आयकर के नए नियमों में चैरिटेबल ट्रस्ट पर कसेगा शिकंजा, रेनोवेशन के लिए मिलने वाले धन पर होगी खास नजर
आयकर विभाग चैरिटेबल ट्रस्ट पर अपना शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। विभाग ने धार्मिक स्थल की मरम्मत के लिये मिले धन के उपयोग पर भी नया नियम लागू करने का प्रस्तान रखा है।चर्चा के बाद इसे लागू किया जा सकता है।

कानपुर,जागरण संवाददाता। धार्मिक स्थलों की मरम्मत के लिए ली गई दान राशि को चैरिटेबल ट्रस्ट ने किसी और मद में खर्च किया तो उसे उनकी आमदनी मानकर उस पर टैक्स लगाया जाएगा। आयकर विभाग चैरिटेबल संस्थाओं पर लगातार शिकंजा कस रहा है। बजट में इस नए नियम को प्रस्तावित किया गया है जिसे चर्चा के बाद एक अप्रैल से लागू किया जाना है।
बजट में आयकर विभाग में चैरिटेबल ट्रस्ट संस्थानों को दी जा रही छूट में कई नए संशोधन प्रस्तावित किए गए हैं। इनमें धार्मिक संस्थाओं की देखरेख करने वाले चैरिटेबल ट्रस्टों पर भी बहुत से नए प्रतिबंध लगने जा रहे हैं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण संशोधन इसके मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, चर्च के मरम्मत या नवीनीकरण के लिए मिलने वाले धन के संबंध में प्रस्तावित किया गया है। इसमें साफ किया गया है कि अब अप्रैल से इस मद में मिले दान की राशि को उसी मद में खर्च करना होगा। इस धन की प्राप्ति और खर्च का हिसाब अलग से रखना होगा। अगर इनमें उल्लंघन मिला तो ट्रस्ट को इस मद में जितनी भी राशि मिलेगी, उसे आयकर विभाग उसकी आय मानेगा और उस पर टैक्स भी लगाएगा।
31 मार्च तक कर लें आवेदन
सभी चैरिटेबल ट्रस्ट को अब अपना नवीनीकरण कराना है। यह आदेश वर्ष 2020 में लागू हुआ था लेकिन उस समय कोरोना की वजह से इसकी तारीख बढ़ती गई थीं। अब 31 मार्च 2022 इसकी अंतिम तारीख है। अगर किसी चैरिटेबल ट्रस्ट ने अपने पंजीयन का नवीनीकरण नहीं कराया तो एक अप्रैल-2022 से वह टैक्स में छूट का लाभ नहीं ले सकेंगी।
बजट में इसे प्रस्तावित किया गया है। एक अप्रैल से यह लागू हो जाएगा। इसके बाद चैरिटेबल ट्रस्ट को ध्यान रखना होगा कि यदि धार्मिक स्थल की मरम्मत के लिए कोई धन लिया है तो उसे उसी पर खर्च करना होगा।
- शिवम ओमर, चार्टर्ड अकाउंटेंट।
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