Move to Jagran APP

कानपुर-प्रयागराज हाईवे पर रात भर तड़पता रहा घायल, पेट्रोलिंग टीम की सतर्कता की खुली पोल

अब पुलिस युवक के पूरी तरह होश में आने का इंतजार कर रही है। राजमार्ग पर वाहन से दुर्घटना हुई या कोई और बात इसको लेकर भी जांच की जा रही है। इस घटना के सामने आने के बाद पेट्रोलिंग टीम की पोल खुल गई है।

By Abhishek VermaEdited By: Published: Fri, 05 Aug 2022 10:44 PM (IST)Updated: Fri, 05 Aug 2022 10:44 PM (IST)
कानपुर-प्रयागराज हाईवे पर रात भर तड़पता रहा घायल, पेट्रोलिंग टीम की सतर्कता की खुली पोल
कानपुर-प्रयागराज हाईवे पर रात भर तड़पता रहा घायल।

फतेहपुर, जागरण संवाददाता। कानपुर-प्रयागराज हाईवे पर इंसानियत शर्मसार हुई और राजमार्ग पर हादसे के दौरान मिलने वाली व्यवस्थाओं की पोल भी खुल गई। क्योंकि, उक्त हाईवे पर पूरी रात एक घायल युवक तड़तपा रहा, लेकिन न तो उसे इलाज मिला और न ही यहां तैनात रहने वाली पेट्रोलिंग टीम पहुंची। सुबह जब ग्रामीणों ने उसे देखा तो इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) ले गए।

loksabha election banner

यहां हालत नाजुक होने पर उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है। काफी प्रयास के बाद घायल ने नाम रानू सिंह, निवासी प्रतापगढ़ जिले के थाना रानीगंज के गांव सुजानपुर बताया। दुर्घटना कैसे हुई और वह यहां तक कैसे आया, ये उसके पूरी तरह से होश आने के बाद ही पता चल सकेगा। वहीं, पुलिस अब युवक के होश में आने का इंतजार कर रही है। ताकि यह भी पता चल सके कि वह प्रतापगढ़ से यहां कैसे आया।

 हाईवे के रहसूपुर गांव के लोग सुबह जब खेत जाने के लिए निकले तो देखा कि डिवाइडर के पास एक घायल युवक पड़े तड़प रहा है। गांव के रामनरेश, शिवदत्त ने बताया कि वर्षा होने के कारण खून पानी में बह गया था, वर्षा रात डेढ़ बजे के लगभग हुई थी ऐसे में अनुमान है कि हादसा वर्षा होने से पहले हुई होगी। घायल युवक बीच हाईवे से घिसट कर डिवाइडर से के किनारे आ गया था। ग्रामीणों की सूचना पर एंबुलेंस मौके पर आई और घायल को पीएचसी गोपालगंज ले गई। य

हां पर घायल को जिला अस्पताल भेज दिया गया। थाना प्रभारी जयचंद भारती ने बताया कि घायल के पड़े होने की सूचना किसी ने नहीं दी और जब सूचना मिली तो उसे तुरंत अस्पताल भेजा गया। 

इंसानियत ने मूंद लीं आंखें 

हाईवे पर दिन रात वाहनों की आवाजाही लगी रहती है। ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता कि किसी की नजर घायल पर न गई हो। लोगों ने देखा और आगे निकल गए की प्रवृति के चलते घायल युवक रात भर तड़पता रहा। राहगीरों ने यदि इंसानियत दिखाई होती तो घायल का इलाज रात में ही हो जाता और उसकी हालत इतनी गंभीर न होती। गांव के कुछ लोग यह भी कह रहे कि घायल जिस तरह से डिवाइडर से चिपका हुआ था उससे नशे में होने की भी शंका हो रही थी। 

सुरक्षा पूरी, पर दिखी कहीं नहीं

- पुलिस की हाईवे पेट्रोलिंग टीम की नजर क्यों नहीं पड़ी। 

- यदि टीम की नजर पड़ी तो घायल को क्यों नहीं उठाया। 

- हाईवे पेट्रोलिंग टीम छिवली नदी के आस पास करती कैंप।

- कैंप आफिस से ही तीन बार कर्मचारियों की बदलती शिफ्ट।  

- पेट्रोलिंग टीम कहां थी जो घायल पर नजर नहीं नहीं पड़ी। 

- मामला संज्ञान में नहीं है। वैसे तो लोग ऐसे मामलों की सूचना पीआरवी को दे देते हैं। यह स्थिति है तो किन परिस्थितियों में ऐसा रहा, जांच कराएंगे। परशुराम त्रिपाठी सीओ बिंदकी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.