गंगा की निगरानी के लिए आइआइटी का लगाया एनएसवीएस बंद, रोबोट प्रणाली पर आधारित है संयंत्र
आइआइटी कानपुर की ओर से बिठूर में रोबोट प्रणाली पर आधारित निरासारा स्वयंशासित वेधशाला प्रणाली संयंत्र स्थापित किया गया था। आर्थिक संसाधनों की कमी के चल ...और पढ़ें

कानपुर, जागरण संवाददाता। आइआइटी की ओर से गंगा के स्वास्थ्य व उसमें प्रदूषण की निगरानी करने के लिए स्थापित की गई निरासारा स्वयंशासित वेधशाला प्रणाली (एनएसवीएस) का प्रयोग आर्थिक संसाधनों की कमी के चलते बंद कर दिया गया है।
आइआइटी के अर्थ साइंस, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग के छात्रों ने पिछले वर्ष रोबोट प्रणाली पर आधारित एनएसवीएस संयंत्र को तैयार किया था। इसे बिठूर के लक्ष्मण घाट के पास नदी में स्थापित किया गया था। इस संयंत्र में लगे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित सेंसर की मदद से गंगा जल की वास्तविक समय में निगरानी की जा रही थी।
पानी में घुलित आक्सीजन की मात्रा, पीएच वैल्यू, विशिष्ट गुरुत्व, धातु आयनों की मात्रा, चालकता आदि का पता लगाया जा रहा था। दिसंबर के अंत में सुरक्षा कारणों के चलते उसे नदी से हटा लिया गया था। इसके बाद कुछ समय तक आइआइटी के छात्र बिठूर से गंगा जल लाकर इस प्रणाली की मदद से जांच करते रहे और इसकी रिपोर्ट तैयार करते रहे।
तीन माह में एक लाख रुपये होते थे खर्च : अब आर्थिक संसाधनों की कमी और विद्यार्थियों के रुचि न दिखाने के कारण इस प्रणाली का प्रयोग फिलहाल बंद कर दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक इस संयंत्र को आपरेट करने में तीन महीने में करीब एक लाख रुपये का खर्च आ रहा था। यह धनराशि भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से दी जा रही थी। कुछ समय बाद आर्थिक मदद न मिलने पर प्रोजेक्ट को रोक दिया गया। संस्थान के अधिकारियों ने बताया कि रोबोट को काफी समय पहले ही नदी से बाहर निकाल लिया गया था।

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