटर साइंस, मैथमैटिकल कंप्यूटिंग से बीटेक करने का लक्ष्य है। इसके बाद भविष्य के बारे में सोचेंगे।

    फैक्ट्री कर्मी के बेटे ने छुआ असमान

    डिप्टी पड़ाव निवासी प्रांजुल शिखर वर्मा की जेईई एडवांस में 5471 रैंक और कैटेगरी रैंक 120 आई है। पिता अशोक कुमार एक फैक्ट्री में कर्मचारी हैं। प्रांजुल बताते हैं कि पिता ने कभी भी कोई कमी नहीं महसूस नहीं होने दी। वेतन का आधा पैसा हमारी पढ़ाई पर ही खर्च कर देते हैं। 12वीं की परीक्षा प्रांजुल ने इसी वर्ष बृजकिशोरी दुबे मेमोरियल स्कूल से पास की थी। अब आइआइटी दिल्ली या आइआइटी कानपुर में प्रवेश लेकर इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग से बीटेक करेंगे।

    ई-रिक्शा चालक का बेटा बनेगा इंजीनियर

    जरीब चौकी निवासी विशप राज ने भी जेईई एडवांस में 7404 रैंक और कैटेगरी रैंक 178 हासिल की है। विशप के पिता विनय कुमार कर्मयोगी हैं और ई रिक्शा भी चलाते हैं। 12वीं की परीक्षा विशप ने इसी वर्ष सेंट फ्रांसिस इंटर कालेज से 86 प्रतिशत अंकों से पास की है। अब आइआइटी कानपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग से बीटेक करेंगे और उसके बाद शोध करेंगे। उन्होंने बताया कि मां निरंजना व एचबीटीयू से बीटेक कर रहे भाई पवित्र राज ने उनकी पढ़ाई में काफी मदद की।

    बहन ने देखा सपना, भाई ने पकड़ी आइआइटी की राह

    पी रोड निवासी पीयूष चंद्रा ने जेईई एडवांस में 8653 रैंक और कैटेगरी में 370वीं रैंक पाई है। पीयूष ने बताया कि पिता का देहांत हो चुका है। बीटेक कर चुकी बड़ी बहन शिवानी ही ट्यूशन पढ़ाकर किसी तरह परिवार चलाती हैं। बहन ने उन्हें इंजीनियर बनाने का सपना देखा है और कोर्स के साथ ही प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में भी हमेशा मदद की। उन्होंने सेंट फ्रांसिस स्कूल से इंटर की परीक्षा 86 प्रतिशत अंकों से पास की। अब आइआइटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक करना ही लक्ष्य है।