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    यूपी के इस अनोखे मंदिर से मिले संकेत, इन बार कैसा होगा मानसून? आकलन का तरीका भी है बिल्कुल अलग

    Updated: Thu, 20 Jun 2024 06:02 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश में इस बार मानसून कब आएगा कैसी होगी बारिश...कानपुर के घाटमपुर के भीतरगांव ब्लाक के बेहटा बुजुर्ग गांव के चमत्कारी माने जाने वाले भगवान जगन्नाथ मंदिर ने यहां के लोगों का इसके संकेत दे दिए हैं। मंदिर के गुंबद में लगे पत्थरों में आई बूंदों ने मानसून के जल्द आने की आशा जगाई है। मौसम विज्ञानी भी इस बार मानसून की अच्छी बारिश की भविष्यवाणी कर चुके हैं।

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    कानपुर का जग्गननाथ मंदिर (फाइल फोटो)। जागरण

    जागरण संवाददाता, कानपुर। घाटमपुर के बेहटा बुजुर्ग गांव के जगन्नाथ मंदिर के गुंबद पर लगे पत्थर से बूंदें इस वर्ष काफी ज्यादा गिरी हैं। इससे अच्छी बारिश होने की उम्मीद है। मंदिर के पुजारी के मुताबिक जो संकेत मिल रहे हैं, उससे मानसून कुछ विलंबित भले ही होगा, लेकिन बारिश बहुत अच्छी होगी। मौसम विज्ञानी भी मंदिर के पुजारी के संकेतों को सही बता रहे हैं।

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    जगन्नाथ मंदिर के गुंबद में लगे पत्थर से टपकने वाली पानी की बूंदों का रहस्य अनसुलझा है। भीषण गर्मी के बीच में मानसून आने से पहले यहां पत्थर भीगता है और बूंदें गिरनी शुरू हो जाती हैं। बारिश होते ही यह सूख जाती हैं। मंदिर के पुजारी कुड़हा प्रसाद शुक्ला बताते हैं कि वर्षों पहले से इन बूंदों का आकार बताता रहा है कि मानसून अच्छा रहेगा या कमजोर। जून के पहले पखवारे में बूंदें गिरने लगती हैं।

    वर्तमान में गुंबद पर लगे पत्थर से बूंदें अच्छी मात्रा में गिर रही हैं। उनके मुताबिक चार-पांच दिन पहले तक बूंदें और ज्यादा मात्रा में थीं। उन्होंने बताया कि पत्थर पर बूंदें जैसे ही सूखती हैं, तुरंत बारिश होती है। इस वर्ष अभी बूंदें सूखी नहीं हैं। यह धीरे-धीरे कम जरूर हो रही हैं। इससे अनुमान है कि मानसून आने में कुछ देरी हो सकती है। बूंदों का आकार देखते हुए इस वर्ष अच्छे मानसून का अनुमान लगाया जा रहा है।

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    सीएसए कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञानी डा. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि बेहटा के जगन्नाथ मंदिर की मान्यता के बारे में पता चलने पर वहां गए थे। 41 डिग्री सेल्सियस तापमान के बावजूद पत्थरों से बड़ी-बड़ी बूंदे टपकते मिलीं। वहां की मान्यता है कि ऐसी स्थिति में सामान्य से अधिक वर्षा होती है।

    प्राचीन और अनोखा है जगन्नाथ मंदिर

    बेहटा बुजुर्ग का जगन्नाथ मंदिर बेहद प्राचीन और अनोखा है। यह मंदिर उड़ीसा शैली के जगन्नाथ मंदिर से भिन्न है। यह बाहर से बौद्ध स्तूप जैसा दिखाई देता है। भगवान जगन्नाथ की मुख्य प्रतिमा और शिल्पकला नागर शैली की हैं। इसलिए माना जाता है कि करीब 11वीं या 12वीं सदी में बना ये मंदिर ध्वस्त हो गया होगा। किसी स्थानीय जमींदार ने इसकी मरम्मत करवाई होगी।