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    एक सप्ताह में आठ फीसद तक गिरा लोहे का भाव, महंगे दाम पर लोहा खरीद चुके कारेाबारियों के समक्ष संकट

    By Shaswat GuptaEdited By:
    Updated: Fri, 22 Jan 2021 07:44 AM (IST)

    अक्टूबर के अंत से जनवरी के पहले सप्ताह तक 50 फीसद बढ़े दाम। अब दाम गिरने से अपने उत्पादनों को कम दाम में बेचना उनकी मजबूरी बन गई है। लोहे के भाव बढ़ते ...और पढ़ें

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    कानपुर के लोहा कारोबार से संबंधित प्रतीकात्मक चित्र।

    कानपुर, जेएनएन। अक्टूबर के अंत में लोहे के भाव जितनी तेजी से बढ़े थे, पिछले एक सप्ताह में वे उतनी ही तेजी से गिरे हैं। इस दौरान भाव आठ फीसद तक नीचे आया है। भाव बढऩे से वे कारोबारी परेशान हैं, जिन्होंने बढ़े हुए दाम पर लोहा खरीदा था। अब दाम गिरने से अपने उत्पादनों को कम दाम में बेचना उनकी मजबूरी बन गई है। लोहे के भाव बढ़ते ही जिन कारोबारियों ने काम रोक दिया था उन्हें फायदा होगा।

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    • 25 हजार टन है कानपुर में लोहे की खपत प्रतिमाह
    • 2500 लोहे के निर्माता, कारोबारी और डिस्ट्रीब्यूटर हैं
    • 50 फीसद से ज्यादा बढ़ गए थे अक्टूबर से जनवरी के पहले सप्ताह तक दाम
    • 60 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया था 35 रुपये प्रति किलो बिकने वाली सरिया, एंगल, गार्डर, चैनल, पटिया
    • 72 रुपये में बिक रही थी 40 रुपये में बिकने वाली एचआर क्वाइल चादर
    • 125 रुपये तक पहुंच गई थी 70 रुपये में बिकने वाली प्रोफाइल शीट
    • 08 फीसद तक लोहे के दाम गिरे पिछले एक सप्ताह में

    कारोबारियों की भी सुनिए 

    • बाजार में भाव गिरने का बड़ा कारण बिक्री का ना होना है। रेट में आई वृद्धि की वजह से ग्राहक नहीं आ रहे थे। कीमतें अभी और गिर सकती हैं। - उमंग अग्रवाल, लोहा कारोबारी। 
    •  प्रमुख लोहा कंपनियों को रेट बढऩे की उम्मीद थी, लेकिन बाजार में बिक्री बिल्कुल खत्म होने की वजह से कीमतें गिर गईं।  - शुभम अग्रवाल, लोहा कारोबारी।
    •  सरिया, एंगल आदि के रेट गिरे हैं, लेकिन तवा, फावड़ा, बेलचा आदि के भाव में कमी नहीं आई है। इनके भाव अब भी बढ़े हुए हैं। - अतुल द्विवेदी, अध्यक्ष, कानपुर लोहा व्यापार मंडल।