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Indian Railway: घर से भागे बचपन को पनाह देगा रेलवे, परिवार से बिछड़े बच्चों का बनेगा सहारा

सीडब्ल्यूसी में पेश करने से पहले बच्चों को ठहराने में समस्या आती है और अक्सर चाइल्ड लाइन के पास भी बच्चों को रखने की जगह नहीं होती है। इस दिक्कत को देखते हुए रेलवे स्टेशन के कैंट साइड में क्वाटर नंबर 185 दिया गया है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Wed, 21 Jul 2021 10:59 AM (IST)Updated: Wed, 21 Jul 2021 10:59 AM (IST)
Indian Railway: घर से भागे बचपन को पनाह देगा रेलवे, परिवार से बिछड़े बच्चों का बनेगा सहारा
कानपुर में रेलवे ने समझी चाइल्ड लाइन की समस्या।

कानपुर, जेएनएन। ट्रेनों से अक्सर बच्चे भागकर अथवा यात्रा के दौरान परिवार से बिछड़कर सेंट्रल स्टेशन आ जाते हैं। ऐसे बच्चों की संख्या प्रतिमाह औसतन 15 से 20 है। इन बच्चों को घर पहुंचाने और उनके पुनर्वासन पर रेलवे चाइल्ड लाइन लंबे समय से काम कर रही है। कई बार जब ऐसे बच्चे शाम पांच बजे के बाद मिलते हैं तो उन्हें रात भर सुरक्षित रखने की बड़ी समस्या से रेलवे चाइल्ड लाइन जूझती है। नीचे दिए गए दो केस समस्या बताने के लिए काफी हैं...।

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Case-1 : गोंडा निवासी 13 साल का एक बच्चा ट्रेन में बैठकर सेंट्रल स्टेशन आ गया। जीआरपी ने प्लेटफार्म नंबर दो पर अकेले घूमते हुए उसे पकड़ा और रेलवे चाइल्ड लाइन को सौंप दिया। वाकया शाम चार बजे का था ऐसे में बच्चे को सीडब्ल्यूसी के सामने भी पेश नहीं किया जा सका। मजबूरन बच्चे को सेंट्रल पर बने बूथ में रखा गया।

Case-2 : प्लेटफार्म नंबर नौ पर रात 8:15 बजे प्रतापगढ़ से भागकर आया एक लड़का रेलवे चाइल्ड लाइन को मिला। लड़के से पूछताछ के बाद स्वजन को सूचना दी गई,तब तक लड़के को बूथ पर ही रोका गया। दूसरे दिन सुबह स्वजन पहुंच गए। रेलवे चाइल्ड लाइन ने लड़के को सीडब्ल्यूसी के सामने पेश किया और स्वजन की सुपुर्दगी में दिया।

ऊपर दिए दो केस जैसी चाइल्ड लाइन की समस्याओं को खत्म करने के लिए रेलवे आगे आया है। भागकर अथवा परिवार से बिछड़े ऐसे बच्चों को कैंट साइड स्थित रेलवे क्वार्टर नंबर 185 में पनाह दी जाएगी। यहां बिजली पानी की व्यवस्था को दुरुस्त कराया जा रहा है, ताकि बच्चों को रात गुजारने में कोई समस्या न आए। रेलवे चाइल्ड लाइन के समन्वयक गौरव सचान ने बताया कि कोविड के दौरान बिना टेस्ट को बच्चों को होम में भी नहीं रखा जा सकता है। उन्हें रखने के लिए अलग जगह की जरूरत होती है, जिसमें रेलवे मदद कर रहा है।

बच्चों की सुरक्षा के लिए जागरूक करेगा रेलवे

रेलवे परिसर में ट्रेनों की लगातार जानकारी अनाउंसमेंट के जरिए दी जाती है। अब रेलवे ट्रेनों के अनाउंसमेंट के साथ ही चाइल्ड की आडियो क्लिप को भी बीच-बीच में चलाएगा और यात्रियों को ऐसे बच्चों पर निगाह रखने और संदेह पर 1098 पर सूचना देने का संदेश प्रसारित करेगा।

  • -बच्चों के भोजन और उन्हें रखने के लिए व्यवस्था की गई है। ऐसे बच्चों का रिकार्ड अब स्टेशन अधीक्षक, जीआरपी और आरपीएफ भी रखेंगे। -संतोष त्रिपाठी, सहायक वाणिज्य प्रबंधक

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