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    दिव्यांगों के लिए काम आसान करेगा 300 ग्राम का हाथ, आइआइटी की कंपनी ने दुनिया में बनाई पहचान

    By Abhishek AgnihotriEdited By:
    Updated: Sat, 21 May 2022 11:58 AM (IST)

    आइआइटी की इन्क्यूबेटेड कंपनी लाइफ एंड लिंब द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक पर आधारित महज 300 ग्राम वजन का कृत्रिम हाथ बिल्कुल असली की तरह काम करेग ...और पढ़ें

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    आइआइटी की कंपनी ने कृत्रित हाथ तैयार किया है।

    कानपुर, जागरण संवाददाता। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) की इन्क्यूबेटेड कंपनी लाइफ एंड लिंब ने महज 300 ग्राम वजन का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक पर आधारित कृत्रिम हाथ तैयार किया है। हाल ही में कंपनी के इस उत्पाद ने ग्रीस के कार्नेल इमर्जिंग मार्केट इंस्टीट्यूट की ओर से आयोजित होने वाली प्रतिष्ठित कार्नेल मार्क मोबियस ईएमआइ पिच प्रतियोगिता में शीर्ष पांच फाइनलिस्ट में जगह बनाई है। अब न्यूयार्क में कंपनी की टीम इस हाथ का प्रदर्शन करेगी। पूर्व में इसी प्रतियोगिता में आइआइटी की कंपनी कृत्सनम टेक व आफग्रिड ने सफलता पाई थी।

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    लाइफ एंड लिंब कंपनी की स्थापना आइआइटी के पूर्व छात्र निशांत अग्रवाल, प्राची खरब समेत पांच छात्रों ने मिलकर की थी। इसके बाद दिव्यांगों के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस व मशीन लर्निंग आधारित उत्कृष्ट मेडिकल उत्पाद बनाना शुरू किया। अब कंपनी के उत्पाद देश ही नहीं, विदेशों में भी लोकप्रिय हो रहे हैं। आइआइटी प्रशासन के मुताबिक कार्नेल मार्क मोबियस ईएमआइ पिच प्रतियोगिता 2022 में दुनिया की शीर्ष 14 प्रमुख व्यावसायिक और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालयों के 40 छात्रों व पूर्व छात्र उद्यमियों ने हिस्सा लिया था। इसी प्रतियोगिता में लाइफ एंड लिंब के उत्पादों ने परचम लहराया है।

    सामान्य की तरह करता है काम : कृत्रिम हाथ बिल्कुल सामान्य हाथ की तरह काम करता है और उसका वजन कम होने से दिव्यांग को किसी तरह की परेशानी का सामना भी नहीं करना पड़ेगा। यह कृत्रिम हाथ उन व्यक्तियों के लिए वरदान से कम नहीं है, जिनका हाथ दुर्घटना में क्षतिग्रस्त हो जाता है। कंपनी के सीईओ निशांत अग्रवाल के मुताबिक जल्द ही कंपनी की टीम न्यूयार्क में होने वाले वैश्विक कार्नेल इमर्जिंग मार्केट्स इंस्टीट्यूट सम्मेलन में इन उत्पादों का प्रदर्शन करेगी। इसमें इस कृत्रिम हाथ को भी दिखाया जाएगा।

    बैटरी से चलता है हाथ :  बैटरी चालित यह हाथ महज 300 ग्राम का है। बैटरी को कृत्रिम हाथ की हथेली में लगाया गया है। यह हाथ और इसकी अंगुलियां बिल्कुल सामान्य हाथ की तरह काम करता है। कीमत दो लाख रुपये से कम रखी गई है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में जो अन्य कृत्रिम हाथ आ रहे हैं, उनका वजन डेढ़ से दो किलो के बीच होता है। इससे हाथ को धारण करने वाले व्यक्ति को परेशानी होती है।