कानपुर: शराब की बोतल बनाने वाले कारोबारियों पर नजर, कुछ ही दिन पकड़ी गई थी अवैध फैक्ट्री
पिछले दिनों क्राइम ब्रांच ने पनकी में शराब की बोतल बनाने वाली फैक्ट्री पर छापा मारा था। यहां पर स्प्रिट व अन्य केमिकल से नकली शराब बनते मिली थी। फैक्ट्री मालिक को बरेली की एक शराब उत्पादक कंपनी ने दो हजार बोतल व ढक्कन तैयार करने का ठेका दिया।
कानपुर, जेएनएन। पनकी में नकली शराब बनाने की फैक्ट्री पकड़े जाने के बाद आबकारी विभाग ने शराब की बोतल व ढक्कन बनाने वाली फैक्ट्रियों की जांच शुरू कर दी है। विभाग पड़ताल पर कर रहा है कि कहीं अन्य स्थानों पर भी तो यही कहानी नहीं है। सभी फैक्ट्रियों का स्थलीय निरीक्षण करके आबकारी विभाग जल्द ही जिला प्रशासन को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा।
पिछले दिनों क्राइम ब्रांच ने पनकी में शराब की बोतल बनाने वाली फैक्ट्री पर छापा मारा था। यहां पर स्प्रिट व अन्य केमिकल से नकली शराब बनते मिली थी। जांच में सामने आया था कि फैक्ट्री मालिक को बरेली की एक शराब उत्पादन करने वाली कंपनी ने रोजाना दो हजार खाली बोतल व ढक्कन तैयार करने का ठेका दिया, जिसकी आड़ में वह महीने में चार लाख बोतल अतिरिक्त बनाकर उसमें नकली शराब भरकर सप्लाई कर रहा था। जिला आबकारी अधिकारी आनंद कुमार ने बताया कि इस घटना के बाद कानपुर में शराब की बोतल व ढक्कन बनाने वाली कंपनियों की जांच शुरू की गई है।
जांच करता रहा आबकारी विभाग: पनकी में जो नकली फैक्ट्री क्राइम ब्रांच ने पकड़ी, वह काफी पहले आबकारी विभाग की नजर में थी। सूत्रों के मुताबिक करीब एक महीने पहले ही जिला प्रशासन और आबकारी विभाग को इसकी भनक लग गई थी। जिसके बाद शराब की बोतल और ढक्कन बनाने वाली डेढ दर्जन फैक्ट्रियों के संचालकों के साथ बैठक की गई थी। उन्हें चेतावनी भी दी गई थी। आबकारी विभाग की योजना फैक्ट्री संचालक को रंगे हाथ पकडऩे की थी, मगर आबकारी विभाग केवल योजनाएं बनाता रहा और क्राइम ब्रांच ने काम कर दिया। हालांकि कुछ सूत्रों का यह भी कहना है कि नकली शराब फैक्ट्री संचालकों से कुछ आबकारी अफसर और कर्मचारी मिले हुए थे, इसीलिए जानबूझकर देरी की गई।