जापानी तकनीक के इस्तेमाल से अब कम समय में समृद्ध होंगे किसान, CSA Kanpur में अप्रैल से होगी शुरुआत
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में कम समय में सब्जी की फसल तैयार करने पर फोकस किया है। इस तरह की तकनीक का जापान और चीन में इस्तेमाल हो रहा है। यहां भी आइसीएआर के सहयोग से अप्रैल में शुरुआत की जाएगी।

कानपुर, जेएनएन। अब कम समय में सब्जी की फसल तैयार होंगी। इसको लेकर चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) के विशेषज्ञों ने शोध की रणनीति बनाई है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) के सहयोग से इस प्रोजेक्ट की शुरुआत अप्रैल से होगी। इससे सब्जी उत्पादक किसान समृद्ध होंगे।
ग्रोथ हार्मोंस और मॉलिक्युलर मार्कर तकनीक का इस्तेमाल
ग्रोथ हार्मोंस और मॉलिक्युलर मार्कर तकनीक का इस्तेमाल करके शोध कार्य होगा। इसमें फसलों से फूल जल्दी नहीं गिरते हैं। पौधों का आकार छोटा रहता है, जबकि पैदावार अच्छी होती है। जापान और चीन में काफी पहले से इस तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट को सैद्धांतिक सहमति मिल गई है। इससे फसलों को कम नुकसान होगा और पैदावार बढ़ेगी।
पौधों का तेजी से होता विकास
निदेशक शोध डॉ. एचजी प्रकाश ने बताया कि ग्रोथ हार्मोंस से पौधों का विकास तेजी से होता है। उनकी गुणवत्ता भी बढ़ जाती है। मौजूदा समय में कम जगह और कम सयम में अच्छी पैदावार देने वाली फसलों की मांग बढ़ी है।
इन पर भी किया जाएगा काम
- गेहूं में मिनरल्स की मात्रा बढ़ाई जाएगी।
- सब्जियों में विटामिन के स्तर में इजाफा किया जाएगा।
- दालों में अमीनो एसिड को बढ़ावा दिया जाएगा।
- दलहन की प्रजातियों में प्रोटीन का स्तर बढ़ाएंगे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।