DRDO चेयरमैन बोले- तीन साल में भारत के पास होगा S-400 जैसा एयर डिफेंस सिस्टम, बताए इसके 3 लेवल
कानपुर विश्वविद्यालय के दीक्षा समारोह में डीआरडीओ चेयरमैन समीर वी. कामत ने कहा कि भारत ड्रोन और साइबर सुरक्षा में आत्मनिर्भर हो रहा है। हाइपरसोनिक मिसाइलें और लेजर हथियार देश को मजबूत करेंगे और 2028 तक भारत के पास 100 किलोवाट का लेजर हथियार होगा। उन्होंने रक्षा क्षेत्र में भारत की प्रगति और स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम के विकास की भी बात की।

जागरण संवाददाता, कानपुर। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के दीक्षा समारोह के मुख्य अतिथि व डीआरडीओ चेयरमैन समीर वी. कामत ने क्वांटम टेक्नोलाजी में अनुसंधान कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि ड्रोन और साइबर डिफेंस क्षेत्र में भारत तेजी से आत्मनिर्भर हो रहा है।
हाइपरसोनिक मिसाइल और लेजर हथियार देश को बेहद मजबूत बनाने वाले हैं। लेजर हथियारों की दिशा में भी काम हो रहा है। अभी दो और पांच किलोवाट (केवीए) के लेजर हथियार हैं। साल अंत तक 30 केवी और 2028 तक 100 केवी का लेजर हथियार भारत के पास होगा।
उन्होंने कहा कि आपरेशन सिंदूर में पूरी दुनिया ने देखा कि सैनिकों के साथ देश के विज्ञानियों ने भी लड़ाई लड़ी और टेक्नोलाजी के दम पर जीत हासिल की। दुनिया के जो देश समझते थे कि भारतीय सेना केवल पारंपरिक युद्ध में ही माहिर है, उसने अपने तकनीकी बल से सभी को चौंका दिया।
क्वांटम टेक्नोलाजी और डीप टेक पर देश में महत्वपूर्ण कार्य हो रहा है। आज भी भारत रक्षा क्षेत्र में दुनिया की चौथी बड़ी ताकत है। रक्षा क्षेत्र को अत्याधुनिक तकनीक देने के लिए देश में पांच प्रयोगशालाएं हैदराबाद में स्मार्ट मैटेरियल्स, बेंगलुरु में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, कोलकाता में एसिमेट्रिक टेक्नोलाजी, चेन्नई में काग्निटिव टेक्नोलाजी और मुंबई में क्वांटम टेक्नोलाजी के लिए काम कर रही हैं।
तीन साल में भारत के पास होगा एस-400 जैसा एयर डिफेंस सिस्टम
डीआरडीओ चेयरमैन ने कहा कि वर्ष 2028 तक भारत के पास भी एस-400 की तरह स्वदेशी कुशा एयर डिफेंस सिस्टम होगा, जो तीन स्तरों पर कार्य करेगा। हाइपर सोनिक मिसाइल, न्यूक्लियर सबमरीन समेत अन्य क्षेत्रों में हो रहे अनुसंधानों का लाभ जल्द ही देश को मिलने वाला है। पाकिस्तान, बांग्लादेश ही नहीं जल्द ही अमेरिका को भी टक्कर देने में भारत सक्षम होगा।
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