आइआइटी कानपुर दीक्षा समारोह: पीएम मोदी ने ट्वीट कर मांगे थे सुझाव, लाेगों की लग गई लाइन, जानिए किसने क्या कहा
IIT Kanpur convocation ceremony आइआइटी कानपुर का दीक्षा समारोह 28 दिसंबर को होना है। इसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मुख्य अतिथि होंगे। आइआइटी के दीक ...और पढ़ें

कानपुर, जागरण संवाददाता। IIT Kanpur convocation ceremony : अपनी स्थापना के साथ ही आइआइटी कानपुर देश के अग्रणी शोधकेंद्रों में से एक है। यूपी के कई शहरों को अंग्रेजों ने मैनचेस्टर व औद्योगिक राजधानी के रूप में विकसित किया था। हमने अपने पूर्वजों से सुना था कि यूपी, बिहार समेत अन्य राज्यों व शहरों से लोग रोजगार की तलाश में कानपुर आते थे। आइआइटी ऐसे ही औद्योगिक क्षेत्रों से घिरा है। इसलिए आइआइटी का शोध और ये औद्योगिक क्षेत्र साथ चलें तो यूपी समेत पूर्वी राज्य देश के विकास में महत्वपूर्ण स्थान रखेंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से आइआइटी आने से पहले मांगे गए सुझावों के क्रम में एक छात्र नरेंद्र शर्मा ने ट्वीट करके यही सुझाव दिया है। इसके अलावा भी 115 लोगों ने अपने विचार रखे हैं। साथ ही 3948 लोगों ने प्रधानमंत्री के ट्वीट पर रिट्वीट और 16300 लोगों ने लाइक किया है। हैदराबाद के प्रो. केवी सुब्रमण्यम ने उन्हें सुझाव दिया है कि स्वास्थ्य देखभाल में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के प्रयोग को बढ़ाना चाहिए और इस पर लगातार शोध होने चाहिए। उन्होंने यह भी लिखा है कि इकोनामिक सर्वे के मुताबिक शोध एवं विकास के क्षेत्र में प्राइवेट सेक्टर के सहयोग को बढ़ाना चाहिए। शंकर एम. ने ट्वीट किया कि शोध कार्यों के बिना गणित व विज्ञान के क्षेत्र में कोई प्रगति नहीं हो सकती है। अगर शोध केवल धन के लिए होगा तो हम प्रगति नहीं कर सकते।
शहर की ही रहने वाली अमीरा लिखती हैं कि सर आपको उनसे (आइआइटी प्रशासन) पूछना चाहिए वह कानपुर शहर की भलाई में अपना योगदान करने के लिए कैसे योजना बनाएंगे। क्योंकि कानपुर शहर में इतना प्रतिष्ठित संस्थान होने के बावजूद यहां विकास की रफ्तार धीमी है। वह कानपुर को बेहतर बनाने के लिए तकनीक रूप से क्या समाधान करेंगे और क्या विचार लाएंगे। वी. नरसिम्हा लिखते हैं कि उन्हें पता चला है कि संस्थान ब्लाकचेन टेक्नोलाजी के साथ डिजिटल हो रहा है। आप जिस तरह से समारोह में शिरकत कर रहे हैं, उससे यह नई सुविधाओं को समाहित करेगा। शोधार्थी निशांत सौरभ ने लिखा है कि अनुसंधान और नवाचार के मामले में आइआइटी की प्रतिष्ठा के बारे में कोई संदेह नहीं है। नरेंद्र नामक व्यक्ति ने पब्लिक सेक्टर बैंकों को प्राइवेट न करने का निवेदन किया है।

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