आइआइटी अंतराग्नि 2021 :बालीवुड नाइट में सुनिधि ने बांधा समां, देर रात तक थिरके युवा
आइआइटी कानपुर में आयोजित सांस्कृतिक उत्सव अंतराग्नि 2021 के अंतिम दिन बालीवुड नाइट में प्लेबैक सिंगर सुनिधि चौहान ने अपनी सुरीली आवाज से समा बांध दिया । युवा देर रात तक गीतों पर थिरकते रहे । इससे पहले दिन में कई प्रोग्राम आयोजित हुए ।

कानपुर,जागरण संवाददाता। आइआइटी के सांस्कृतिक उत्सव अंतराग्नि 2021 के तीसरे दिन बालीवुड नाइट में प्लेबैक सिंगर सुनिधि चौहान की सुरीली आवाज का जादू चला। उन्होंने एक से बढ़कर एक चुनिंदा गाने गाकर युवाओं को मानो मदहोश कर दिया। युवा देर रात तक गीतों को गुनगुनाते रहे। इससे पूर्व दिन में भी तमाम सांस्कृतिक प्रतिस्पर्धाएं हुईं।मिस्टर एंड मिस अंतराग्नि का भी चयन हुआ।
अंतिम दिन की शुरुआत में डीजे वार "द कलर रन" की फाइनल प्रतियोगिता हुई। इसके बाद सामाजिक कार्यकर्ता व पूर्व सिविल सेवा की अधिकारी अरुणा राय और राष्ट्रीय महिला सम्मान अभियान की संस्थापक मानसी प्रधान ने महिला सशक्तिकरण पर व्याख्यान दिया।
आइआइटी के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर डा. मुकेश शर्मा ने बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण और निवारणों पर चर्चा की। शाम को पश्चिमी नृत्य और एकल गायन प्रतियोगिता में छात्र-छात्राओं ने अपने डांस और गीतों से रोमांचित कर दिया। डायरेक्टर्स कट प्रतियोगिता में बालीवुड के पुरस्कार विजेता लेखक और काई पो छे व फितूर जैसी फिल्मों के निर्देशक अभिषेक कपूर ने आनलाइन जुड़कर विद्यार्थियों को फिल्म उद्योग में आने के तरीके बताए। विद्यार्थियों ने उनकी सिनेमैटोग्राफी कला भी देखी।
अंतरराष्ट्रीय कार्निवल में नीदरलैंड की वीणा वादक लैविनिया मीजर और जापान की मशहूर डांसर यूई यूई की प्रतिभा देखी। मिस्टर एंड मिस अंतराग्नि 2021 में प्रतिभागियों ने मंच पर रैंप वाक किया। रात आठ बजे के बाद सुनिधि चौहान ने मंच संभाला और फिर देसी गर्ल..., कमली-कमली..., सजना जी वारी-वारी, मैनु इश्क तेरा लै डूबा..., भागे से मन कहीं..., ऐंवी-ऐंवी लुट गया..., शावा शावा... जैसे दर्जनों गाने गाकर श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। मंच के सामने खड़े छात्र-छात्राएं उनके गीतों पर थिरकते रहे। इसके बाद उत्सव का समापन हो गया।
संस्थान के पूर्व छात्रों ने भी साझा किए अपने अनुभवसंस्थान में एलम इंस्पायर्ड कार्यक्रम के तहत तीन पूर्व छात्रों इक्विटी स्ट्रेटजी के सह प्रमुख व प्रबंध निदेशक और एशिया महाद्वीप के लिए भारतीय रणनीतिकार डा. नीलकंठ मिश्रा, इंडिगो पेंट्स के संस्थापक हेमंत जालान और एचजीएस फिलीपींस के सीईओ पुष्कर मिश्रा ने अपने अनुभव बताए।
डा. नीलकंठ ने वर्ष 1977 में कंप्यूटर विज्ञान से, हेमंत जालान ने वर्ष 1977 में केमिकल इंजीनियरिंग से और पुष्कर मिश्रा ने वर्ष 1982 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग से बीटेक किया था। ध्वनि प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से तीन दिवसीय कार्यक्रम साइलेंट-डिस्को के साथ समाप्त हुआ।
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