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पेट में ई-कोली फेल करता किडनी, अब 70 रुपये में पानी की जांच कर आइआइटी की किट बताएगी बैक्टीरिया की स्थिति

आइआइटी कानपुर ने राष्ट्रीय जल जीवन मिशन के तहत पानी में ई-कोली बैक्टीरिया का पता लगाने के लिए विशेष किट विकसित की है जो पानी में घुलित सूक्ष्म जीव रसायन अपशिष्ट मल आदि के बैक्टीरिया का पता लगाकर चौबीस घंटे में रिपोर्ट देगी।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Tue, 21 Jun 2022 11:38 AM (IST)Updated: Tue, 21 Jun 2022 11:38 AM (IST)
पेट में ई-कोली फेल करता किडनी, अब 70 रुपये में पानी की जांच कर आइआइटी की किट बताएगी बैक्टीरिया की स्थिति
आइआइटी की ई-कोली किट लांच हो गई है।

कानपुर, जागरण संवाददाता। राष्ट्रीय जल जीवन मिशन के तहत भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) के विशेषज्ञों की ओर से विकसित ई-कोली जल परीक्षण किट लांच हो गई। इस किट की मदद से महज 70-90 रुपये में पीने के पानी में संदूषण की जांच की जा सकेगी। किट महज 24 घंटे पानी में ई कोली संदूषण की जांच कर सकेगी।

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आइआइटी के पृथ्वी विज्ञान विभाग के प्रोफेसर इंद्रशेखर सेन ने बताया कि संदूषण उन अवांछित पदार्थों को कहते हैं, जो पानी में मिलकर उसे खराब कर देते हैं और विभिन्न रोगों का कारण बनते हैं। इसमें सूक्ष्म जीव, रसायन, अपशिष्ट या मल आदि के सूक्ष्म बैक्टीरिया शामिल होते हैं। ई-कोली भी एक बैक्टीरिया है, जो मनुष्यों और पशुओं के पेट में हमेशा रहता है। इस बैक्टीरिया के कुछ रूप ऐसे हैं जो पेट में मरोड़ और दस्त जैसे लक्षण पैदा करते हैं और कई बार इनकी वजह से लोगों का गुर्दा काम करना बंद कर देता है और संक्रमित व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है।

ई-कोली संदूषण का पीने के पानी में पता लगाने के लिए ही एंजाइम सब्सट्रेट माध्यम पर आधारित जल परीक्षण किट तैयार की गई है। किट को बनाने के लिए बजट जल जीवन मिशन के तहत मिला है। बाजार में मौजूद अन्य किटों की तुलना में यह तकनीक ज्यादा लाभदायक है। आइआइटी के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने कहा कि ई-कोली जल परीक्षण किट संस्थान का नया आविष्कार है। पीने के पानी में ई-कोली बैक्टीरिया की उपस्थिति का पता लगाने के लिए यह किट एक वरदान होगी। इस किट से नारामऊ और उड़ीसा में जांच की जा चुकी है।

टेस्ट ट्यूब में भरे जेल में बैक्टीरिया वाला पानी बदलेगा रंग : प्रो. सेन ने बताया कि पेयजल की जांच के लिए उसके सैंपल को 24 घंटे के लिए एंजाइम आधारित रसायन से भरी टेस्ट ट्यूब में डालते हैं। इस दौरान अगर पानी में बैक्टीरिया होता है तो रसायन से अभिक्रिया करके पानी का रंग बदल जाता है। यह किट केवल ई-कोली बैक्टीरिया का पता लगाती है।

प्रो. सेन ने बताया कि परीक्षण किट के साथ डिजिटल प्लेटफार्म के रूप में अर्थफेस फ्लो एप्लीकेशन बनाया गया है। इसकी मदद से परिणामों को सुरक्षित किया जा सकेगा। किट जल्द ई-कामर्स प्लेटफार्म और जेम पोर्टल पर उपलब्ध होगी। दो ई-कोली किट और यूजर मैनुअल का पैक 199 रुपये में होगा।


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