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सोसाइटी आफ रियोलाजी फेलोशिप पाने वाले पहले भारतीय बने आइआइटी कानपुर के प्रोफेसर योगेश जोशी

कानपुर स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में प्रोफेसर योगेश जोशी को वर्ष 2015 में भारत सरकार द्वारा इंजीनियरिंग विज्ञान क्षेत्र में शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार मिला था । वह पहले भारतीय है जिन्हें सोसाइटी आफ रियोलाजी फेलोशिप मिली है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Thu, 30 Jun 2022 11:06 PM (IST)Updated: Thu, 30 Jun 2022 11:06 PM (IST)
सोसाइटी आफ रियोलाजी फेलोशिप पाने वाले पहले भारतीय बने आइआइटी कानपुर के प्रोफेसर योगेश जोशी
आइआइटी कानपुर के प्रोफेसर योगेश जोशी ।

कानपुर, जागरण संवाददाता। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी), कानपुर के प्रोफेसर योगेश एम जोशी को सोसाइटी आफ रियोलाजी 2022 फेलोशिप के लिए चयनित किया गया है। आइआइटी के केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. योगेश एम जोशी इस सम्मान के लिए चुने जाने वाले पहले भारतीय हैं।

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आइआइटी निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने कहा कि प्रो. योगेश जोशी को फेलोशिप मिलने को वर्ग का पल बताया। यह आइआइटी के अनुसंधान और नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र के लिए और अधिक मूल्यवान स्थिति प्रदान करेगा। संस्थान में हर किसी को विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए प्रयास जारी रखने की भावना को बढ़ावा देगा।

डा. जोशी के प्राथमिक रियोलाजिकल कार्य में नरम कांच की सामग्री, सोल-जेल संक्रमण और कोलाइडल फैलाव के चरण व्यवहार शामिल हैं। सोल-जेल प्रक्रिया छोटे अणुओं से ठोस पदार्थ बनाने की एक विधि है। सोसाइटी आफ रियोलाजी फैलोशिप एक प्रतिष्ठित फेलोशिप है जिसके लिए किसी भी पात्र के नाम एक महत्वपूर्ण तकनीकी उपलब्धि हो या रियोलाजी के क्षेत्र में उत्कृष्ट छात्रवृत्ति के लिए विशिष्ट वैज्ञानिक उपलब्धि के इतिहास हो, वो उसे ही मान्यता देते हैं। वार्षिक रूप से केवल 0.5 प्रतिशत सदस्य ही इस फेलोशिप के लिए पात्र होते हैं।


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