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    आइआइटी कानपुर के प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल बोले- अब कोरोना की चौथी लहर आने की आशंका नहीं

    By Abhishek AgnihotriEdited By:
    Updated: Mon, 18 Apr 2022 09:22 AM (IST)

    आइआइटी के प्रोफेसर मणीन्द्र अग्रवाल ने कोरोना संक्रमण काल में दूसरी और तीसरी लहर को लेकर सटीक अनुमान लगाकर गणितीय माडल दिया था । ये माडल सरकार को भी संक्रमण रोकने में खासा मददगार साबित हुआ था ।

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    कानपुर में आइआइटी प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने दिया अनुमान।

    कानपुर, जागरण संवाददाता। भले ही कोरोना के मामले बढ़ना शुरू हुए हैं लेकिन कोरोना की चौथी लहर आने की आशंका फिलहाल नहीं है। वातावरण में कोरोना वायरस के जो पुराने म्यूटेंट हैं, वही अपना असर दिखा रहे हैं। इसकी वजह एक तो स्कूल-कालेज खुल चुके हैं और ज्यादातर लोगों ने मास्क लगाना भी बंद कर दिया है। यह कहना है गणितीय सूत्र माडल के आधार पर कोरोना की भविष्यवाणी करने वाले भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) कानपुर के विज्ञानी पद्मश्री प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल का। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के जो भी पुराने म्यूटेंट हैं, वह खत्म नहीं हुए है।

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    कोरोना वैक्सीनेशन होने और 90 प्रतिशत लोगों में नेचुरल इम्युनिटी विकसित हो चुकी है। इस वजह से पुराने म्यूटेंट का प्रभाव अब ज्यादा नजर नहीं आता है, लेकिन अगर लोग सुरक्षात्मक प्रक्रिया में लापरवाही करेंगे तो ये म्यूटेंट फिर से अपना असर दिखा सकते हैं। जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है, उन पर प्रभाव ज्यादा नजर आ सकता है।

    हाल ही में विभिन्न शहरों में कोरोना वायरस के जो नए केस सामने आए हैं, यह इसी का परिणाम हैं। इन केसों की संख्या इतनी कम है कि इसे चौथी लहर नहीं कहा जा सकता है। लोग वायरस के संक्रमण से बचने के लिए मास्क लगाकर निकलें और सैनिटाइजर आदि सुरक्षात्मक तरीकों का इस्तेमाल करते रहें। स्कूल-कालेजों में बच्चों को भी मास्क लगाने के लिए कहें और जिन लोगों ने अभी तक वैक्सीनेशन नहीं कराया है, वह वैक्सीनेशन जरूर करा लें।

    यहां पर यह भी बताते चलें कि आइआइटी के प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल कोराना संक्रमण काल में दूसरी और तीसरी लहर में भी गणितीय माडल प्रस्तुत कर चुके हैं। इसमें उन्होंने देश के कई राज्यों में कोरोना की स्थिति स्पष्ट की थी, जिसमें राज्याें में कोराना का पीक टाइम और खत्म होने का आंकलन दिया था। उनके द्वारा दिया गया माडल एकदम सीटक साबित हुआ था। इससे सरकार को भी काेरोना की रोकथाम में खासा मदद मिली थी। उन्हें सम्मानित भी किया जा चुका है।