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    आइआइटी बना रहा देश का पहला Robot Sir, जानिए कैसा होगा डिजाइन और क्या होंगी खूबियां

    By ShaswatgEdited By:
    Updated: Fri, 30 Oct 2020 09:46 AM (IST)

    आइआइटी के विशेषज्ञ जापान के तकनीकी संस्थान संग मिलकर कर रहे तैयार। तीन से पांच साल के बच्चों के लिए होगा मददगार पहले चरण में बनाए दो रोबोट। बच्चों को ...और पढ़ें

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    आइआइटी कानपुर का कॉग्निटिव साइंस विभाग बना रहा रोबोट।

    कानपुर, [शशांक शेखर भारद्वाज]। आत्मीयता, प्रेम भावना, आज्ञाकारिता, संस्कार आर सकारात्मकता आगे बढ़ने में सहायक हैं। इन के दम पर छोटी से छोटी परीक्षा में सफलता और बड़ी से बड़ी कठिनाइयों को पार पाना आसान होता है। पहले मिश्रित परिवार थे, जिसमें बच्चा अपने नौनिहाल समय से दादा-दादी, नाना-नानी और अन्य रिश्तेदारों से अच्छी बातें सीखकर बड़ा होता था।अब एकल परिवार हो गए हैं, जिसमें समय का अभाव है। बच्चा बस मोबाइल और टीवी के आधार पर जानकारी हासिल कर रहा है। माता पिता भी अपने कार्यों में उलझे हैं। इससे उसमें नकारात्मकता और आत्मविश्वास में कमी आ रही है। इसी वजह से ही छोटी से छोटी असफलता में ही वह अंदर से टूट जा रहे हैं। जरा सी बात में ही गलत कदम उठा लेते हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए आइआइटी कानपुर का कॉग्निटिव साइंस विभाग ऐसा रोबोट बना रहा है, जिसमें वह न सिर्फ बच्चों के साथ खेलेगा, बल्कि उसे चलना, फिरना, बातचीत करना, गुड टच बैड टच के बारे में बताएगा।

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    कॉग्निटिव साइंस के विशेष भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ साइंस के सहयोग से रोबोट तैयार कर रहा है। इसमें बच्चों के मन के मुताबिक प्रोग्रामिंग की जा रही है। इसमें जापान के क्यूशू इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के प्रो. हिरोआकी तकनीकी सहयोग कर रहे हैं। इस रोबोट के 2021 के अंत तक पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा। पहले चरण में दो रोबोट बन गए हैं। उनका संस्थान के क्रिस्लय स्कूल और केंद्रीय विद्यालय आइआइटी में प्रयोग हो चुका है।

    ये होंगे रोबोट के काम

    वह दोस्त बनकर घर में रहेगा, जिससे उन्हें नैतिकता, आदर्श और संस्कारों की जानकारी मिल सकेगी। बच्चों के साथ दोस्त बनकर रहेगा। उन्हें क्या करना है क्या नहीं उनके बारे में सीख देगा। माता, पिता और अन्य लोगों से कैसा व्यवहार करना है, इसका पाठ पढ़ाएगा। 

    रंग बदलने वाला रोबोट

    कॉग्निटिव साइंस के हेड प्रो. बिशाख भट्टाचार्या के मुताबिक यह रोबोट पीएचडी शोधार्थी अरविंद के साथ मिलकर तैयार किया जा रहा है। उसने पहले खिलौने को बच्चों को समझाने वाला बनाया था, जिसके बाद यह आइडिया आया। पहले चरण में गिरगिट की तरह रोबोट बनाया गया है। यह रंग बदलने वाला है। किसी भी रंग के पास ले जाने से यह अपना रंग बदल लेता है। 

    बच्चों के मनोभाव के अनुरूप डिजाइन

    रोबोट सेंसर, कैमरे, लैंस, जीपीएस, अलर्ट, मैसेजिंग, अलार्म और सिग्नल देने वाला रहेगा। इसमें यह खूबियां बच्चों के मनोभाव के अनुरूप डाली जाएंगी। भूख लगने में, पेट दर्द होने पर, गुस्सा या चिड़चिड़ापन में क्या करते हैं। सब कुछ रोबोट में इंस्टॉल होगा। यह आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग, प्रोग्रामिंग आदि पर आधारित रहेगा।

    बच्चों को सिखाने वाला पहला रोबोट

    प्रो. भट्टाचार्या के मुताबिक बच्चों को इस तरह की शिक्षा देने वाला देश का पहला रोबोट होगा। इसके निर्माण डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी और जैपनीज़ सोसाइटी प्रोमोशन साइंस की ओर से आर्थिक सहयोग मिल रहा है।