अच्छी खबर : कानपुर में बने स्वदेशी विमान ने भरी पहली कामर्शियल उड़ान, अभी तक सेना में होता था प्रयोग
एचएएल की कानपुर शाखा में दिसंबर 2016 में विमान का निर्माण शुरू हुआ था। अभी तक इस विमान का प्रयोग सेना में होता था लेकिन अब नागरिक भी इसका लाभ उठा सकेंगे। एलाइंस एयरलाइन ने असम से अरुणाचल प्रदेश तक परिसंचालन शुरू किया है।

कानपुर, जागरण संवाददाता। देश के लिए मंगलवार का दिन ऐतिहासिक रहा। हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की कानपुर शाखा में बने विमान डोर्नियर डीओ-228 ने अपनी पहली कामर्शियल उड़ान भरी। इसके साथ ही उपलब्धियों की माला में कानपुर के नाम का एक और मोती जुड़ गया। अभी तक इन विमानों का प्रयोग सेना करती थी। अब आम नागरिक भी इसमें यात्रा कर सकेंगे। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने विमान के संचालन की जिम्मेदारी एलाइंस एयर को दी है। इसके बाद, कंपनी ने मंगलवार को असम के डिब्रूगढ़ से अरुणाचल प्रदेश के पासीघाट रूट पर विमान का परिचालन शुरू कर दिया। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और किरेन रिजिजू ने भी इसकी सवारी की।
दो विमान हुए थे तैयार : दिसंबर 2016 में कानपुर एचएएल में पहली बार सिविल एयरक्राफ्ट का निर्माण शुरू हुआ था। यहां पर दो विमान तैयार किए गए। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एचएएल प्रबंधन को निर्माण लक्ष्य में और वृद्धि करने के संकेत दिए हैं।
क्या है खासियत
विमान का नाम : डोर्नियर डीओ-228
कुल लागत : 60 करोड़ रुपये
यात्री क्षमता : 17
संचालन : एलाइंस एयर
वजन : 6400 किलोग्राम
-58 मिनट में करीब 280 किलोमीटर की उड़ान भरने में सक्षम है।
-यह विमान दिन और रात में भी उड़ान भर सकता है।
-छोटे रनवे पर टेक आफ और लैंडिंग की बेहतर क्षमता है।
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