IIT Kanpur में 5G की टेस्टिंग पूरी अब 6G की तैयारी, यहां पढ़िए- डायरेक्टर का पूरा इंटरव्यू
आइआइटी निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने खास इंटरव्यू में कई जानकारियां साझा कीं । स्कूल आफ मेडिकल रिसर्च एंड टेक्नोलाजी से चिकित्सकीय शोध को बढ़ावा मिलेगा ...और पढ़ें

कानपुर, जागरण स्पेशल। आइआइटी कानपुर शिक्षा, शोध और तकनीक के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। कोरोना संक्रमण के समय संस्थान ने बेहतर भूमिका निभाई है। कई शोध कार्य और प्रोजेक्ट चल रहे है। केंद्र व राज्य सरकार के साथ साइबर सिक्योरिटी पर काम चल रहा है। अब तक का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट स्कूल आफ मेडिकल रिसर्च एंड टेक्नोलाजी शुरू होने वाला है। 5जी तकनीक पूरी हो चुकी है, जबकि 6जी पर काम करने की तैयारी है। सेंटर फार ड्रोन की स्थापना होने वाली है। ई-मास्टर्स समेत कई नए प्रोग्राम शुरू किए जा रहे हैं। आइआइटी निदेशक प्रो.अभय करंदीकर ने साक्षात्कार में संस्थान की योजनाओं को लेकर कई जानकारियां साझा कीं। प्रस्तुत हैं उनसे खास बातचीत के प्रमुख अंश...।
-कोरोना संक्रमण को देखते हुए आगामी सत्र कैसा रहेगा? आनलाइन या फिर संस्थागत तरीके से पढ़ाई होगी?
आनलाइन पढ़ाई की तैयारी है। स्थितियां बेहतर होने पर छात्रों को बुलाया जा सकता है। 28 जुलाई से पीएचडी के कुछ छात्र संस्थान में आ रहे हैं।
-शोध की बेहतरी के लिए क्या नया किया जा रहा हैं? सरकारी और निजी संस्थानों के साथ कौन से करार होने वाले हैं?
सरकारी और निजी संस्थानों के साथ प्रायोजित प्रोजेक्ट चल रहे हैं। सेंटर फार रेलवे रिसर्च के लिए रेलवे की ओर से फंडिंग आने वाली है। तकनीक का विस्तार किया जाएगा।
- प्रधानमंत्री ने संस्थान के शोध कार्यों की तारीफ की है। क्या केंद्र सरकार के सामने कुछ प्रोजेक्ट रखे जाएंगे ?
प्रधानमंत्री को स्कूल आफ मेडिकल रिसर्च एंड टेक्नोलाजी का प्रोजेक्ट काफी पसंद आया है। सरकार के सामने इस प्राजेक्ट को रखा जाएगा। मिनिस्ट्री आफ इलेक्ट्रानिक्स एंड इंफारमेशन टेक्नोलाजी समेत अन्य मंत्रालयों, डिपार्टमेंट आफ साइंस एंड टेक्नोलाजी, डिपार्टमेंट आफ बायोटेक्नोलाजी के सहयोग से शोध कार्य जारी हैं।
-आइआइटी 5जी की नेटवर्किंग पर काम कर रहा है। अब तक कितनी सफलता मिली है?
5जी की टेस्टिंग पूरी हो चुकी है। सितंबर से चालू होने की उम्मीद है। कंपनियों से बातचीत चल रही है।
-नए सत्र में कौन कौन से नए कोर्स शुरू किए जाने हैं?
नए सत्र से डाटा साइंस पर बीएस, एमएस प्रोग्राम शुरू किया जा रहा है। इसमें दाखिले जेईई एडवांस्ड के आधार पर होंगे। एमटेक में साइबर सिक्योरिटी पर कोर्स संचालित किया जाएगा। डीआइआइटी इन जीयोडेसी का डिप्लोमा कोर्स शुरू होगा।
-ई-मास्टर्स कार्यक्रम कब से चालू हो रहा है ?
सितंबर के पहले सप्ताह से शुरू हो जाएगा। कोर्स के संचालन के लिए ट्रेनिंग पार्टनर से बातचीत चल रही है। डिजिटल लर्निंग के लिए प्रोफेसर इंचार्ज की नियुक्त हो गई है।
-आइआइटी में ड्रोन टेक्नोलाजी पर काफी काम हुआ है। क्या आगे किसी एडवांस तकनीक पर काम करने की योजना है ?
ड्रोन तकनीक को बढ़ावा देने के लिए सेंटर फार ड्रोन बनाया जा रहा है। प्रस्ताव गृह मंत्रालय को भेज दिया गया है। इसमें सरकारी और निजी संस्थानों के लिए आधुनिक तकनीक के ड्रोन बनाए जाएंगे। स्टार्टअप की सुविधा रहेगी।
-6जी को लेकर क्या प्लानिंग चल रही है ? आइआइटी इस पर कब से काम चालू करेगा ?
6जी की प्लानिंग अभी शुरुआती चरणों में है। अभी इस पर काम करते हुए कम से कम तीन वर्ष लग जाएंगे। टेलीकम्यूनिकेशंस स्टैंडर्ड डेवलपमेंट सोसाइटी आफ इंडिया के सहयोग से प्रोजेक्ट मिलेगा।
-स्कूल आफ मेडिकल रिसर्च एंड टेक्नोलाजी में क्या फंड की दिक्कतें आ रही हैं? सरकार भी इसमें कुछ सहयोग कर रही है क्या?
स्कूल आफ मेडिकल रिसर्च एंड टेक्नोलाजी के लिए एडवाइजरी बोर्ड का गठन कर दिया गया है। इसमें देश और विदेश के नामी और प्रमुख लोग शामिल हैं। हर महीने मीटिंग हो रही है। कुछ महीनों के अंदर 200 करोड़ रुपये का फंड एकत्रित हो जाएगा। पुरातन छात्र भी सहयोग कर रहे हैं। सरकार के सामने प्रस्ताव रखा जाएगा। नवंबर तक शिलान्यास किया जा सकता है।
-साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में क्या नया करने जा रहे हैं? उत्तर प्रदेश के साथ प्रोजेक्ट कहां तक पहुंच चुका है?
साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में काफी काम चल रहा है। प्रदेश सरकार के साथ प्रोजेक्ट अभी जारी है। पिछले महीने ही आस्ट्रेलिया की ला ट्रोब यूनिवर्सिटी के साथ साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में काम करने के लिए करार हुआ है।

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