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    Black Fungus: अाइआइटी के शोधार्थी समेत दो की मौत, जीएसवीएम में व्हाइट और यलो फंगस को लेकर भी अलर्ट

    By Abhishek AgnihotriEdited By:
    Updated: Wed, 26 May 2021 07:55 AM (IST)

    जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने कोरोना से उबरे और आइसीयू में रहने वाले सभी मरीजों की स्क्रीनिंग के आदेश दिए हैं। कोविड आइसीयू में भर्ती ब्लैक फंगस के दो मरीजों में संदेह होने पर कल्चर जांच के लिए सैंपल भेजा गया है।

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    कानपुर शहर में जानलेवा हुआ ब्लैक फंगस।

    कानपुर, जेएनएन। कोरोना के बाद ब्लैक फंगस कहर बरपा रहा था। बीते चौबीस घंटे में आइआइटी शोधार्थी की लखनऊ और दूसरे युवक की हैलट अस्पताल में ब्लैक फंगस से मौत हो गई। वहीं देश भर से व्हाइट और यलो फंगस के संक्रमण के केस सामने आने के बाद जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में भी अलर्ट कर दिया गया है। 

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    जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. आरबी कमल ने ब्लैक फंगस यानी म्यकर माइकोसिस के अलावा व्हाइट फंगस (कैनडिडा) एवं यलो फंगस (एसपरजिलस फंगल) को लेकर अलर्ट जारी किया है। कोरोना से उबरने के बाद अथवा आइसीयू में भर्ती सभी मरीजों की स्कीङ्क्षनग करने के आदेश दिए हैं। उनमें किसी प्रकार का संदेह होने पर तत्काल अवगत कराएं। ताकि शासन को फंगल के मरीजों की जानकारी दी जा सके।

    प्राचार्य प्रो. आरबी कमल ने बताया कि हैलट के न्यूरो साइंस सेंटर के कोविड आइसीयू में कोरोना संक्रमित ब्लैक फंगस के दो मरीज भर्ती हैं। उनके मुंह एवं गले में सफेद-सफेद लेयर जमने लगी है। उनका इलाज करने वाले डॉक्टरों को फंगल का संदेह है। इसलिए उनका नमूना कल्चर जांच के लिए माइक्रोबायोलॉजी विभाग की लैब भेजा है। कल्चर जांच में पांच से छह दिन लगते हैं। उसमें पहले फंगल को ग्रो किया जाता है। उसके बाद माइक्रोस्कोपि से देखा जाता है। उसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है। फिलहाल कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा।

    दो युवकों की थमीं सांसें

    म्यूकर माइकोसिस के संक्रमण से भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर (आइआइटी) के पीएचडी स्कॉलर एवं फतेहपुर निवासी युवक की इलाज के दौरान मौत हो गई। आइआइटी के पीएचडी स्कॉलर का इलाज लखनऊ के संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में चल रहा था, जबकि फतेहपुर का युवक हैलट के कोविड आइसीयू में भर्ती था। उसके कोरोना के संक्रमण के साथ ब्लैक फंगस भी था। मेडिकल कॉलेज की लैब में दो और में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई है, जिससे पीड़ितों की संख्या 13 हो गई है। उधर, 56 वर्षीय व्यक्ति में ब्लैक फंगस के साथ कोरोना की पुष्टि होने पर स्वजन बिना अनुमति के अस्पताल से लेकर चले गए।

    आइआइटी कानपुर के निदेशक डॉ. अभय करिंदकर ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग के पीएचडी स्कॉलर कविंद्र कुमार चतुर्वेदी को कोरोना से उबरने के बाद म्यूकर माइकोसिस का संक्रमण हो गया था। उनका इलाज एसजीपीजीआइ में चल रहा था, लाख प्रयास के बाद उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। वहीं, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. आरबी कमल ने बताया कि फतेहपुर निवासी 29 वर्षीय युवक कोरोना के साथ ब्लैक फंगस का संक्रमण था। उसके हैलट न्यूरो साइंस सेंटर के कोविड आइसीयू में भर्ती था। जहां इलाज के दौरान मंगलवार सुबह उसकी सांसें थम गईं। हैलट में ब्लैक फंगस के 20 मरीज हैं, जिनमें से 13 में म्यूकरमाइकोसिस के संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। वहीं, एक मरीज की जांच रिपोर्ट निगेटिव आने पर उसे डिस्चार्ज कर दिया गया। दो और मरीज भर्ती हुए हैं, उनकी बायोप्सी बुधवार को कराई जाएगी।

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