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    पूछताछ के बाद महिला के सुसाइड मामले में इंस्पेक्टर व दारोगा दोषी, लटकी बर्खास्तगी की तलवार

    Updated: Sat, 08 Nov 2025 08:03 AM (IST)

    कानपुर में, निलंबित इंस्पेक्टर आशीष द्विवेदी पर एक और गंभीर आरोप लगा है। नवाबगंज थाने में तैनाती के दौरान, उन्होंने और चौकी प्रभारी रानू रमेश चंद्र ने एक चोरी के मामले में किशोरी और उसकी माँ को प्रताड़ित किया, जिसके चलते माँ ने वन स्टॉप सेंटर में आत्महत्या कर ली। महिला आयोग के आदेश पर जांच चल रही है और दोनों को बर्खास्तगी का नोटिस भेजा गया है।

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    अंकुर श्रीवास्तव, कानपुर। अखिलेश दुबे से साठगांठ के आरोपित निलंबित इंस्पेक्टर आशीष द्विवेदी की एक और करतूत का पर्दाफाश हुआ। नवाबगंज थाने में तैनाती के दौरान आशीष द्विवेदी और तत्कालीन चौकी प्रभारी रानू रमेश चंद्र ने कारोबारी के घर हुई चोरी के मामले में किशोरी और उसकी मां को पूछताछ के नाम पर प्रताड़ित किया था, जिस पर मां ने वन स्टाप सेंटर में फंदा लगाकर जान दे दी थी।

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    महिला आयोग के आदेश पर मामले की जांच चल रही थी। दोनों को स्पष्टीकरण का नोटिस भेजा गया था, जिसमें निलंबित इंस्पेक्टर को शनिवार तक का समय दिया गया है। दोनों पर बर्खास्तगी की तलवार लटकी है।

    उन्नाव के मगरवारा निवासी किशोरी एनआरआइ सिटी में एक कारोबारी के घर काम करती थी। 17 अप्रैल 2022 को कारोबारी के घर से घड़ी, सोने व हीरे के जेवरात चोरी हो गए थे। तत्कालीन नवाबगंज थाना प्रभारी आशीष द्विवेदी और जागेश्वर चौकी प्रभारी रहे रानू रमेश चंद्र किशोरी और उसकी मां को पकड़कर पूछताछ के थाने लाए थे।

    पूछताछ के बाद रात सवा दो बजे दोनों को स्वरूप नगर स्थित वन स्टाप सेंटर ले जाया गया। उसके अगले दिन की सुबह साढ़े नौ बजे महिला ने केंद्र के बाथरूम में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। इस मामले को राज्य महिला आयोग ने संज्ञान में लिया था। उनकी शुरुआती जांच में पुलिस की कार्रवाई सवालों के घेरे में थी।

    वन स्टाप सेंटर में पाक्सो एक्ट और अपने घर से भटक गई या मुसीबत में फंसी महिलाओं, युवतियों या किशोरियों को ही रखा जाता है। आपराधिक मामलों में पकड़े जाने वालों को वहां रखने का कोई प्रविधान न होने के बावजूद दोनों को रखा गया। राज्य महिला आयोग ने इस प्रकरण पर संज्ञान लेकर खुद जांच की और बाद में तत्कालीन पुलिस आयुक्त को जांच के लिए कहा था।

    दोनों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू हुई और तो निलंबित इंस्पेक्टर आशीष द्विवेदी और दारोगा रानू रमेश चंद्र दोषी पाए गए, जिसके बाद दोनों को नोटिस भेज स्पष्टीकरण मांगा गया। संयुक्त पुलिस आयुक्त अपराध एवं मुख्यालय विनोद कुमार सिंह ने बताया कि निलंबित इंस्पेक्टर आशीष द्विवेदी को एक सप्ताह का स्पष्टीकरण देने का समय दिया गया था, जो शनिवार को पूरा हो रहा है। उसके बाद उसके और दारोगा के खिलाफ बर्खास्तगी के लिए रिपोर्ट भेजी जाएगी।