आइआइटी ने बनाई दृष्टिबाधितों के लिए स्मार्ट वाच, कंपन करके बताएगी समय, और भी हैं खासियतें
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर के विशेषज्ञों ने दृष्टिबाधित लोगों के लिए समार्ट वाच बनाई है जो कंपन करके समय बताती है। इसके साथ ही कई ऐसी खासियतें जो सेहत का हाल भी बताती हैं। निदेशक ने इसे क्रांतिकारी उपकरण बताया है।
कानपुर, जागरण संवाददाता। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) के विशेषज्ञों ने दृष्टिबाधित लोगों के लिए एक ऐसी स्मार्ट घड़ी तैयार की है, जो कंपन करके सही समय बताएगी। यही नहीं, इसकी मदद से पहनने वाले को अपनी ह्रदयगति और आक्सीजन स्तर का भी पता लग सकेगा।
आइआइटी प्रशासन के मुताबिक यह स्पर्श-संवेदनशील स्मार्ट घड़ी आधुनिक तकनीक से लैस है। इसे आइआइटी के नेशनल सेंटर फार फ्लेक्सिबल इलेक्ट्रानिक्स की ओर से प्रो. सिद्धार्थ पांडा, विश्वराज श्रीवास्तव और उनकी टीम ने विकसित किया है। इस घड़ी का उपयोग करने वाले व्यक्ति को एक साथ कई सुविधाएं मिलेंगी। समय के साथ ही वह अपने स्वास्थ्य मापदंडों की जानकारी भी कर सकेगा। दुनिया में लगभग 49 मिलियन लोग नेत्रहीन और 285 मिलियन दृष्टिबाधित हैं। इसमें से 20 प्रतिशत लोग भारत में रहते हैं।
अभी दृष्टिबाधित लोगों के लिए समय बताने वाली जो घड़ियां बाजार में मौजूद हैं, वह सभी आडियो सिस्टम पर आधारित हैं। यानी कि घड़ी की सुइयों को छूने से वह बोलकर समय बताती हैं। कई बार इन सुइयों को छूने से उसके टूटने की आशंका रहती है, लेकिन आइआइटी की स्मार्ट घड़ी सुइयों के ऊपर लगे सेंसर युक्त संकेतक को स्पर्श करने पर कंपन करती है। निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने घड़ी बनाने वाली टीम को शुभकामनाएं देते हुए इसे नेत्रहीनों व दृष्टिबाधितों के लिए क्रांतिकारी उपकरण बताया।
हर घंटे के लिए घड़ी में अलग संकेतक : घड़ी में समय और मिनट के लिए सुइयां नहीं हैं, बल्कि हर घंटे के स्थान पर सेंसर युक्त संकेतक हैं। दृष्टिबाधित व्यक्ति जब संकेतक को छुएंगे तो घड़ी कंपन करने लगेगी। हर घंटे के लिए कंपन की अवधि लंबी होगी। यही नहीं, घड़ी में ह्रदय गति और एसपीओटू स्तर मापने के लिए फोटो प्लेथिस्मोग्राफी सेंसर लगा है। इसमें स्टेप काउंट को मापने के लिए एक्सलेरोमीटर का उपयोग भी किया गया है।