Updated: Fri, 26 Sep 2025 08:10 AM (IST)
सपा के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान को गैंगस्टर मामले में जमानत मिल गई है जिससे वे 33 महीने बाद जेल से रिहा होंगे। उच्च न्यायालय ने जमानत दी लेकिन रिहाई बांड और सत्यापन के बाद होगी। इरफान पर आठ मुकदमे चल रहे हैं। उन पर गिरोह बनाकर अपराध करने का आरोप है जिसकी अगली सुनवाई 30 सितंबर को होगी।
जागरण संवाददाता, कानपुर । गैंग्सटर मामले में जमानत मिलने के बाद सपा के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी और भाई रिजवान 33 महीने बाद जेल से बाहर आएंगे। गुरुवार को गैंग्सटर के मुकदमे में इरफान व रिजवान को उच्च न्यायालय से जमानत मिल गई है। जमानत का प्रमाणित आदेश मिलने के बाद दोनों के बांड और जमानतें अदालत में दाखिल होंगी।
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सत्यापन के बाद दोनों की रिहाई हो सकेगी। हालांकि गैंग्सटर मामले में राहत भले ही मिल गई है, लेकिन अभी उनकी मुश्किलें कम नहीं हुई हैं। इरफान सोलंकी के खिलाफ आठ मुकदमों में विचारण चल रहा है। इसमें से सात निचली अदालत और एक सेशन कोर्ट में हैं। अभियोजन इनमें सटीक पैरवी से सजा दिलाने का प्रयास करेगा।
इन मुकदमों में होगी पेशी
उत्तर प्रदेश गिरोह बंद समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 में 26 दिसंबर 2022 को इरफान, रिजवान, शौकत अली, इसराइल आटे वाला, मो. शरीफ, अज्जन उर्फ एजाज और मुर्सलीन खां उर्फ भोलू के खिलाफ जाजमऊ थाने में तत्कालीन थाना प्रभारी अशोक कुमार दुबे ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। कहा था कि यह गिरोह संगठित रूप से लोक व्यवस्था को अशांत करने, भौतिक और आर्थिक लाभ के लिए अपराध करता है।
30 सितंबर को होगी सुनवाई
17 सितंबर को एमपी एमएलए व अपर जिला जज 8 विजय गुप्ता की कोर्ट ने इरफान, रिजवान समेत सभी आरोपितों पर आरोप तय कर दिए थे। अब इस मुकदमे में 30 सितंबर को सुनवाई है। अभियोजन 30 सितंबर को इस मुकदमे में पहली गवाही कराने की तैयारी कर रहा है। आठ नवंबर 2022 को इरफान, रिजवान के खिलाफ आगजनी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी।
इस पर इरफान ने दो दिसंबर 2022 को तत्कालीन पुलिस आयुक्त बीपी जोगदण्ड के आवास पर आत्मसमर्पण कर दिया था। सात जून 2024 को इरफान व रिजवान समेत अन्य अभियुक्तों को सात साल कैद और 20-20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी।
14 नवंबर 2024 को इरफान व रिजवान को आगजनी के मुकदमे में उच्च न्यायालय से जमानत मिली थी, लेकिन उस समय गैंग्सटर, फर्जी आधार कार्ड से हवाई यात्रा करने व रंगदारी में जमानत नहीं मिली थी इसलिए दोनों की रिहाई नहीं हो सकी थी। 10 मार्च 2025 को रंगदारी के मामले में उच्च न्यायालय से जमानत मिली थी। फर्जी आधार कार्ड से हवाई यात्रा में भी राहत मिल चुकी थी। अब गैंग्सटर में उच्च न्यायालय से जमानत पर पर दोनों की रिहाई का रास्ता साफ हो गया है।
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