स्वामी सानंद की याद में बनेगा 'गुरुदक्षिणा' कोष, आइआइटी के पूर्व छात्र जमा करेंगे राशि
आइआइटी के इस कोष की राशि से गोद लिए गए गांवों का विकास करने में खर्च की जाएगी।
कानपुर, जेएनएन : आइआइटी के सिविल इंजीनियरिंग व पर्यावरण विभाग में प्रोफेसर रहे ज्ञानस्वरूप सानंद (जीडी अग्रवाल) की याद में 'गुरुदक्षिणा' कोष बनाया जाएगा। 1994 बैच के पूर्व छात्रों ने यह निर्णय लिया है। 'मैन ऑन नेचर' व 'द स्मार्ट विलेज' के नाम से स्थापित इन दो कोषों में दो साल के भीतर छह करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे।
ज्ञानस्वरूप सानंद को समर्पित इन कोषों की जिम्मेदारी यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत पूर्व छात्र प्रखर बंसल को सौंपी गई है। आइआइटी में आयोजित पूर्व छात्र सम्मेलन में भाग लेने आए 98 छात्रों ने निदेशक प्रो. अभय करंदीकर से इस संबंध में बातचीत की थी। फॉक्सकोन कंपनी में कार्यरत पूर्व छात्र राजेश अभिचंदानी ने बताया कि यह पहली बार है जब पूर्व छात्रों का समूह इस तरह का कोई कोष बना रहा है जो प्रतिवर्ष सहयोग देगा। हम सभी छात्र मिलकर अपनी अपनी आय का कुछ प्रतिशत इस कोष में जमा करेंगे।
गोद लिए गांवों का होगा विकास
कोष से आइआइटी के गोद लिए गए गांवों का विकास किया जाएगा। छात्रों के शोध कार्य व इंडस्ट्री के साथ मिलकर तकनीकी विकसित करने के लिए भी इस फंड का इस्तेमाल किया जा सकेगा। चूंकि स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद ने पर्यावरण पर बहुत काम किया था। उनकी स्मृति में स्थापित किए जाने वाले इस कोष का कुछ भाग स्वच्छता अभियान व गोबर गैस प्लांट स्थापित करने में भी होगा।